पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के राज में बहन-बेटियों की इज्जत-आबरू बार-बार लुटने के बावजूद तृणमूल सरकार चुप्पी साधे बैठी है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि कानून-व्यवस्था से बैखोफ दरिंदे अब मासूम बच्चियों तक को नहीं छोड़ रहे हैं। संदेशखाली से राजधानी कोलकाता तक महिलाओं के लगातार योन शोषण होने के बावजूद ममता बनर्जी सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के बजाए उनपर नमक छिड़कने में लगी हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और लॉ कालेज में बर्बर रेप-मर्डर की दर्दनाक यादें अभी धूमिल भी नहीं हुईं है कि कोलकाता में महिला से दरिंदगी ने राजधानी को शर्मसार कर दिया। राज्य में बहन-बेटियों के शोषण की अब तो सारी हदें ही पार हो गईं हैं। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में दादी के बगल में सो रही मात्र चार साल की मासूम का अपहरण कर बलात्कार करने की दिल दहला देने वाली शर्मनाक घटना सामने आई है। वहशी ने मासूम को मच्छरदानी काटकर किडनैप किया। इस मामले के सामने आने के बाद विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सीएम ममता बनर्जी पर कड़ा हमला बोला है।
पश्चिम बंगाल में एक बार फिर रूह कंपा देने वाली शर्मनाक हैवानियत
संदेशखाली यौन शोषण से लेकर कोलकाता के रेप के दोनों मामलों में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की संलिप्तता सामने आई थी। बेशर्मी की हदें पार करते हुए सरकार दुष्कर्म जैसे घिनौने मामलों में भी अपने नेताओं, कार्यकर्ताओं को बचाने की कोशिश करती रही। अब तो ममता बनर्जी के एक कदम और आगे बढ़ते हुए गैंग रेप की इस घटना पर शर्मनाक बयान दिया है कि लड़कियों को “रात में बाहर ही नहीं जाने देना चाहिए।” इस बयान पर बीजेपी ने कड़ा प्रहार करते हुए इसे नारीत्व के नाम पर धब्बा बताया है। संदेशखाली से राजधानी कोलकाता तक महिलाओं का लगातार योन शोषण होने के बावजूद ममता बनर्जी सरकार चुप्पी साधे बैठी है। तृणमूल सरकार के महिलाओं के शोषण के प्रति हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने का ही दुष्परिणाम है कि दुष्कर्म होने के एक महीने तक पुलिस भी सोती रही और दुष्कर्मी खुलेआम छुट्टे घूमता रहे। पश्चिम बंगाल में लगातार रेप की घटनाओं के बाद यह भी सवाल उठ रहे हैं कि राहुल-प्रियंका को ऐसे भयावह मामलों के बाद भी कोलकाता जाने की फुर्सत क्यों नहीं मिल रही है?

चार साल की बच्ची को किडनैप करने के बाद उसके साथ बलात्कार
पश्चिम बंगाल में एक बार फिर रूह को कंपा देने वाली शर्मनाक और हैवानियत भरी घटना सामने आई है। कोलकाता के पास पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में एक चार साल की बच्ची को किडनैप करने के बाद उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया गया। मासूम बच्ची अपनी दादी के साथ सो रही थी। वहशी ने मच्छरदानी काट करके उसे किडनैप किया और फिर शर्मनाक कृत्य को अंजाम दिया। मासूम को बाद में तारकेश्वर के पास गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाया गया। अस्पताल में बच्ची का इलाज चल रहा है। जहां उसकी हालात गंभीर बताई जा रही है। इस घटना को लेकर राज्य में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सीएम ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है।

तारकेश्वर रेलवे हाई ड्रेन के पास खून से लथपथ मिली मासूम
पुलिस के अनुसार यह बच्ची तारकेश्वर में रेलवे शेड के पास एक चारपाई पर मच्छरदानी के नीचे सो रही थी। उसी वक्त पर तभी आरोपी ने उस पर हमला किया। पीड़िता के परिवार ने बताया कि अपराधी ने मच्छरदानी काटकर बच्ची को सोते समय उठा लिया था। ऐसा माना जा रहा है कि घटना सुबह करीब 4 बजे हुई। एक टीवी चैनल से बात करते हुए परेशान दादी ने कहा कि वह मेरे साथ सो रही थी। कोई उसे उठा ले गया। मुझे पता ही नहीं चला कि उसे कब ले जाया गया? मुझे नहीं पता कि उसे कौन ले गए? दादी ने बताया कि बेटी नग्न अवस्था में मिली थी। बच्ची अगली दोपहर तारकेश्वर रेलवे हाई ड्रेन के पास खून से लथपथ मिली। पुलिस ने मासूम को बेहद दयनीय स्थिति में नाले में पाया। इस दौरान बच्ची के गाल पर दांत से काटने के निशान भी पाए गए हैं। अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, उसे तुरंत तारकेश्वर ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने घर तोड़े तो पीड़ित परिवार सड़कों पर आया
पीड़िता की दादी ने कहा कि जब से पश्चिम बंगाल सरकार ने उनके घर तोड़े गए हैं, तब से परिवार सड़कों पर रह रहा है। अपने आंसू पोछते हुए दादी ने कहा कि हम कहां जाएं? हमारे पास कोई घर नहीं है। पुलिस ने POCSO के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। अपराधी की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच शुरू की है। बीजेपी नेता और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। अधिकारी ने एक्स पर लिखा है कि तारकेश्वर पुलिस अपराध को दबाने में व्यस्त है। यह ममता बनर्जी के बेलगाम शासन का असली चेहरा है। एक बच्ची की ज़िंदगी बर्बाद हो गई, फिर भी पुलिस सच्चाई को दबाकर राज्य की नकली कानून-व्यवस्था की छवि को बचा रही है।



आइए, पश्चिम बंगाल में कोलकाता से लेकर संदेशखाली तक महिलाओं के साथ दरिंदगी की कुछ मामलों पर एक नजर डालते हैं…
कोलकाता का पार्क स्ट्रीट: विवाहिता के दरिंदगी की एक माह बाद रिपोर्ट
कोलकाता में विवाहित महिला के साथ दरिंदगी होने की घटना को लेकर राज्य में लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बार मामला कोलकाता के पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन का है। जहां महिला ने लगभग एक महीने पहले बलात्कार होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पहले तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही और मामले को रफा-दफा करना चाहती थी, लेकिन महिला के थाने पहुंचकर विरोध दर्ज करने के बाद आखिरकार पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कर जांच के लिए मजबूर होना पड़ा। पश्चिम बंगाल पुलिस की ऐसी लापरवाह कार्यशैली कई सवाल खड़े करती है। एक माह पहले की उसी शिकायत के आधार पर पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस जांच कर रही है कि पहले के दुष्कर्म मामलों को तरह आरोपी का कनेक्शन तृणमूल कांग्रेस से तो नहीं है।
बलात्कार का एक वीडियो बनाकर कर रहा महिला को ब्लैकमेल
इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि आरोपी ने महिला के सामने खुद को एक सैन्यकर्मी बताया था। और फिर उसने महिला को जेल में बंद उसके पति की रिहाई के लिए कानूनी मदद दिलाने का वादा किया था। आरोपी ने बलात्कार का एक वीडियो भी बना लिया था, जिसे दिखाकर वो महिला को ब्लैकमेल कर रहा था। उसने महिला को धमकी दी कि अगर उसने पुलिस से संपर्क किया तो वीडियो को वायरल कर देगा। महिला ने करीब एक माह पहले कोलकाता के पार्क स्ट्रीट थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि जेल में बंद उसके पति को छुड़वाने के नाम पर खुद को सैन्यकर्मी बताने वाले दरिंदे ने उसके साथ अनेक बार दुष्कर्म किया। साथ ही पैसे भी ऐंठ लिए। शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी सैन्यकर्मी को गिरफ्तार कर लिया। उसका आरोप है कि पति को जमानत दिलाने के नाम पर आरोपी कई बार उसे अलग-अलग जगहों पर भी ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। 
कोलकाता लॉ कालेज: तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने किया गैंगरेप
पश्चिम बंगाल में टीएमसी के ‘गुंडों’ ने आतंक मचाया हुआ है। राजधानी कोलकाता के सरकारी लॉ कॉलेज की छात्रा को लिया है। तृणमूल कांग्रेस से जुड़े तीन लोगों ने छात्रा के साथ कालेज में ही जबरन दुष्कर्म किया। इनमें कॉलेज का एक पूर्व छात्र भी शामिल है। छात्रा रोती रही, गिड़गिड़ाती रही, लेकिन वहशी दरिंदों ने उसे छोड़ा नहीं। इन गुंडों ने ना सिर्फ छात्रा के साथ गैंगरेप किया, बल्कि धमकाने के लिए उसका अश्लील वीडियो भी बनाते रहे। छात्रा ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो उसे हॉकी स्टिक से पीटा। अब जब मामला उजागर हो गया है तो वे छात्रा और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देने से भी बाज नहीं आए। रेप के आरोपी के तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) से जुड़े हैं। जब विपक्ष का दबाव बढ़ा तो पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। विपक्षी दलों ने तृणमूल कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाली सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफ़ा मांगा।
TMC परिषद के नाम पर बुलाया और किया छात्रा से गैंगरेप
कोलकाता की पीड़िता ने पुलिस को बताया, ’25 जून को दोपहर 12 बजे मैं एग्जाम का फॉर्म भरने कॉलेज गई थी। फॉर्म भरने के बाद मैं यूनियन रूम में बैठ गई। आमतौर पर स्टूडेंट आराम करने के लिए वहां बैठते हैं। वहां कुछ और स्टूडेंट भी थे। मनोजीत रूम में आया और कुछ स्टूडेंट से बात करने लगा। वो कॉलेज में TMC छात्र परिषद का अध्यक्ष है। इसलिए सब उसकी बात सुनते हैं। वो स्टूडेंट्स को परिषद में पोजिशन भी दिलवाता है। उसने मुझे भी महिला सेक्रेटरी का पद दिलवाया था। करीब 4 बजे सभी स्टूडेंट्स कमरे से निकलने लगे। मैं भी जाने के लिए निकली। मैं मेन गेट की तरफ जा ही रही थी कि तभी मुझे मेरी जनरल सेक्रेटरी मिल गईं। हम यूनियन रूम के बाहर बैठकर बातें करने लगे। मनोजीत फिर वहां आ गया और हमें यूनियन रूम में बुलाया। वो कह रहा था कि उसे परिषद के काम के बारे में बात करनी है। उस वक्त कमरे में हम 7 लोग बैठे थे।’

पीड़िता प्यार नहीं करती, फिर भी जबरन करना चाहता था शादी
दामिनी ने पुलिस को बताया कि इसी बीच प्रमित आया और मुझे बाहर बुला ले गया। वो मुझसे मनोजीत और यूनियन के लिए वफादारी साबित करने के लिए कहने लगा। मैंने कहा कि मैं परिषद के काम में पूरी भागीदारी दूंगी। इसके बाद मनोजीत ने मुझे बुलाकर पूछा कि क्या प्रमित ने सब समझा दिया। मुझे इनकी बातें समझ नहीं आ रही थीं। इसके बाद मनोजीत मुझसे कहने लगा कि वो मुझे पसंद करता है। हालांकि उसकी गर्लफ्रेंड भी है, लेकिन अब वो मुझसे शादी करना चाहता है। मैंने मनोजीत को बताया कि मेरा बॉयफ्रेंड है और मैं उसे किसी भी हाल में नहीं छोड़ना चाहती। मैंने मनोजीत को दूर रहने को कहा। इसके बाद हम यूनियन रूम में अंदर चले गए। तब तक करीब 7:30 बज चुके थे। मैं अपना सामान लेकर निकलने लगी, तभी मनोजीत ने मुझे फिर रोक लिया। उसने इशारे से जैब और प्रमित को बाहर भेजा और दोनों ने रूम बाहर से बंद कर दिया।
Within months of the horrific #RGKar rape-murder, Kolkata bleeds again. Another #Tilottama brutalised. Another daughter destroyed.
A 24-year-old law aspirant, filled with dreams of justice, was slaughtered at the altar of TMC’s perversion.
What did she get?
Terror. Trauma.… pic.twitter.com/nb9aaaCzsx— Amit Malviya (@amitmalviya) June 28, 2025

आरोपी मनोजीत है टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी का करीबी
कॉलेज में TMC छात्र परिषद का अध्यक्ष और मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा दरअसर टीएमसी सांसद और राज्य के बड़े नेता अभिषेक बनर्जी का करीबी है। इसके चलते विक्टिम का परिवार के मन में एफआईआर दर्ज होने बावजूद खौफ बैठा हुआ है। परिवार कह रहा है कि उन पर FIR वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज का पुराना स्टूडेंट है। 2012 में कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन का जनरल सेक्रेटरी रह चुका है। मनोजीत अलीपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकालत करने के साथ ही कॉलेज में कॉन्ट्रैक्ट पर काम भी करता था। वो नॉन-टीचिंग स्टाफ है और कॉलेज में एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिस का काम संभालता था। अभी कॉलेज में TMC से जुड़ा काम भी वही संभाल रहा था। तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद में साउथ कोलकाता का यूनिट सेक्रेटरी भी है। वहीं जैब और प्रमित कॉलेज के ही स्टूडेंट हैं और TMCP के सदस्य हैं।
OUTRAGEOUS! Manojit Mishra, one of the prime accused in the brutal gang-rape of a college student in Kasba has direct links with the most powerful in the TMC:
➡️ MP Abhishek Banerjee
➡️ Councillor Kajari Banerjee (Mamata Banerjee’s sister-in-law)
➡️ State Minister Chandrima… pic.twitter.com/6cnN2iSao4— Amit Malviya (@amitmalviya) June 27, 2025
आरोपी मनोजीत टीएमसी में पद दिलाने के नाम पर करता था शोषण
कोलकाता लॉ कॉलेज के स्टूडेंट्स के मुताबिक, ‘मनोजीत लड़कियों को छेड़ता है और उन्हें कॉम्प्रोमाइज करने के लिए कहता है। वो लड़कियों को पार्टी में पद दिलाने और एग्जाम में नंबर दिलवाने का झांसा देता रहा है। पहले भी उसके खिलाफ 20 शिकायतें आ चुकी हैं। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के भी आरोप लग चुके हैं। मनोजीत अभिषेक बनर्जी के अलावा टीएमसी के कई नेताओं से जुड़ा हुआ है। कई नेताओं के साथ उसके फोटो भी हैं। पुलिस ने विक्टिम का मेडिकल करवाया है। उसके शरीर पर चोट के निशान हैं। पब्लिक प्रॉसीक्यूटर सौरीन घोषाल के मुताबिक, ‘तीनों आरोपियों को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने मेडिकल सबूतों और विक्टिम की गवाही में तालमेल पाया। इसीलिए तीनों को अभी पुलिस कस्टडी में ही रखा जाएगा।’
TMC सांसद कल्याण बनर्जी का रेप को लेकर विवादित बयान
TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने घटना को लेकर विवादित बयान दिया। बनर्जी ने कहा- अगर कोई दोस्त अपने दोस्त के साथ बलात्कार करता है तो क्या किया जा सकता है। दूसरी ओर भाजपा नेता कौस्तव बागची ने मनोजीत मिश्रा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। कौस्तव ने साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज से ही पढ़ाई की है और कोलकाता हाईकोर्ट में वकील हैं। उनके मुताबिक कॉलेज के बोर्ड अध्यक्ष अशोक देब की सिफारिश पर मनोजीत मिश्रा को कॉलेज में दाखिला मिला था। अशोक देब के कारण हर साल उन छात्रों को भी कॉलेज में दाखिला मिल जाता है, जिनके नंबर कम हैं। मनोजीत इनकी गैंग का हिस्सा बन गया। उसे कॉलेज में नॉन-टीचिंग स्टाफ के तौर पर शामिल कर लिया गया। उस पर कैंपस में कई बार लड़कियों को छेड़ने के आरोप लग चुके हैं। हर बार अपने प्रभाव के कारण वो बच गया।’

आरजी कर मेडिकल कालेज: हॉस्पिटल में ही ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर
आरजी कर हॉस्पिटल में पिछले साल ही रात में ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। पिछले साल 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। इस घटना के बाद कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में 8 अगस्त 2024 की रात को ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद (मरते दम तक जेल) की सजा सुनाई गई और 50 हजार का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने 18 जनवरी को संजय को दोषी ठहराया था। इससे पहले संदेशखाली में भी टीएमसी नेता पर ही महिलाओं के शोषण के आरोप लगे थे। ममता बनर्जी सरकार ने उसके खिलाफ एक्शन के बजाए उसको बचाने की शर्मनाक कोशिशें की थीं।

SC ने कहा- सोते समय हमला तो उसने चश्मा कैसे पहना हुआ था?
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए डॉक्टर रेप-मर्डर केस की सुनवाई की। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ”हमने रिपोर्ट देखी है और इसमें कुछ अहम सुराग मिले हैं। इस मामले में सीबीआई जांच जारी रहेगी। पहले बलात्कार और हत्या के मामले में और दूसरे वित्तीय अनियमितताओं के मामले में। उन्होंने कहा कि चोट के निशानों से पता चलता है कि पीड़िता ने वारदात के वक्त चश्मा पहना हुआ था। यदि उस पर सोते समय हमला हुआ, तो फिर उसने चश्मा कैसे पहना हुआ था?
ममता सरकार को फटकार मिली, काम पूरा करने के निर्देश
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ”सीबीआई ने 30 सितंबर को चौथी स्टेट्स रिपोर्ट पेश की है। इसमें जांच में उठाए गए कदमों और सुरागों का ब्यौरा दिया गया है। सीबीआई रेप-मर्डर केस के साथ वित्तीय अनियमितताओं की जांच भी कर रही है। इन दोनों के बीच क्या संबंध है, ये सीबीआई द्वारा जांच का विषय है। इस केस से जुड़े कई लोग अपने पदों पर बने हुए हैं. ऐसे लोगों को या तो निलंबित किया जाना चाहिए या छुट्टी पर जाने का निर्देश दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सीसीटीवी लगाने, शौचालय और अलग रेस्ट रूम बनाने आदि का काम वह बहुत धीरे-धीरे कर रही है। तब कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को 15 अक्तूबर तक काम पूरा करने निर्देश दिए थे।

उत्तर 24 परगना के सागोर दत्ता एमसीएच में फिर डॉक्टर पर हमले से रोष
दूसरी ओर आरजी कर एमसीएच में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ ड्यूटी के दौरान हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में 42 दिनों के आंदोलन के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 21 सितंबर को आंशिक रूप से अपनी हड़ताल वापस ले ली थी। राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों को ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया था। लेकिन उत्तर 24 परगना के सागोर दत्ता एमसीएच में भर्ती एक महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने डॉक्टरों और अन्य अस्पताल कर्मचारियों पर हमला बोल दिया। हमले के बाद अस्पताल के मेडिकल स्टाफ हड़ताल पर चले गए।

बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर के खिलाफ लगे ‘वापस जाओ’ के नारे
एक अन्य घटनाक्रम में, पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार को सागोर दत्ता एमसीएच में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के ‘वापस जाओ’ के नारे का सामना करना पड़ा। दरअसल, संदेशखाली और आरजी कर मेडिकल कालेज मामले में कांग्रेस नेताओं के रवैये डॉक्टरों में रोष है। भाजपा जहां एक ओर डॉक्टरों का खुलकर समर्थन कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस हीलाहवाली का रवैया अख्तियार किए हुए है। इसलिए जूनियर डाक्टरों ने पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष शुभंकर सरकार को वापस जाओ नारे के साथ वापस ही भेज दिया। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में से एक ने हाथ जोड़कर राज्य कांग्रेस अध्यक्ष से कहा कि वे वहाँ से चले जाएँ।
तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने बयान पर फिर बवाल
ऐसे समय में जब डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं, तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर ने बहरामपुर में मुर्शिदाबाद एमसीएच के प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों का घेराव करने के लिए 10,000 लोगों को ले जाने की धमकी देकर विवाद खड़ा कर दिया है। कबीर ने कहा, “वे वातानुकूलित कमरों में आंदोलन और विरोध करते हैं जबकि आम जनता सड़कों पर कष्ट झेलती है। मुझे पता चला है कि इस महीने की शुरुआत में काम बंद करने वाले जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ मेरी पिछली टिप्पणियों के लिए मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।” कुछ दिन पहले विधायक ने कहा था कि अगर डॉक्टर हड़ताल पर रहे तो उन्हें बड़े पैमाने पर विरोध का सामना करना पड़ेगा।
संदेशखाली: तृणमूल के गुंडों से यहां मानवता भी हुई शर्मसार
पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना जिले के संदेशखाली से देशभर को यह साफ-साफ संदेश जा रहा है कि ममता बनर्जी की सरकार में किस निर्ममता से हिंदू महिलाओं का यौन उत्पीड़न हो रहा है। हैरत की बात है कि टीएमसी के गुंडों की काली करतूतों के उजागर हो जाने के बावजूद लेफ्ट-लिबरल गैंग को होंठों पर चुप्पी के ताले लग गए हैं। यहां तक कि इस गैंग में शामिल महिलाओं तक को पश्चिम बंगाल की हिंदू महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और उत्पीड़न नजर नहीं आ रहा है। संदेशखाली जैसा वीभत्स मामला यदि किसी भाजपा शासित प्रदेश में हो गया होता, तो ये गैंग इतने खतरनाक शब्दों की ऐसी जुगाली करता कि मानवता भी शर्मसार हो जाती। लेकिन अब इन्हें पश्चिम बंगाल में शर्मसार हो रही बहन-बेटियां दिखाई नहीं दे रही हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो हिंदू महिलाओं के साथ हुईं यौन उत्पीड़न की वारदातों को दंगे का रूप दे दिया है। वे अपने पार्टी के गुंडों की काली-करतूतों पर पर्दा डालने के लिए बेवजह आरएसएस को बदनाम करने पर उतर आई हैं। सरकार के इस पक्षपातपूर्ण रवैये के बाद उच्च न्यायालय को भी संज्ञान लेकर कहना पड़ा है कि सरकार संदेशखाली से धारा 144 हटाए।

पीड़ित दलित और आदिवासी महिलाओं की दास्तान अंदर तक झकझोर देने वाली
बीते कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल का संदेशखाली हिंसा की आग में झुलस रहा है। संदेशखाली का पूरा मामला ED की कार्रवाई के बाद लोगों के सामने आया है। काबिले जिक्र है कि पिछले माह 5 जनवरी, 2024 को ED के अधिकारियों ने राशन भ्रष्टाचार मामले में संदेशखाली के सरबेड़िया में तृणमूल नेता शेख शाहजहां से पूछताछ करने पहुंचे हुए थे। तृणमूल के गुंड़ों की मदद से न सिर्फ नेता शाहजहां शेख फरार हो जाने में कामयाब रहा, बल्कि इस दौरान सरकारी अधिकारियों पर भी हमले भी किए गए थे। इसके बाद से ही स्थानीय लोगों ने अपनी आवाज तेज कर दी और खुल कर सामने आ गए। गांव के लोग शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हो रही है।

Horror of #Sandeshkhali
TMC rule has created a system has made people of all ranks waiting for corruption. If common people protest, they were beaten with spades. Hear the dire situation from the residents.
Video Courtesy #TV9Bangla pic.twitter.com/FWu7jClLmp
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) February 6, 2024
लेफ्ट-लिबरल गैंग ने इस ओर से अपने आंख-कान बंद कर लिए
संदेशखाली की पीड़ित दलित और आदिवासी महिलाओं की बात हर किसी को अंदर तक झकझोर देने वाली है, लेकिन लेफ्ट-लिबरल गैंग ने इस ओर से अपने आंख-कान बंद कर लिए हैं। राशन भ्रष्ट्रचार मामले को लेकर जांच करने पहुंचे ED और केंद्रीय बलों पर 5 जनवरी को हुए हमलों के 33 दिनों के बाद 7 फरवरी को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में फिर से हंगामा होने लगा। इस बार गांव वालों का विरोध प्रदर्शन तृणमूल समर्थकों के खिलाफ था। संदेशखाली की महिलाओं ने वहां के टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया। महिलाएं लगातार नेता और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। आक्रोशित महिलाओं और लोगों ने शाहजहां के करीबी विश्वासपात्र और टीएमसी नेता शिबू हाजरा के खेत और पॉल्ट्री फॉर्म में आग भी लगा दी। आरोप है कि पॉल्ट्री फॉर्म गांव के लोगों की जमीन छीनकर उसपर अवैध तरीके से बनाया गया। ये कई तरह के अवैध कार्यों का सेंटर था।
यौन उत्पीड़न करने वालों की गिरफ्तारी के लिए सड़कों पर उतरीं महिलाएं
संदेशखाली में शुरू हुए बवाल ने धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाएं लाठी-डंडों और बांस के साथ सड़कों पर उतर आईं। महिलाओं की मांग थी कि तृणमूल के स्थानीय नेता शेख शाहजहां, ब्लॉक अध्यक्ष शिवप्रसाद हाजरा और उनके साथी उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जाए। संदेशखाली की महिलाओं में भयंकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। महिलाएं शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करते हुए फिर से सड़कों पर उतर आईं। आरोप है कि शाहजहां ने पार्टी के नाम पर गांव वालों पर लम्बे समय तक जो अत्याचार किया है। ऐसे में महिलाओं की मांग है कि उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इस दौरान गांववालों और तृणमूल समर्थक के एक गुट के बीच मारपीट की घटना भी सामने आई थी। जानकारी के मुताबिक, केंद्र द्वारा बंगाल को बकाया फंड से वंचित करने का आरोप लगाकर तृणमूल ने संदेशखाली के त्रिमोहानी बाजार में जनजाति समुदाय के एक वर्ग के साथ एक रैली निकाली थी। इसमें शेख शाहजहां के जयकारे लगाने के बाद ही हंगामा शुरू हुआ था।
#Tolamul goons pulled her hand from outside and told her they will gang rape her in presence of #Tolamul Police.
This is the conditions of Sandeshkhali women for years now.
pic.twitter.com/napp1tDwez— Tolamul Monitor (@TMCWatch) February 11, 2024
राज्यपाल बोस दौरा कर बोले- मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला
पश्चिम बंगाल 24 उत्तरी परगना जिले में हिंसा को लेकर बंगाल के राज्यपाल ने भी राज्य के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किए हैं। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रदर्शनकारियों से बात की थी। इस दौरान राज्यपाल ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जाएगी। राज्यपाल ने स्थानीय महिलाओं से कहा कि चिंता मत कीजिए, आपको न्याय जरूर मिलेगा। महिलाओं को कहते सुना गया कि वह अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहती हैं। वह और प्रताड़ना नहीं झेल सकतीं हैं। राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था।
Sandeshkhali, West Bengal. Area of fugitive TMC goon Sheikh Shahjahan whose men had roughed up ED officials.
Local women say Shahjahan’s men, the party cadre, abduct any woman they fancy, keep her for days, and return her when they are satisfied.
Massive local uprising against… pic.twitter.com/9oHcyYMysM
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) February 9, 2024
हिंदुओं के नरसंहार के लिए जानी जाती हैं ममता बनर्जी- स्मृति ईरानी
पश्चिम बंगाल में संदेशखाली की घटना को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधे निशाने पर लिया है। ईरानी ने कहा कि स्मृति ईरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं के नरसंहार के लिए जानी जाती है। ईरानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं। ईरानी ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि ममता बनर्जी टीएमसी कार्यकर्ताओं को यह इजाजत कैसे दे रही है कि वो घर-घर जाकर गुंडागर्दी कर रहे हैं। ईरानी ने मीडिया से संदेशखाली की कुछ महिलाओं ने अपनी व्यथा को बांग्ला में साझा किया है। ईरानी ने आरोप लगाया कि टीएमसी के गुंडे घर-घर जाकर देखते थे कि किस घर की कौन सी औरत सुंदर है। कौन कम उम्र की है? महिलाओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी के लोग उन्हें रात में उठा कर लेकर चले जाते थे। जब तक तृणमूल कांग्रेस वाले नहीं चाहते थे तब तक इन औरतों को नहीं छोड़ा जाता था। ईरानी ने कहा कि महिलाओं ने बताया है कि टीएमसी के गुंडे अधिकतर हिंदू परिवार की महिलाओं को टारगेट कर के जाते थे।


इतनी दरिंदगी के बाद राहुल-प्रियंका को कोलकाता आने से कौन रोक रहा है
पश्चिम बंगाल की राजधानी में मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर, लॉ कालेज के छात्रा और अब विवाहिता के साथ हुई रेप और हत्या की घटना के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रहते बंगाल में महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं से देश दहल रहा है। ऐसी घिनौनी घटनाओं को लेकर लोग अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं, लेकिन आपको हैरानी होगी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मामले पर अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का नारा देने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस पर कुछ नहीं बोल रही हैं। लोग पूछ रहे हैं कि हाथरस कांड पर ये कहने वाले कि ‘दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती’ आखिर इंडी गठबंधन के शासन वाले ममता बनर्जी के बंगाल जाने से उन्हें कौन रोक रहा है? इसे आप दोगलापन नहीं तो क्या कहेंगे कि बीजेपी शासित राज्य में कुछ हो तो दौड़ पर चले जाने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा आखिर बंगाल की घटना पर एक शब्द तक बोल भी नहीं पा रहे हैं।









