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MODI@75:दुनिया के सबसे यशस्वी, लोकप्रिय और विजनरी PM, स्वयंसेवक से तीसरी बार पीएम बनने तक का सफर, रोचक बातें और उपलब्धियां

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस की आज (17 सितंबर) प्लैटिनम जुबली है। प्रधानमंत्री मोदी स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाले पहले प्रधानमंत्री तो हैं ही। इसके साथ ही वे दुनिया के सबसे यशस्वी, तेजस्वी, मनस्वी और विजनरी पीएम भी हैं। यही वजह है कि वे विश्व में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा चाहने वाले, सम्मानित और लोकप्रिय भारतीय प्रधानमंत्री हैं। वे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से ज्यादा स्टाइलिश हैं और सबसे युवा पीएम राजीव गांधी से ज्यादा ऊर्जावान भी हैं। यहां तक कि वे अटल बिहारी वाजपेयी से ज्यादा विजनरी और स्मार्ट पीएम हैं। पीएम मोदी ने ना सिर्फ देश की इकोनॉमी को रॉकेट इंजन की रफ्तार ही है, बल्कि दुश्मन और आतंकियों को भी घर में घुसकर मारने का ऑपरेशन सिंदूर जैसा जज्बा दिखाया है। पीएम का पद संभालने से पहले उन्होंने बतौर गुजरात सीएम अपने कार्यकाल में अर्जित लाखों रुपये और उपहार दान कर दिए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रशंसक हर वर्ग के हैं, जिनमें युवाओं और किशोरों की संख्या ज्यादा है। वह बच्चों से विशेष लगाव रखते हैं।

मोदी के ऐतिहासिक और अतुलनीय फैसलों से लिखी भारत की विजयगाथा
आज लगातार तीन बार से पीएम पद को सुशोभित कर रहे नरेन्द्र मोदी का 75वां जन्मदिवस है। प्रधानमंत्री बनकर उन्होंने इतने बड़े फैसले लिए हैं, इतने बड़े-बड़े काम किए हैं, जिससे उनका नाम देश ही नहीं, विदेशों में भी अक्सर सुर्खियों में रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी में कुछ ऐसी खास बातें हैं जो उन्हें उनके व्यक्तित्व को सबसे अलग बनाती हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक और अतुलनीय फैसलों से भारत की विजयगाथा देश ही नहीं, दुनियाभर के सामने गुंजायमान हो रही है। विश्वपटल पर भारत की विजय-पताका पूरे वेग के साथ फहर रही है। वैसे तो नरेन्द्र मोदी ने सीएम और पीएम के रूप में कई कामयाबियां हासिल की हैं, हुई हैं, लेकिन इनमें से कुछ फैसले और ऐतिहासिक उपलब्धियां तो सदियों के संघर्ष के बाद मोदी राज में ही हासिल हो पाईं। यह विकसित भारत के सपने के साथ ही राष्ट्र, समाज और सबके विकास और उम्मीदों को लगातार नई ऊर्जा दे रहीं हैं। इससे दुनिया के सामने मजबूत, शक्तिशाली और दृढ़प्रतिज्ञ नए भारत की शानदार छवि बन रही है।

आइए प्रधानमंत्री के बारे में आरएसएस का स्वयंसेवक बनने से लेकर पीएम तक के सफर की कुछ रोचक और दिलचस्प बातें जानते हैं….

 

गुजरात के पहले प्रांत प्रचारक वकील साहब ने बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलवाई
नरेन्द्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को वड़नगर में दामोदार दास मूलचंद मोदी और हीराबेन के यहां हुआ।
वडनगर के भगवताचार्य नारायणाचार्य स्कूल में नरेन्द्र मोदी पढ़ते थे। उन्हें बचपन में एक्टिंग का शौक था।
वे बचपन में स्कूल में एक्टिंग, वाद-विवाद, नाटकों में भाग लेते और पुरस्कार जीतते थे। एनसीसी में भी शामिल हुए।
नरेन्द्र मोदी आठ साल की आयु से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। 1958 में दीपावली के दिन गुजरात आरएसएस के पहले प्रांत प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार उर्फ वकील साहब ने नरेन्द्र मोदी को बाल स्वयंसेवक की शपथ दिलवाई थी।
वे बचपन में साधु-संतों से प्रभावित हुए। वे विवेकानंद की राह पर चलकर संन्यासी भी बनना चाहते थे।
संन्यासी बनने के लिए मोदी स्कूल की पढ़ाई के बीच पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित कई जगहों पर घूमे।
हिमालय में कई महीनों तक साधुओं के साथ रहे। दो साल बाद जब वह हिमालय से वापस लौटे तब उन्होंने संन्यास जीवन त्यागने का फैसला लिया।
इतने बहादुर कि वे एक बार शर्मिष्ठा तालाब से एक मगरमच्छ का बच्चा पकड़कर घर लेकर आ गए। मां के समझाने पर वे वापस उसे तालाब छोड़कर आए।   

भारत-पाक युद्ध के दौरान मोदी ने भारतीय सैनिकों को चाय पिलाई
नरेन्द्र मोदी के पिता की रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी।
हिमालय से लौटने के बाद भी मोदी ने अपने भाई के साथ मिलकर अहमदाबाद में चाय की दुकान भी लगाईं। उन्होंने हर कठिनाई को सहते हुए चाय बेची।
1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने स्टेशन से गुजर रहे सैनिकों को चाय पिलाई।
नरेन्द्र मोदी बाद में घर छोड़कर संघ के प्रचारक बन गए। वे अहमदाबाद संघ मुख्यालय में रहते तो वहां सारे छोटे काम खुद ही करते थे।
नरेन्द्र मोदी संघ में कुर्ते की बांह छोटी करवा लीं, ताकि वह ज्यादा खराब न हो, जो वर्तमान में मोदी ब्रांड का कुर्ता बन गया है और देशभर में मशहूर है।
अहमदाबाद में आरएसएस शिविर लगाने के समय खाने के इंतजाम के लिए नरेन्द्र मोदी के आइडिया पर अमल करते हुए 10 हजार परिवारों से प्रति परिवार 10 रोटी ली गई इससे खाने का इंतजाम आसानी से हो गया।

इमरजेंसी में सरदार के भेष में ढाई साल तक पुलिस को छकाते रहे
नरेन्द्र मोदी कोई भी नया काम शुरू करने से पहले अपनी मां का आशीर्वाद जरूर लेते हैं। चुनाव में मिली जीत के बाद उन्होंने अपनी मां से जाकर आशीर्वाद लिया।
वे 1975 में इमरजेंसी के दौरान सरदार का रूप धरकर ढाई सालों तक पुलिस को छकाते रहे ।
नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से संबंधित तीन महीने का कोर्स भी किया है।
मोदी महान विचारक और युवा दार्शनिक संत स्वामी विवेकानंद से बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। उन्होंने गुजरात में ‘विवेकानंद युवा विकास यात्रा’ निकाली थी।
नरेन्द्र मोदी स्वभाव से आशावादी व्यक्ति हैं। एक भाषण के दौरान उन्होंने कहा था कि लोगों को आधा गिलास पानी से भरा नजर आता है,लेकिन मुझे आधा गिलास पानी और आधा हवा से भरा नजर आता है।

आडवाणीजी की सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा में बड़ी भूमिका निभाई
1990 के दशक में नरेन्द्र मोदी ने आडवाणी जी की सोमनाथ से अयोध्या रथ यात्रा में बड़ी भूमिका निभाई थी।
नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कई देशों की यात्राएं कीं। उन्होंने चीन के विकास को बहुत करीब से देखा।
गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात समिट आयोजित कर देश-विदेश के उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित किया।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उन्होंने बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को गुजरात का ब्रांड एम्बेसडर बनाया।
बंगाल के सिंगूर में टाटा के नैनो कार के प्लांट के विरोध के बाद नरेन्द्र मोदी ने टाटा को एक मैसेज देकर उन्हें गुजरात प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया- वेलकम टू गुजरात।
वर्ष 2005 में मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से मना कर दिया था। बाद में उसी अमेरिका ने उनका इतना शानदार वेलकम किया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा।

सीएम और देश के पीएम रहते हुए मोदी ने एक भी छुट्टी नहीं ली
नरेन्द्र मोदी जी ने लोकसभा चुनाव 2014 में भी सोशल मीडिया का खूब प्रयोग किया। वे सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। ट्‍विटर और फेसबुक पर उनके फॉलोअर्स की संख्या करोड़ों में है।
गुजरात के मुख्यमंत्री और देश के पीएम के रूप में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने कोई छुट्टी नहीं ली।
लोकसभा की कमान संभालने के बाद लोगों में मोदी को लेकर दिलचस्पी जगी और 2 महीने में उनकी 40 से ज्यादा जीवनियां आईं।
बॉलीवुड की कई फिल्मी हस्तियां और खेल जगत के कई बड़े सितारे नरेन्द्र मोदी के फैन हैं।
प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी किसी कार्यक्रम के सिलसिले में साल 2019 में वृंदावन के दौरे पर थे। इस दौरान पीएम मोदी ने बच्चों को खाना परोसा।

दुनिया में सबसे शक्तिशाली और सम्मानित नेता के रूप में मान्यता
2014 के चुनावों के लिए आठ महीने में नरेन्द्र मोदी ने 25 राज्यों में 3 लाख किमी की यात्रा की थी। नई-नई तकनीक का प्रयोग उन्हें बहुत भाता है। इस लोकसभा चुनाव में सबसे पहले मोदी ने 3D तकनीक का प्रयोग कर भाषण दिया था।
नरेन्द्र मोदी अपने ड्रेसिंग सेंस को लेकर बहुत सचेत रहते हैं। जब उनके पसंदीदा ब्रांड के कपड़ों की बात आती है, जेड ब्लू, जो अहमदाबाद स्थित एक कपड़ा कंपनी है।
नरेन्द्र मोदी अब तक 70 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुके हैं।
नरेन्द्र मोदी ने गुजराती भाषा में हिंदुत्व से संबंधित कई लेख भी लिखे हैं।
उनकी लिखी किताब का नाम है ‘साक्षीभाव’। मोदी ने कहा कि ‘जब मैं 36 साल का था, तब ‘साक्षीभाव’ जगद्जननी मां के साथ मेरे संवाद का संकलन है।
2014 फोर्ब्स पत्रिका की सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में मोदी 15वें स्थान पर थे।
पीएम मोदी को न केवल भारत में बल्कि दुनिया में सबसे शक्तिशाली और सम्मानित नेताओं में से एक माना जाता है
पीएम मोदी की ही पहल पर यूएनओ ने 21 जून को योगा डे घोषित किया। तब से विश्वभर में इस दिन जल-थल-नभ में और सर्वाधिक खूबसूरत पर्यटक स्थलों पर योग दिवस मनाया जाता है।

सेना के जवानों के साथ दीपोत्सव पर्व मनाते हैं पीएम मोदी
पीएम मोदी अपने खाने का खर्च खुद उठाते हैं। यानी है उनके खाने पर सरकार का कोई खर्च नहीं होता है।
नरेन्द्र मोदी लगातार 11 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहने वाले पहले गैर कांग्रेसी पीएम हैं।
पीएम मोदी के कार्यकाल में बीजेपी ने सबसे ज्यादा राज्यों में जीत हासिल की है।
पीएम मोदी दीपोत्सव का पर्व सेना के जवानों के साथ सरहद पर जाकर मनाते हैं।
वे 8-10 घंटे नहीं, बल्कि 18 घंटे काम करते हैं और मोदी के चेहरे को थकान छू तक नहीं पाती।
मोदी राज में पहली बार पाकिस्तान को पाकिस्तान में घुसकर सबक सिखाया और सेना को फ्री हैंड दिया।
नरेन्द्र मोदी की छवि एक कठोर प्रशासक और कड़े अनुशासन के आग्रही की मानी जाती है। इसके साथ ही अपने भीतर वे मृदुता, भावुकता और सामर्थ्य की अपार क्षमता भी संजोये हैं।

फाइल फोटो

देश की इकोनॉमी में सुपर स्पीड, ऑपरेशन सिंदूर में पाक परास्त
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का पता इससे भी चलता है कि उन्हें 26 देशों से 26 ग्लोबल अवार्ड मिल चुके हैं।
पीएम मोदी विरासत भी और विकास भी की तर्ज पर धार्मिक स्थलों का भी पुनरुद्धार करा रहे हैं।
पीएम मोदी के कर कमलों ने अयोध्या में राम लला मंदिर का शिलान्यास हुआ। फिर उन्होंने ही प्राण प्रतिष्ठा कराई।
सोमनाथ से लेकर केदारनाथ, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लेकर उज्जैन के महाकाल लोक तक उन्होंने करोड़ों के कार्य कराए हैं।
पीएम मोदी के कार्यकाल में ही देश की अर्थव्यवस्था 11 स्थान से विश्व की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनी है।
सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के बाद अब ऑपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता ने पाकिस्तान को बुरी तरह परास्त किया है।

आइए, अब नरेन्द्र मोदी की खास उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं। ये ऐतिहासिक सफलताएं उन्होंने सीएम और पीएम के कार्यकाल में पाई हैं…

देशवासियों ने बनाया लगातार तीसरी बार गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपलब्धियों के इतने रिकॉर्ड बनाए हैं कि दुनियाभर में भारत का परचम लहरा रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत न सिर्फ दुनिया की सबसे तेज बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है, बल्कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। पिछले करीब-करीब दशक में नरेन्द्र मोदी पहले 13 साल गुजरात के सीएम रहे और अब 2014 से देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित कर रहे हैं। बतौर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी के नाम कई उपलब्धियां है। स्वतंत्र भारत में वे पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं, जो लगातार तीन कार्यकाल में पीएम बने हैं। भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी ने आमजन को संतुष्ट करने में जबर्दस्त सफलता पाई है। वो चाहे चुनावी वादों को समयसीमा के अंदर प्रभावी तरीके से पूरा करने की बात हो या फिर कोविड-19 महामारी जैसी अप्रत्याशित आपदा से निपटने की। पीएम मोदी के फैसलों ने देश और देशवासियों के प्रति उनकी निष्ठा की भावना और मजबूत कर दी। विकसित और आत्मनिर्भर भारत बनाने, कोरोना महामारी से प्रभावित वंचित तबके के करोड़ों लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन को उसी की भाषा में जवाब देने और श्रम एवं कृषि क्षेत्र के लंबित सुधारों को अंजाम तक पहुंचाने तक, मोदी ने कई कड़े और बड़े साहसिक कदम उठाए हैं।गुजरात मॉडल से लेकर न्यू इंडिया बनाने तक उठाए कई ऐतिहासिक कदम
आज पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर सीएम से लेकर पीएम तक, गुजरात मॉडल से लेकर न्यू इंडिया बनाने तक के उनके ऐतिहासिक कदमों पर नजर डालते हैं। पीएम मोदी की विदेश यात्राओं से भारत के डिप्लोमेटिक रिश्ते कई देशों से मजबूत हुए हैं। स्पेस से लेकर डिफेंस तक के सेक्टर में भारत नित-नए रिकॉर्ड बना रहा है और एक्सपोर्ट कर रहा है। यही वजह है कि निर्यात में चार सौ प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई है। जीडीपी, विदेशी मुद्रा भंडार और भारत में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। पीएम मोदी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म, सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी हाईवे टनल, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट, दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट, देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज, सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग आज भारत के नाम दर्ज हो चुका है। मोदी सरकार की लगातार गर्वीली उपलब्धियों के चलते ही हर देशवासी पीएम मोदी के तीसरे टर्म को लेकर आतुर है। पीएम मोदी ने तीसरी बार पीएम बनने के बाद दोहराया है कि उनके इसी टर्म में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी भारत की होगी।

 

1: काले धन और टैरर फंडिंग पर नकेल कसने के लिए नोटबंदी लागू की
मोदी सरकार ने कालाधन, आतंकवाद, जाली नोट और टैरर फंडिंग के खिलाफ बड़े हथियार के रूप में नोटबंदी लागू की। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद टीवी पर आकर बताया कि आज रात से 500 और 1000 रुपए के नोट बेकार हो जाएंगे। जनता को इन नोटों को बैंकों में जमा करने की पूरी छूट मिली। सरकार ने पूरा जोर डिजिटल करेंसी बढ़ाने और डिजिटल इकोनॉमी बनाने पर दिया। नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले से डिजिटल ट्रांजेक्शन में इजाफा हुआ। 2016-17 में 1013 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ था। 2017-18 में ये बढ़कर 2,070.39 करोड़ और 2018-19 में 3133.58 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ। अब 2021-22 में 7422 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ है, जो पिछले साल से 33 प्रतिशत अधिक है। इससे आतंकवाद, नक्सलवाद और जाली नोट के खिलाफ भी बड़ी सफलता मिली है।

2: सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर पहली बार दुश्मन को घर में घुसकर मारा
पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत का आतंकवाद से निपटने को लेकर नजरिया एकदम बदल गया। आजादी के बाद पहले 28 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक और फिर 26 फरवरी 2019 को एयर-स्ट्राइक के वक्त भारत ने दुश्मन की सीमा में घुसकर उसे सबक सिखाया। आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघी थी। सर्जिकल स्ट्राइक और फिर एयरस्ट्राइक के वक्त पहली बार ऐसा हुआ जब युद्ध की स्थिति नहीं होते हुए भी आतंकी घटनाओं का जवाब देने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार जाकर आतंकियों को सबक सिखाया। इससे भारत की आंतकवाद के खिलाफ लड़ने को लेकर छवि मजबूत हुई। पूरी दुनिया ने  महसूस किया गया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अब अपने दुश्मनों को कहीं भी जाकर खत्म कर सकता है। यही वजह रही की भारत की जनता 2019 में मोदी सरकार को और ज्यादा ताकत के साथ सत्ता में लेकर आई।

3: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 का खात्मा, अब विधानसभा चुनाव की सौगात
पीएम मोदी सरकार के कार्यकाल में एक और ऐतिहासिक फैसला हुआ, जिसने कांग्रेस सरकार द्वारा की गई गलतियों का खात्मा किया। मोदी सरकार ने प्रशासनिक संकल्प से जम्मू-कश्मीर से संविधान की धारा 370 हटा दी। इससे राज्य को मिले विशेषाधिकार खत्म हो गए। जम्मू-कश्मीर दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट गया। दरअसल, 1948 में जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत में विलय से पहले विशेषाधिकार की शर्त रखी थी और तत्कालीन सरकार ने इसे मान भी लिया। इससे जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा होने के बाद भी अलग ही रहा। राज्य का अपना अलग संविधान बना। वहां भारत में लागू कुछ ही कानून लागू होते थे। बच्चों को शिक्षा का अधिकार (RTE) तक नहीं मिला था। कश्मीर में सिर्फ कश्मीरी ही जमीन खरीद सकते थे। भाजपा भी लंबे समय से धारा 370 खत्म करने की मांग कर रही थी। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद बड़ा बदलाव यह हुआ कि अब वहां केंद्र के सभी कानून लागू होते हैं। इससे जम्मू-कश्मीर औपचारिक तौर पर भारत का हिस्सा बना। भारत के सभी कानून जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लागू हुए। मनरेगा, शिक्षा के अधिकार को भी लागू किया गया। सबसे खास बात यह कि धारा 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा के चुनाव भी होने जा रहे हैं।4: तीन तलाक के खिलाफ कानून पारित, हज सब्सिडी भी खत्म की
पीएम मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हक में ऐतिहासिक फैसला लिया। सरकार ने कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं से तीन बार तलाक कहकर संबंध खत्म करने की प्रथा को गैरकानूनी बना दिया। ऐसा करने वालों के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया। मुस्लिम महिलाओं के लिए गुजारा भत्ते/मुआवजे की व्यवस्था भी की। मोदी सरकार ने फरवरी 2018 में अध्यादेश जारी किया। यह बिल की शक्ल में संसद में पेश हुआ और तमाम विरोधों के बाद दोनों सदनों से दिसंबर 2018 में यह पारित हो गया।  राष्ट्रपति के साइन होने के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक कानून बना और इसे 19 सितंबर 2018 से लागू माना गया। इस कानून के लागू होने के बाद तीन तलाक के केस घटकर बमुश्किल 5% ही रह गए हैं। इसके अलावा मोदी सरकार ने हज के लिए दी जाने वाली वाली सब्सिडी भी इसी साल से खत्म कर दी। यानी 2018 के बाद से हज पर जाने वालों को पूरा खर्च खुद ही वहन शुरू हो गया। कई मुस्लिम संगठन हज सब्सिडी को खत्म कराना चाहते थे।5: एक देश, एक टैक्स लागू,  जीएसटी कलेक्शन में लगातार वृद्धि
मोदी सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने से पहले हर राज्य अपने अलग-अलग टैक्स वसूलता था। आधा टैक्स केंद्र सरकार को जाता है और आधा राज्यों को। वसूली केंद्र सरकार करती है। बाद में राज्यों को पैसा लौटाती है। वर्ष 2000 में वाजपेयी सरकार ने पूरे देश में एक टैक्स लागू करने के बारे में सोचा। विधेयक बनाने के लिए कमेटी भी बनाई। पर राज्यों को डर था कि उन्हें जितना रेवेन्यू मिल रहा है, उतना नहीं मिलेगा। इस वजह से मामला अटका रहा। मार्च 2011 में मनमोहन सिंह की सरकार ने इसको लागू करने की कोशिश की, लेकिन वह तो फेल ही हो गई। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार नई सोच के साथ कुछ जरूरी बदलावों के बाद संविधान संशोधन विधेयक लेकर आई। अगस्त 2016 में यह विधेयक संसद ने पास किया। 12 अप्रैल 2017 को जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों को संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति मिली। यह 4 कानून हैं- सेंट्रल GST बिल, इंटिग्रेटेड GST बिल, GST (राज्यों को कम्पेंसेशन) बिल और यूनियन टेरेटरी GST बिल। तब जाकर 1 जुलाई 2017 की आधी रात से नई व्यवस्था पूरे देश में लागू हुई। मोदी सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने से टैक्स की विसंगति दूर हुई। अब पूरे देश में हर सामान पर एक-सा टैक्स लगता है। जीएसटी कलेक्शन में लगातार वृद्धि हो रही है।6: प्रवासियों के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीसीए) लागू किया
पीएम मोदी सरकार ने बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम (हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, पारसी और इसाई) प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीसीए) लागू किया। पहले इन लोगों को भारत की नागरिकता पाने के लिए भारत में 11 साल रहना होता था। नागरिकता संशोधन बिल के बाद ये अवधि 11 साल से घटकर 6 साल हो गई। वैसे यह बिल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में (जनवरी 2019 में) लोकसभा से पारित कर दिया गया था। राज्यसभा में पास होने से पहले ही 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया। लोकसभा भंग होने के साथ ही यह बिल भी रद्द हो गया। 17वीं लोकसभा के गठन के बाद मोदी सरकार ने नए सिरे से इस बिल को पेश किया। 10 दिसंबर 2019 को ये बिल लोकसभा और 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में पास हो गया। राष्ट्रपति से हस्ताक्षर के बाद 10 जनवरी 2020 को इसे लागू कर दिया गया। इस बिल के लागू होने से कई सालों से अवैध रूप से भारत में रह रहे लोगों को भारतीय नागरिकता पाने की राह आसान हुई।7: सदियों के संघर्ष के बाद जन्मस्थली पर बना भव्य-दिव्य राम मंदिर 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के ऐतिहासिक अवसर पर कहा कि सदियों का इंतजार आज समाप्त हुआ है। आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक भी है। करोड़ों लोगों को ये विश्वास ही नहीं हो रहा कि वो अपने जीते-जी इस पावन दिन को देख पा रहे हैं। राम मंदिर के इस भूमिपूजन तक पहुंचने में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। भाजपा के लिए हमेशा से ही राम मंदिर निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। दरअसल, 1528 में अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर मस्जिद का निर्माण हुआ, जहां भगवान राम का जन्मस्थान है। मुगल शासक बाबर की शह पर ही उसके सेनापति मीर बाकी ने राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। सदियों के संघर्ष के बाद बीजेपी नेताओं की अगुवाई में 6 दिसंबर 1992 अयोध्या पहुंचे हजारों कारसेवकों ने बाबरी ढांचा गिरा दिया। इसकी जगह इसी दिन शाम को अस्थायी मंदिर बनाकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। केंद्र की तत्कालीन नरसिंह राव सरकार ने कल्याण सिंह सहित अन्य राज्यों की भाजपा सरकारों को भी बरखास्त कर दिया। कोर्ट में लंबी चली पैरवी के बाद 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित स्थल को श्रीराम जन्मभूमि माना और 2.77 एकड़ भूमि रामलला के स्वामित्व की मानी। 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की। इसके बाद भव्य मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन किया। इस साल 22 जनवरी को राम लला के भव्य-दिव्य मंदिर का पीएम मोदी ने ही विधिवत शुभारंभ किया।

8: वैश्विक कोरोना महामारी के लिए वैक्सीन बनाकर 98 देशों में भी भेजी 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति, विजन और अनथक प्रयासों के चलते भारत ने इस दिन 200 करोड़ वैक्सीनेशन के जादुई आंकड़े को रिकार्ड समय में पार कर लिया। इसके साथ ही सरकार ने करोड़ों देशवासियों को वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सुरक्षा कवच मुहैया कराया। कोरोना के शुरुआत में जब हमारे पास वैक्सीन ही नहीं थी, तब यह लक्ष्य बेहद दुरूह नजर आता था। लेकिन महामारी के बीच में ही पीएम मोदी की देशभक्ति, दूरदृष्टि और अटल इरादों ने 135 करोड़ भारतीयों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई का विश्वास भर दिया। भारत ने न सिर्फ अपने देशवासियों को बचाया, बल्कि विश्व के 98 देशों में 200 मिलियन डोज की आपूर्ति भी की। इसके लिए भारत को विश्वभर से बधाइयां मिलीं। तेजी से चले वैक्सीनेशन अभियान का फायदा यह रहा कि तीसरी लहर ने भारत में कहर नहीं बरपाया, जबकि दूसके कई देश इसकी चपेट में आए।9: हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को बढ़ावा, केदार से काशी तक सनातन का परचम 
भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की फिलॉसफी से चलती है। राम मंदिर ही नहीं, बीजेपी ने काशी से लेकर केदारनाथ तक, सोमनाथ से लेकर मथुरा तक के मंदिरों को न सिर्फ मुद्दा बनाया, बल्कि उनको भव्यता और दिव्यता भी प्रदान की। जनता के लिए तीर्थाटन योजना भी सबसे पहले भाजपा की ही राज्य सरकारों ने शुरू की। बीजेपी ने गाय और गोवंश का मुद्दा भी प्राथमिकता से लिया। केंद्र से लेकर अलग-अलग राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने पर गोहत्या रोकने की कोशिश की गई है। अटल सरकार ने गो पशु आयोग बनाया। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने गोहत्या पर पूरी तरह से रोक लगा दी। 26 मई 2017 को मोदी सरकार ने पशु बाजारों में हत्या के लिए मवेशियों की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी थी।

10: फार्मा सेक्टर ने दमदार निर्यात से भारत को दुनिया का सबसे सस्ता दवाखाना बनाया
भारत के फार्मा सेक्टर ने निर्यात के मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन किया है। अगर कहा जाए कि भारत दुनिया का सस्ता दवाखाना बनने जा रहा है तो यह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। यह सब हो रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जिन्होंने देश की सत्ता संभालने के बाद कहा था…”मैं देश नहीं झुकने दूंगा।” पीएम मोदी ने 2014 में देश सत्ता संभालने के बाद हर सेक्टर के विकास पर जोर दिया है और यही वजह है कि फार्मा सेक्टर ने पिछले आठ साल में निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। पिछले 8 वर्षों में इसमें करीब 10 बिलियन अमरीकी डॉलर की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसमें खास बात यह है कि कोरोना काल में विभिन्न बाधाओं के बावजूद भारतीय फार्मा कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। भारतीय औषध उद्योग को वैश्विक बाजार में अग्रणी भूमिका निभाने हेतु समर्थ बनाना और आम उपभोग के लिए अच्छी गुणवत्ताओं वाले औषध उत्पादों का उचित मूल्यों पर देश के अंदर प्रचुर उपलब्धता सुनिश्चित करना केंद्र सरकार का अहम लक्ष्य है जिसे पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं।

 

11: सेहतमंद भारत की ओर कदम, अब 70 साल से ज्यादा के वरिष्ठजन भी शामिल 

आयुष्मान भारत योजना के तहत मार्च 2022 तक 17.90 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड मुहैया कराए जा चुके हैं। 3.28 करोड़ के अधिक लोग उपचार की सुविधा ले चुके हैं। इस योजना से करीब 27300 निजी एवं सरकारी अस्पताल जुड़े हुए हैं। साथ ही इस योजना के तहत 141 ऐसे मेडिकल प्रोसीजर्स शामिल किए गए हैं, जो सिर्फ महिलाओं के लिए हैं। अक्टूबर 2019 से सितंबर 2021 तक इस योजना का लाभ पाने वालों में 46.7 प्रतिशत महिलाएं हैं। पीएम जय-आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 23 सितंबर 2018 से हुई। इसके तहत 10 करोड़ 74 लाख परिवारों के 50 करोड़ के अधिक लोगों को पांच लाख रुपये-सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। मुफ्त इलाज में गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं।12: गुलामी की निशानी को मिटाकर राजपथ को बनाया कर्तव्य पथ, नेताजी की प्रतिमा का अनावरण
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘पंच प्राणों का विजन रखा है। इन पंच प्राणों में विकास के बड़े लक्ष्यों का संकल्प है, कर्तव्यों की प्रेरणा है। इसमें गुलामी की मानसिकता के त्याग का आवाहन है, अपनी विरासत पर गर्व का बोध है। गुलामी के प्रतीक राजपथ का अस्तित्व समाप्त करके कर्तव्य पथ की पीएम मोदी ने शुरुआत की। इसके साथ ही जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है। ये मन और मानस की आजादी का लक्ष्य हासिल करने तक, निरंतर चलने वाली संकल्प यात्रा है। इसी दिशा में गुलामी की निशानियों को मिटाकर अंडमान के द्वीपों को नेताजी बोस से जोड़कर भारतीय नाम दिए गए।13. भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल, यहां सबसे ऊंची प्रतिमा
दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत का ITPO कॉम्प्लेक्स भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल हो गया है। यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। यह कॉम्प्लेक्स ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक सिडनी ओपेरा हाउस से अधिक बड़ा है। भारत मंडपम में लगाई गई नटराज की यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई 27 फीट और चौड़ाई 21 फीट है। वहीं इस मूर्ति का वजन लगभग 18 टन है। इस मूर्ति को लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से अष्टधातु से बनाया गया है। इस मूर्ति का निर्माण श्री राधाकृष्णण की अगुआई में शिल्प शास्त्र में लिखे गए सभी नियमों और सिद्धातों का पालन करते हुए किया गया है। इस प्रतिमा को जिस लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से बनाया गया है, उसका पालन चोल काल से किया जा रहा है। शिव नटराज की यह मूर्ति अनंत शक्ति का प्रतीक है। ईश्वर का यह स्वरूप धर्म, दर्शन, कला, शिल्प और विज्ञान का समन्वय है।

14.चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत
चंद्रयान-3 14 जुलाई 2023 को 41 दिन की चंद्रमा की यात्रा पर रवाना हुआ था और 23 अगस्त 2023 को इसने सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारत से पहले चांद पर पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ही सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया है, और अब भारत के नाम इस उपलब्धि को हासिल करने का रिकॉर्ड हो गया है। 4 साल में भारत के दूसरे प्रयास में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ ने 26 किलोग्राम के रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ योजना के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इस तरह इस टेक्नोलॉजी में भारत ने महारत हासिल कर ली और इसको लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है।

15. सूरत की डायमंड एक्सचेंज दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग
गुजरात का सूरत शहर वैसे तो अपने डायमंड कारोबार के लिए जाना जाता है लेकिन अब सूरत के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। सूरत में चार साल में तैयार हुए सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज के ऑफिस ने अमेरिका के पेंटागन की बिल्डिंग को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के पेंटागन को अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग माना जाता था। यानि कि इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी एक साथ काम करते थे लेकिन अब सूरत के डायमंड एक्सचेंज को ये तमगा मिला है। पेंटागन को पीछे छोड़कर डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग बन गई है।

16: बेहतरीन आर्थिक नीतियों को दुनिया ने ‘मोदीनॉमिक्स’ नाम दिया
साल 2005-06 में गुजरात में रिकॉर्ड ग्रोथ रेट दर्ज हुई थी जो 15 प्रतिशत के करीब थी। इस दौरान तीन बेहतरीन ग्रोथ रेट वाले राज्यों पर ध्यान दें तो महाराष्ट्र का ग्रोथ रेट 10.75 प्रतिशत, तमिलानडु का 10.27 प्रतिशत और बिहार का 11.42 प्रतिशत था। कहा जाता है कि बिहार का ग्रोथ बेहद निचले स्तर पर था, इसलिए 11.42 प्रतिशत का ग्रोथ स्वाभाविक था। जबकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्य लंबे समय से विकसित राज्यों में गिने जाते रहे हैं। लेकिन मोदी अपनी नीतियों से गुजरात की ग्रोथ 15 प्रतिशत तक ले गए। मोदी राज में अपनाए गए बेहतरीन आर्थिक नीति को दुनिया ‘मोदीनॉमिक्स’ के नाम से पुकारने लगी।

17: बेहतरीन कृषि नीति से फूड डेफसिट राज्य से गुजरात फूड सरप्लस स्टेट बना 
नरेन्द्र मोदी का जोर कृषि के बढ़ावे पर भी उतना ही था, जितना अन्य इंडस्ट्री सहित दूसरे सेक्टर पर। कृषि को उन्नत बनाने में बीटी कॉटन (जेनेटिकली मॉडिफाइड) को अपनाने पर जोर सहित, लघु सिंचाई,चेक डैम्स और 10 हजार छोटे कृषि मशीन कृषि की पैदावार बढ़ाने में बेहद कारगर साबित हुए। खाद्य पदार्थों की पैदावार में साल 2000 की तुलना में 100 फीसदी बढ़ गई। वहीं कपास के पैदावार में 200 फीसदी का इज़ाफा हुआ। बेहतरीन कृषि नीति की वजह से साल 2000 से 2010 तक गुजरात फूड डेफसिट से फूड सरप्लस राज्य बन पाने में कामयाब हुआ। राज्य में गेहूं की पैदावार 8 मिलियन टन से बढ़कर 40 मिलियन टन तक पहुंच गई, जबकि कपास की उपज पूरे देश के 40 फीसदी आंकड़े को पार कर चुकी थी।

18: मोदी राज में पावर जनरेशन में शानदार बढ़त, पावर सरप्लस राज्य बनाने में कामयाबी
बिजली की खपत और पैदावार किसी राज्य की समृद्धि का सूचकांक होती है। मोदी के विजन के चलते दस सालों में पावर जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन में गुजरात में शानदार बढ़त देखी गई। राज्य में साल 2003-04 में 9 हजार मेगावाट से बढ़कर 2013 में 23 हजार 887 मेगावाट तक पहुंच जाना बिजली की पैदावार और खपत विकास की कहानी बखूबी बयां करती है। इस दौरान मोदी सरकार ने ट्रांसमिशन लॉस पर ध्यान देकर उसको 35 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया और गुजरात को पावर सरप्लस राज्य बनाने में कामयाबी हासिल की।19: गांव से शहर तक बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर, बिजली-पानी जैसी समस्याओं से छुटकारा
गुजरात में सीएम मोदी का ध्यान आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर भी था। इसलिए शहर से लेकर गांव तक की सड़कों को मजबूत करना मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में था। सड़कों के तीन हजार रूरल प्रोजेक्ट्स इस कड़ी में पूरे किए गए जो सरकार की प्राथमिकताओं का बेहतरीन उदाहरण बने। गुजरात पावर सरप्लस स्टेट बन चुका था और बेहतरीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से एक पोर्ट से दूसरे पोर्ट पर जाना एक दिन के भीतर आसानी से संभव था। तत्कालीन मोदी सरकार ने गुजरात में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने को लेकर भी कई प्रयास किए जिनमें अहमदाबाद और गांधीनगर, सूरत और भरूच को डिवेलप करना शामिल था। इतना ही नहीं लोकल बॉडी के मजबूत फाइनेंशियल स्टेटस की वजह से शहरी आधारभूत संरचना बेहतर होती गई और गुजरात लगातार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता रहा।

20: मोदी विजन…नारीशक्ति की राज्य और राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी भूमिका 
एक शासक और व्यक्तित्व के तौर पर नरेन्द्र मोदी का हमेशा से विजन रहा है कि नारीशक्ति राज्य और राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा सकती है। सीएम से लेकर पीएम बनने तक उन्होंने न सिर्फ महिलाओं के उत्थान पर जोर दिया, बल्कि उनके लिए कई बेहद सफल योजनाएं भी लेकर आए। साल 2004-2005 में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर मोदी सरकार ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कन्या केलवणी योजना सहित शाला प्रवेशोत्सव अभियान चलाया, जिसमें अधिकारियों और मंत्रियों को गांवों तक भेजकर ज़मीन पर उतारने का सफल प्रयास किया। मोदी सरकार ने बेटी बचाओ अभियान के लिए लिंग अनुपात पर विशेष जोर दिया। इतना ही नहीं हर स्कूल में शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की ताकि लड़कियों की शिक्षा में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जा सके। विकास के तमाम आयाम को छूने और उसे सफल बनाकर राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में कामयाब मोदी गुजरात को विकास का पर्याय बनाने में पूरी तरह कामयाब रहे। इसलिए पिछले दो दशकों से गुजरात देश के लिए नजीर और विकास का पर्याय बन चुका है।

21. कच्छ के रण में दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट
गुजरात के कच्छ जिले के रण में भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे खावड़ा गांव में दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी पार्क बनाया जा रहा है, जिससे 30 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। खास बात यह है कि 726 वर्ग किमी क्षेत्र में बना ये एनर्जी पार्क अंतरिक्ष से भी नजर आएगा। इस पार्क से लगभग 20 मिलियन यानी 2 करोड़ घरों को स्वच्छ बिजली मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में इस पार्क की नींव रखी थी। रण में बन रहा यह हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) पार्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इससे जहां कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी तो वहीं भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी हो जाएगा। इस साल दिसंबर तक 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा, जिसके साथ ही 14 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जबकि दिसंबर 2026 में हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी पार्क पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद 30 गीगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा।22. देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज मुंबई में तैयार
देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाले ब्रिज की कुल लंबाई 21.8 किमी है। यह ब्रिज मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक यानि अटल सेतु राष्ट्रीय राजमार्ग 4B पर सेवरी से शुरू होगा और शिवाजी नगर, जस्सी और चिरले में इंटरचेंज होगा। यह ब्रिज आने वाले दिनों में मुंबई पुणे एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। इस ब्रिज का 16.5 किमी का हिस्सा समुद्र में से होकर गुजरता है और 5.5 किमी का हिस्सा जमीन पर से गुजरता है। यह ब्रिज 6 लेन का है, जिसमें से 3 लेन आने और 3 लेन जाने के लिए होगी। इस ब्रिज पर 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे। साथ ही रोजाना 70 हजार से ज्यादा वाहन इसपर से गुजर सकेंगे। इस ब्रिज की कुल लागत 17,843 करोड़ रुपये है और इस पर निगरानी के लिए आर्टिफिशियल इटेंलीजेंस से लैस कैमरा लगाए गए हैं, जो वाहनों की जानकारी और उन्हें कंट्रोल करने में मदद करेंगे। इससे दो घंटे का सफर इस पुल के जरिए सिर्फ 35 मिनट में पूरा हो सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2018 में मुंबई के शिवड़ी से न्हावासेवा के बीच 22 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण की आधारशिला रखी थी।  

23. दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया। यह दुनिया के सबसे बड़े कन्वेशन सेंटर में से एक है। इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ रुपये है और यह 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर बना है। यशोभूमि में एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाएं हैं जो विश्वस्तरीय हैं और दुनिया के किसी भी देश के कन्वेंशन सेंटर से टक्कर ले सकते हैं। इसमें 11000 प्रतिनिधियों से अधिक की बैठने की क्षमता है। कन्वेंशन सेंटर के साथ इसमें 15 सम्मेलन कक्ष, ग्रैंड बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष भी शामिल हैं। यह सीधा दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन से भी जुड़ा हुआ है और पीएम ने यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्घाटन किया। यह दुनिया के सबसे बड़े MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सेंटर्स में से एक है और इसके बनने के साथ ही वैश्विक स्तर पर मीटिंग, प्रदर्शनी और कन्वेंशन में अब सहायता मिलेगी।24: मोदी के सीएम रहते गुजरात ने देश के औसत से भी ज्यादा तरक्की की
गुजरात की बात करें तो साल 2000 से लेकर 2012 तक राज्य में 3 हजार रूरल रोड प्रोजेक्ट्स पूरी की गईं। वहीं 2004-05 से 2013-14 के बीच बिजली प्रत्येक इंसान की खपत के लिए 41 फीसदी ज्यादा उपलब्ध थी। नरेन्द्र मोदी के सीएम रहते गुजरात के आर्थिक तरक्की का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2000 से 2010 के बीच सर्विसेज और गुड्स के वैल्यू की वजह से जीएसडीपी 9.8 फीसदी हो गई। जबकि इस दौरान देश का आंकड़ा 7.7 फीसदी ही था। ज़ाहिर है देश के औसत आंकड़े से गुजरात कहीं आगे निकला। इसलिए राज्य के संतुलित विकास की चर्चा देश ही नहीं, दुनियाभर में होने लगी।25: मोदी ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मेलन कराकर दुनिया का ध्यान खींचा
नरेन्द्र मोदी ने साल 2003 में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मेलन करा पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। वाइब्रेंट गुजरात के जरिए नरेन्द्र मोदी ‘ब्रांड गुजरात’ बनाने में सफल साबित हुए। साल 2003 में 76 एमओयू के जरिए 66 हजार से बढ़कर साल 2011 में 8,380 एमओयू में परिवर्तित हुआ। ज़ाहिर है साल 2011 में इन्वेस्टर्स के बीच भरोसा बढ़ाने में कामयाब रहे मोदी 21 लाख करोड़ के विनिवेश के लिए उद्योगपतियों को राजी कर चुके थे। इन्वेस्टर्स गुजरात में बिजेनस फ्रेंडली एनवायर्नमेंट की वजह से आकर्षित हो रहे थे, जहां बेहतरीन इंफ्रस्ट्रक्चर की वजह से विनिनेश बढ़ाने में सहूलियत हो रही थी।

26: बंगाल में नैनो के लिए ममता के विरोधी आंदोलन को मोदी ने गुजरात के लिए अवसर में बदला
तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने फोर्ड, सुजूकी और टाटा जैसी कंपनियों के लिए जटिल नौकरशाही की प्रक्रिया को बेहद आसान कर दिया और उद्योगपतियों की नजरों में बिजनेस फ्रेंडली प्रशासक के रूप में पहचाने जाने लगे। देश ही नहीं दुनिया में मोदी के शासन की धूम मची जब चंद दिनों में टाटा जैसे उद्योगपति को नैनो की फैक्ट्री लगाने के लिए पूरी तरह उन्होंने तैयार कर लिया। साल 2008 में बंगाल में नैनो के विरोध के लिए ममता आंदोलन कर रही थीं, लेकिन नरेन्द्र मोदी ने इसे गुजरात के लिए अवसर में तब्दील किया। जिसकी चर्चा दूर-दूर तक होने लगी। यही वजह बना कि गुजरात में होने वाला व्राइब्रेंट गुजरात समिट विनिवेश का शानदार माध्यम बना। इस कारण गुजरात उद्योगपतियों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा।27. हुबली स्टेशन पर दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म
दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म भारत के कर्नाटक राज्य के हुबली में है, जिसकी कुल लम्बाई 1,505 मीटर है। इससे पहले उत्तरप्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म था जिसकी लंबाई 1366.33 मीटर है लेकिन अब यह प्लेटफार्म दूसरे नंबर पर आ गया है। हुबली रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8 दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म है। इसकी लंबाई 1507 मीटर है। यानी यह डेढ़ किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। पीएम मोदी ने 12 मार्च 2023 को इस प्लेटफॉर्म को देश को समर्पित किया है। इस रेलवे स्टेशन का पूरा नाम सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन है। कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हो गया है। यह भारतीय रेलवे में दक्षिण-पश्चिम रेलवे जोन का जंक्शन है। पीएम मोदी ने इस पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन को देश को समर्पित किया है।

 

28. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में तैयार 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का 31 अक्टूबर 2018 को अनावरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण किया। खास बात ये है कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए देशभर की 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया था, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र आदि शामिल हैं। पीएम मोदी ने इन्हीं 30 नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। इस दौरान 30 ब्राह्मणों ने मंत्रों का जाप भी किया। मूर्ति के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 18,500 टन मजबूत लोहा, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसे का प्रयोग किया गया है।

29. विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम
विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम है। इसका उद्घाटन 2020 में किया गया और इसमें 1,32,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जो दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में सबसे अधिक है। यह भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम है। नरेन्द्र मोदी स्टेडियम को 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है जो कि 63 एकड़ पर फैला एक विशाल मैदान है। इस मैदान में 76 कार्पोरेट बॉक्स, 4 ड्रेसिंग रूम के अलावा 3 प्रेक्टिस ग्राउंड भी बनाया गए हैं। एक साथ 4 ड्रेसिंग रूम वाला यह दुनिया का पहला स्टेडियम हैं, बारिश का पानी को बाहर निकलने के लिए यहां आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया हैं, जिसके चलते यहां बारिश बंद होने के आधे घंटे के भीतर मैच मैच शुरू किया जा सकता है।30. मनाली को लेह से जोड़ती विश्व की सबसे लंबी अटल सुरंग
अटल सुरंग 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। यह टनल मनाली को लेह से जोड़ती है। यह सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी 4 से 5 घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है। टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है। पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को किया इसका उद्घाटन किया था। यह देश की पहली ऐसी सुरंग है जिसमें मुख्य सुरंग के भीतर ही बचाव सुरंग बनाई गई है। दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा 10 हजार फीट से ऊपर दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग’ के रूप में प्रमाणित किया गया है।31. चिनाब रेल आर्क पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल
चिनाब रेल पुल आर्क पुल की कैटेगरी में यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज 3 किलोमीटर लंबा और 1,178 मीटर ऊंचा है। जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों को जोड़ते इस पुल का एक हिस्सा रेयासी (Reasi) और दूसरा हिस्सा बक्कल, उधमपुर में है। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। चेनाब रेल पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाले हवा का भी मुकाबला कर सकता है। इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि अगर रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से भी भूकंप आए तो इसका बाल भी बांका नहीं होने वाला। निर्माण कंपनी का दावा है कि यह पुल करीब 120 साल तक खड़ा रह सकता है। इस पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। चिनाब रेलवे पुल में कुल 17 पिलर हैं। इसमें 28,660 मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

32. सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्‍वर डैम पर
मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बन रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्वर डैम पर बनाया जा रहा है। दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक ये भी है कि इसको बनाने में कोई विस्थापन नहीं होगा। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी। पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है। परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है। इस पावर प्लांट से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। इस परियोजना में नर्मदा नदी के बैक वाटर पर करीब 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगेंगे। हर साल करीब 1200 मिलियन यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा। इस प्लांट से बिजली के अलावा कई फायदे होंगे। भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होगी उतना पानी बच जाएगा।

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