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टाइम देख TIME ने बदला रुख, पीएम मोदी को बताया देश जोड़ने वाला

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लोकसभा चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की तो दुनिया की प्रतिष्ठित TIME मैग्जीन के सुर भी बदल गए। चुनाव के अंतिम दौर में 10 मई को TIME ने पीएम मोदी के लिए ‘डिवाइडर-इन-चीफ’ शब्द का इस्तेमाल किया था, लेकिन चुनाव के नतीजे आने के 6 दिन बाद मंगलवार को मैग्जीन ने अपने एक आर्टिकल में नरेंद्र मोदी को देश को जोड़ने वाला बताया है। TIME ने लिखा है कि भारत में जो काम दशकों में कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया, वो नरेंद्र मोदी ने कर दिया। मैग्जीन में एक ओपिनियन आर्टिकल छपा है जिसका टाइटल है ‘Modi has united India like no Prime Minister in decades’ यानी दशकों में जो कोई अन्य प्रधानमंत्री नहीं कर सका, उस तरह नरेंद्र मोदी ने भारत को जोड़ दिया। लेख में बताया गया है कि नरेंद्र मोदी ने देश में काफी समय से चल रहे जातिवाद को खत्म किया है और एकजुट कर लोगों का मत प्राप्त किया है।

गरीब-लाचार लोगों से खुद को जोड़ा
यह आर्टिकल मनोज लाडवा ने लिखा है। वह ब्रिटेन की कंपनी इंडिया इंक के सीईओ हैं। इसके जरिए ही इंडिया ग्लोबल बिजनेस का प्रकाशन किया जाता है। लेख में कहा गया है कि मोदी ने ऐसे सामाजिक परिवेश में जन्म लिया, जिसे पिछड़ा माना जाता था। शीर्ष पर पहुंचने के दौरान उन्होंने खुद को कुछ इस तरह से देश के गरीब और लाचार तबके से संबद्ध किया, जो काम नेहरू-गांधी परिवार आजादी के 72 सालों बाद भी नहीं कर सका। अपने पहले कार्यकाल के दौरान मोदी को अपनी नीतियों के लिए बेवजह आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस मैराथन चुनाव में उन्होंने सारे देश को एक सूत्र में पिरोते हुए आश्चर्यचकित करने वाली जीत हासिल की। मोदी सरकार ने हिंदुओं के साथ अल्पसंख्यक समुदाय को भी गरीबी रेखा से बाहर निकाला। 

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खत्म कर दी जाति की सीमाएं
आर्टिकल में कहा गया है कि पिछले पांच दशकों में कोई भी ऐसा प्रधानमंत्री भारत ने नहीं देखा, जिसने देश को चुनाव के दौरान एकजुट कर लिया हो। मोदी से पहले सन 1971 में इंदिरा गांधी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। उस समय उन्हें पूरे देश से लगभग 50 फीसदी मत प्राप्त हुए थे। मोदी को मिला जनादेश न केवल उन्हें सत्ता में वापस लेकर आया है, बल्कि उनकी स्थिति को पहले से ज्यादा मजबूत भी बनाया है। पूरे चुनाव की सबसे खास बात यह रही कि मोदी फैक्टर ने बरसों से चले आ रहे जाति फैक्टर और वर्ग विभाजन को धुंधला कर दिया है।

जनता ने दिया परफॉर्मेंस का तोहफा
नरेंद्र मोदी की दोबारा जीत इस बात का सबूत है कि भारतीय जनता ने काम के बदले जीत का तोहफा दिया है। इसका श्रेय उन नीतियों को जाता है, जिनका सीधा असर देश की गरीब जनता पर पड़ा और उन्होंने बदलाव को महसूस किया। मोदी सरकार की प्रगतिशील नीतियों का ही नतीजा रहा कि देश के हिंदू और अल्पसंख्यकों की गरीबी तेजी से घटी है। जबकि पूर्ववर्ती सरकारों में यह दर काफी धीमी थी। मैगजीन ने लिखा है कि मोदी ने 2014 में कांग्रेस सरकार से विरासत में मिली अस्थिर अर्थव्यवस्था को स्थिर किया है। उल्लेखनीय है कि मोर्गन स्टेनली ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था अस्थिर है और कभी भी ढह सकती है। लेकिन अब वही अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई और तेजी से बढ़ भी रही है।

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सामाजिक बदलाव में तकनीक का उपयोग
मोदी द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने उन्हें विश्व पटल पर चर्चा दिलाई। प्रधानमंत्री जनआरोग्य और प्रधानमंत्री आवास योजना ऐसे कार्यक्रम रहे, जिनका सीधा असर आम जनता पर पड़ा जिसका लाभ भाजपा को मिला। ये ऐसे फैसले थे, जो पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी नहीं लिए थे। मोदी ने तकनीकी कौशल के माध्यम से देश और भारतीय समाज को बदलने की कोशिश शुरू की है।

चुनाव के दौरान मोदी पर साधा था निशाना
10 मई को मैग्जीन ने अपने कवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छापी थी। इसका टाइटल ‘Divider in Chief’ दिया गया था। उस आर्टिकल को आतिश तसीर ने लिखा था। उन्होंने अपने लेख में नरेंद्र मोदी की कड़ी आलोचना की थी, जिस पर देश में काफी बवाल हुआ था।

पहले कहा- नाकाम हैं, तभी राष्ट्रवाद का सहारा ले रहे’
मैग्जीन ने पहले लिखा था कि 2014 में लोगों को आर्थिक सुधार के बड़े-बड़े सपने दिखाने वाले मोदी अब इस बारे में बात भी नहीं करना चाहते। अब उनका सारा जोर हर नाकामी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराकर लोगों के बीच राष्ट्रवाद की भावना का संचार करना है। भारत-पाक के बीच चल रहे तनाव का फायदा उठाने से भी वह नहीं चूकते। बेशक मोदी फिर से चुनाव जीतकर सरकार बना सकते हैं, लेकिन अब उनमें 2014 वाला करिश्मा नहीं है। तब वे मसीहा थे। लोगों की उम्मीदों के केंद्र में थे।

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मतदान के बाद मोदी के जीतने की बात कही 
हालांकि, चुनाव के बाद टाइम की पत्रकार एलिसा एयरेस ने अपनी स्टोरी में मोदी को दूसरा कार्यकाल मिलने की बात कही थी। वे राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन में डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेट्री रही थीं। फिलहाल ने काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में सीनियर फेलो हैं। इससे पहले टाइम ने 2014, 2015 और 2017 में मोदी को विश्व के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया था।

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