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अपनी ही चाल में फंसे तेजस्वी यादव, दोहरे वोटर कार्ड से लेकर SIR तक उल्टे पड़ रहे सारे दांव

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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से लेकर दोहरे वोटर कार्ड तक पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और इंडी गठबंधन के सारे दांव उल्टे पड़ गए हैं। तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की कथित पोल खोलने के लिए पीसी की थी और अपना नाम मतदाता सूची के कटने का दावा किया था। अब सामने आया है कि तेजस्वी यादव के एक नहीं, बल्कि दो-दो वोटर कार्ड हैं। इससे तेजस्वी यादव पर फर्जीवाड़े का शक गहरा गया है। चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को दो बार नोटिस भेजकर दूसरे वोटर कार्ड की जांच शुरू कर दी है। भारत में एक व्यक्ति के पास दो वोटर कार्ड होना कानूनन अपराध है। यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत एक गंभीर उल्लंघन माना जाता है। दूसरी ओर बिहार में 65 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटने पर हायतौबा मचा रहे आरजेडी और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट दी है। आयोग ने कहा है कि जो भी नाम छूट गया है या फिर गलत जुड़ गया, वह बताइये। हम 7 दिन में ठीक कर देंगे। बिहार में विपक्षी दलों के 65,000 से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट (BLA) हैं, लेकिन चार दिनों में इन दलों की एक भी शिकायत ना आने से एसआईआर पर राहुल-तेजस्वी के हल्ले का गुब्बारा ही फूट गया है।

बड़बोले बयानों और बेसिर-पैर के दावों से सुर्खियों तेजस्वी
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने बड़बोले बयानों के लिए सुर्खियों में हैं। तेजस्वी ने बैसिर-पैर का दावा किया कि बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम ही नहीं है। उन्होंने जो EPIC नंबर (RAB2916120) शेयर किया, वो रिकॉर्डस में डेटा ‘नो फाउंड’ शो कर रहा था। इस पर चुनाव आयोग तत्काल एक्शन मोड में आया और प्रमाणों के साथ तेजस्वी यादव के दावे को खारिज कर दिया। आयोग ने तत्काल ही तेजस्वी के EPIC नंबर (RAB0456228) के साथ वोटर लिस्ट शेयर की है, जिसमें तेजस्वी का नाम साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों को अपना वोटर आईडी कार्ड दिखाया था। इस मामले में आयोग ने कहा कि दिखाया गया कार्ड चुनाव आयोग द्वारा जारी नहीं किया गया।

फेक कार्ड को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका, आयोग ने भेजे दो नोटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब चुनाव आयोग यह जांच कर रहा है कि तेजस्वी यादव के उस वोटर कार्ड की सच्चाई क्या है, जो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में शेयर किया है। इस फेक कार्ड को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका जताई जा रही है। चुनाव आयोग ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव को उनके दो मतदाता पहचान पत्रों को लेकर नोटिस जारी किया। लेकिन अपने ही बिछाए जाल में फंस चुके तेजस्वी यादव के पास इसका कोई जवाब नहीं था। इसके बाद आयोग ने एक बार फिर नोटिस जारी किया है। ताकि दूसरे वोटर कार्ड की सच्चाई सामने आ सके। आयोग ने तेजस्वी यादव द्वारा 2 अगस्त को मीडिया के सामने दिखाए गए मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) के बारे में जानकारी मांगी है। उन पर दो ईपीआईसी (इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड) रखने का आरोप है। दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने भी 3 अगस्त को तेजस्वी को एक पत्र भेजकर सत्यापन के लिए मूल मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) कार्ड और संबंधित विवरण प्रस्तुत करने को कहा था।

दो वोटर कार्ड कानूनन अपराध, वोटर राइट हो सकता है सस्पेंड
भारत में एक व्यक्ति के पास दो वोटर कार्ड होना कानूनन अपराध है। यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17 और 18 के तहत एक गंभीर उल्लंघन माना जाता है। दो वोटर आईडी कार्ड रखने पर किसी व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें जुर्माना, जेल या दोनों शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा यह तेजस्वी यादव जैसे किसी नेता के चुनाव लड़ने की योग्यता को भी प्रभावित कर सकता है। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति का नाम सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में दर्ज हो सकता है। एक से ज्यादा वोटर कार्ड रखना या एक ही व्यक्ति के नाम पर दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (EPIC नंबर) होना गैरकानूनी है। दो वोटर आईडी कार्ड रखना वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट एंट्री माना जाता है, जो गैरकानूनी है। धारा 31 के तहत, अगर कोई व्यक्ति वोटर लिस्ट में गलत जानकारी देता है या फर्जी दस्तावेज पेश करता है, तो यह अपराध माना जाता है। अगर दूसरा वोटर आईडी कार्ड फर्जी दस्तावेज देकर बनवाया गया है, तो कानूनी तौर पर जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है और उसका वोटर राइट भी सस्पेंड हो सकता है।

राहुल गांधी वोट चोरी का हलफनामा दें या देश से माफी मांगें
दूसरी ओर चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से कहा है कि वे वोट चोरी के अपने दावे को सही मानते हैं तो हलफनामे पर साइन करके दें। अगर उन्हें अपने दावों पर भरोसा नहीं है तो देश से माफी मांगें। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)के पहले चरण के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इसके मुताबिक बिहार में अब 7.24 करोड़ वोटर हैं। पहले यह आंकड़ा 7.89 करोड़ था। वोटर लिस्ट रिवीजन के बाद 65 लाख नाम सूची से हटा दिए गए हैं। हटाए गए नामों में वे लोग शामिल हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं या फिर कहीं और स्थायी रूप से रह रहे हैं या जिनका नाम दो वोटर लिस्ट में दर्ज था। इनमें से 22 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। 36 लाख मतदाता स्थानांतरित पाए गए, जबकि 7 लाख लोग अब किसी और क्षेत्र के स्थायी निवासी बन चुके हैं।

तेजस्वी यादव घुसपैठियों और बांग्लादेशियों मतदान कराना चाहते हैं
इस बीच गोपालगंज पहुंचे केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव फर्जी वोटर आईडी कार्ड रखते हैं और चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया का विरोध करके फर्जी मतदाताओं को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। एक निजी कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में नित्यानंद राय ने कहा, “तेजस्वी यादव घुसपैठियों, बांग्लादेशियों और अवैध रूप से भारत में रह रहे लोगों से मतदान कराना चाहते हैं। वे फर्जीवाड़े की राजनीति करते हैं।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के कानून और चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, एक व्यक्ति केवल एक ही स्थान का मतदाता हो सकता है। लेकिन तेजस्वी यादव ने इस नियम का उल्लंघन किया है और दो जगहों से मतदाता सूची में नाम जुड़वाया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि चुनाव आयोग इस मामले में पहले ही भंडाफोड़ कर चुका है।

 

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