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ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ ने दिखाया विपक्ष को आईना, कहा- रिजल्ट अहम, कितनी पेंसिल टूटी मायने नहीं रखता

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लोकसभा में सोमवार 28 जुलाई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ जोरदार प्रहार करते हुए विपक्ष को आईना दिखाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कभी-कभी विपक्षी दलों के लोग सवाल उठाते हैं कि हमारे कितने विमान गए? लेकिन उनका यह सवाल हमारी राष्ट्रीय भावनाओं का सही से प्रतिबिंब नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने एक बार भी यह नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए? यदि सवाल ही करना है तो सही सवाल यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकी ठिकानों को प्रभावी तरीके से तबाह किया और ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा तो उसका उत्तर है, हां।

लोकसभा में उन्होंने कहा कि जब कोई परीक्षा में बैठता है तो उसके अंक मायने रखते हैं, न कि यह कि कितनी पेंसिल टूटीं। विपक्ष को सही सवाल पता नहीं है, इसलिए हम उन्हें बताते हैं। सही सवाल यह होना चाहिए था कि क्या हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें हासिल किया और उसका जवाब है—हां, हमने वे लक्ष्य हासिल कर लिए।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेनाओं द्वारा की गई सुनियोजित कार्रवाई में 9 आतंकवादी ठिकानों को अत्यंत सटीकता से निशाना बनाया गया। इस सैन्य अभियान में अनुमानित तौर पर 100 से अधिक आतंकवादी, उनके ट्रेनर, शिष्य और हैंडलर, जो बड़े आतंकी संगठनों से जुड़े थे, सफलतापूर्वक ढेर कर दिए गए।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि 10 मई की सुबह, जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान पर करारा प्रहार किया, तो पाकिस्तान ने हार मानते हुए हमला रोकने की पेशकश की। यह पेशकश इस शर्त के साथ स्वीकृत की गई कि यह ऑपरेशन केवल रोका गया है, समाप्त नहीं किया गया। यदि भविष्य में पाकिस्तान की ओर से कोई भी आक्रमण होता है, तो यह ऑपरेशन पुनः शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने सदन में दोहराया कि 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की अपील की। इसके बाद 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच औपचारिक संवाद हुआ और दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाइयों पर विराम लगाने का संयुक्त निर्णय लिया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि संघर्ष के पूर्व और दौरान जो राजनीतिक और सैन्य लक्ष्य निर्धारित किए गए थे, वे पूरी तरह प्राप्त हो चुके थे। इसलिए यह कहना कि ऑपरेशन किसी दबाव में रोका गया, पूरी तरह से बेबुनियाद और गलत है।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान लोकसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि लड़ाई हमेशा बराबरी वालों से की जाती है, शेर कभी मेंढक पर हमला नहीं करता, पाकिस्तान से मुकाबला कर भारत लेवल खराब नहीं करेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत ने न केवल अपनी सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया, बल्कि अपनी राष्ट्रीय दृढ़ता, नैतिकता और राजनीतिक कुशलता का भी परिचय दिया है। भारत अब किसी भी आतंकी हमले का निर्णायक और स्पष्ट उत्तर देगा। अब आतंकवाद को आश्रय और समर्थन देने वालों को कोई शरण नहीं मिलेगी। भारत किसी भी तरीके से किसी भी तरह के परमाणु ब्लैकमेलिंग या अन्य दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई केवल सीमा पर नहीं है बल्कि वैचारिक मोर्चों पर भी लड़ी जा रही है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने कई प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया था जिसमें हमारे अधिकांश पार्टी के सांसद शामिल थे। सचमुच इस समूह ने वैश्विक मंचों पर जाकर भारत की बात बहुत प्रभावी तरीके से रखी और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन को उन्होंने मजबूत किया। मैं उन सभी सम्मानित सदस्यों के प्रति शीश झुकाकर आभार व्यक्त करना चाहता हूं।

उन्होंने सदन में कहा कि हमारी प्रवृत्ति भगवान राम और भगवान कृष्ण से प्रेरित है जो हमें शौर्य भी सिखाती है और और धैर्य भी सिखाती है। इस सीख का हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी विदेश और रक्षा नीति में प्रयोग कर रहे हैं। आज भारत पहले दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, लेकिन अगर कोई देश धोखा दे, तो वह उसकी कलाई भी मरोड़ना जानता है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा पाकिस्तान के साथ कोई सीमा का संघर्ष नही है बल्कि यह सभ्यता बनाम बर्बरता का संघर्ष है। पाकिस्तान के हुक्मरान जानते हैं, कि उनके सैनिक युद्ध के मैदान में भारत से नहीं जीत सकते। इसलिए वे आतंक को पालते हैं, उसे प्रशिक्षण देते हैं और फिर दुनिया के सामने खुद को निर्दोष दिखाते हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत के लिए शांति हमारी प्राथमिकता है और हमारी शक्ति उसका आधार है। यह शक्ति हमारे सामर्थ्य से पैदा हुई है और यह सामर्थ्य पिछले 11 साल में कई गुना बढ़ गया है। आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर भारत चल चुका है।”

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