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राहुल ने विदेश में फिर किया भारत का अपमान, जिस चुनाव प्रणाली को ट्रंप ने मॉडल बताया, राहुल ने USA में उसी पर उठाए सवाल

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लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दो दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। जैसाकि उनका इतिहास रहा है राहुल ने एक बार फिर विदेशी जमीन से भारत और मोदी सरकार का ‘अपमान’ किया है। इतना ही नहीं राहुल ने विदेशी धरती पर देश के आतंरिक मुद्दों को उठाकर उनपर भी सवालिया निशान लगाए। हद तो तब हो गई जब उन्होंने देश की चुनाव प्रणाली और निर्वाचन का आयोग की मंशा को कटघरे में खड़ा किया। वह भी तब जबकि कुछ समय पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की चुनाव प्रणाली को सर्वोत्तम बताया था। ट्रंप ने हिंदुस्‍तानी चुनाव प्रणाली को आदर्श और त्वरित बताते हुए इसकी जमकर तारीफ की थी। साथ ही इसी तर्ज पर अमेरिकी सिस्‍टम में बड़े सुधार का किया ऐलान था। लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने के बाद राहुल गांधी की यह पहली अमेरिका यात्रा है। यहां पर उन्होंने पिछले साल हुए महाराष्ट्र चुनाव का मुद्दा उठाते हुए कहा कि भारत का चुनाव आयोग भी धांधली कर रहा है। ऐसा करते हुए राहुल गांधी भूल गए कि वे अपने ही देश की संवैधानिक संस्था का अपमान विदेशी धरती पर कर रहे हैं।

महाराष्ट्र चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन पर उठाए सवाल
अमेरिका के बोस्टन में ब्राउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एक सत्र में कांग्रेस नेता ने अनर्गल आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं की संख्या से ज्यादा मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने हमें शाम 5.30 बजे तक के मतदान के आंकड़े दिए। उन्होंने मनगढ़ंत आंकड़े पेश करते हुए कहा कि शाम 5:30 से 7:30 बजे के बीच जब वोटिंग बंद हो जानी चाहिए थी, 65 लाख मतदाताओं ने मतदान किया। उनके पास इसका भले ही कोई प्रमाण ना हो, लेकिन उन्होंने देश की विदेश में बुराई करने का मौका एक बार फिर नहीं गंवाया। ऐसा वे पहले भी कई बार कर चुके हैं। राहुल ने यह गलतबयानी भी की कि भारत के चुनाव आयोग ने उन्हें मांगने पर भी वीडियो नहीं दिए, जबकि आयोग वीडियोग्राफी कराता है। ऐसे में साफ पता चलता है कि चुनाव आयोग में सबकुछ ठीक नहीं है। मोदी सरकार के दबाव में कामकाज में समझौता किया जा रहा है।

ट्रंप ने हाल ही में भारत की चुनाव प्रणाली को सर्वोत्तम मॉडल बताया
राहुल गांधी उसी अमेरिका में भारत के चुनाव आयोग की मुखालफत कर रहे हैं, जहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत की चुनाव प्रणाली को सर्वोत्तम मॉडल बताया था। उन्होंने कहा कि इतने अधिक मतदाताओं वाले देश भारत में कुछ ही घंटों में चुनाव के रिजल्ट आ जाते हैं, जबकि अमेरिका में ऐसा नहीं है। यहां तक कि ट्रंप ने भारत से सीख लेते हुए अमेरिकी चुनाव प्रणाली में बदलाव लाने की बात भी कही। इसके ल‍िए उन्‍होंने एक आदेश जारी क‍िया है। इसमें चुनाव संचालन के तरीके में बदलाव की बात कही गई है। इस आदेश में मतदाताओं से उनकी अमेरिकी नागरिकता को साबित करने और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि चुनाव के दिन तक केवल मेल-इन या पोस्‍टल बैलेट मतपत्र ही गिने जाएं। इसके अलावा, गैर-अमेरिकी नागरिकों को कुछ चुनावों में दान करने से भी रोकने का प्रस्ताव है। ट्रंप ने भारत और ब्राजील जैसे देशों के चुनाव प्रथाओं का उदाहरण दिया। साथ ही तर्क दिया कि अमेरिका ‘बुनियादी और आवश्यक चुनाव सुरक्षा’ को लागू करने में विफल रहा है, जो पहले से ही कई विकसित और विकासशील देशों में मानक बन चुके हैं।

हाल के महीनों में राहुल की अमेरिका की दूसरी यात्रा
हाल के महीनों में यह राहुल गांधी की अमेरिका की दूसरी यात्रा है। इससे पहले सितंबर 2024 में राहुल गांधी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा की थी। अपनी यात्रा के दौरान वे डलास गए थे, जहां उन्होंने टेक्सास विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की थी और भारतीय प्रवासियों के सदस्यों को संबोधित किया था। डलास से राहुल वाशिंगटन डीसी गए, जहां उन्होंने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की थी।

विदेशी धरती पर देश का अपमान करना राहुल की पुरानी आदत- पात्रा
दूसरी ओर अमेरिका में राहुल गांधी के बयान और नेशनल हेराल्ड मामले में उनके शामिल होने को लेकर भाजपा हमलावर है। दरअसल, राहुल ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान भारतीय चुनाव प्रक्रिया और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। इसे लेकर सांसद संबित पात्रा ने कहा, ‘विदेशी धरती पर देश का अपमान करना राहुल गांधी की पुरानी आदत है। वे लंबे समय से ऐसा करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईडी ने अपनी चार्जशीट में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नाम का उल्लेख किया है। वे देश को लूटने के आरोप में जेल भी जा सकते हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी पूरे देश में अशांति का माहौल बना रही है। जो लोग 50,000 रुपये की जमानत पर बाहर हैं, अगर उन्हें लगता है कि वे विदेश जाकर वहां बोलकर इस महान लोकतंत्र की छवि को नष्ट कर सकते हैं, तो वे पूरी तरह गलत हैं।

जब हारते हैं तो कहते हैं ‘चुनाव आयोग और ईवीएम गलत है’
राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि राहुल गांधी तय करें कि जब वे झारखंड में जीते थे, तब क्या देश में अलग चुनाव आयोग था? जहां भी वे जीतते हैं, वहां कहते हैं कि ईवीएम ठीक है और जहां भी वे हारते हैं, वहां कहते हैं कि चुनाव आयोग और ईवीएम गलत है। दरअसल, बोस्टन की ब्राउन यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने कहा, ‘हमारे लिए यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने समझौता कर लिया है और यह बिल्कुल स्पष्ट है कि व्यवस्था में कुछ गड़बड़ है। उन्होंने मनगढ़ंत तर्क दिया कि एक मतदाता को मतदान करने में लगभग 3 मिनट लगते हैं और अगर आप गणित करें तो इसका मतलब है कि सुबह 2 बजे तक मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

‘भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर निंदनीय हमला’
भाजपा नेता सीआर केसवन ने कहा, ‘राहुल गांधी, सैम पित्रोदा के साथ नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत पर बाहर हैं। दोनों पर आरोप पत्र दाखिल किया गया है और अब वे भारत को बदनाम करने की यात्रा पर निकल पड़े हैं। भारत को गाली देने की यात्रा, एक बार फिर विदेशी जमीन पर। राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर निंदनीय हमला किया है। उन्होंने भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने का असफल प्रयास किया है। राहुल गांधी ने अमेरिका में चुनाव आयोग के बारे में ये बयान दिया है।

पिछले दौरे के बयानों ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था
राहुल गांधी की पिछली यात्रा ने भारत में आरक्षण प्रणाली को खत्म करने के बारे में उनकी टिप्पणी के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि जब देश एक निष्पक्ष स्थान बन जाएगा तो भारत में आरक्षण प्रणाली को समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने जाति जनगणना की आवश्यकता पर भी जोर दिया था। उन्होंने तर्क दिया था कि देश की 90 प्रतिशत आबादी ओबीसी, दलित और आदिवासी है। उसे पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। जब हम संस्थानों, व्यवसायों और मीडिया पर कब्जे की बात करते हैं, तो भारत के 90 प्रतिशत ओबीसी, दलित, आदिवासी खेल का हिस्सा ही नहीं हैं।

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