बिहार में कांग्रेस और इंडी ब्लॉक के नेताओं का दोगलापन एक बार फिर एक्सपोज हो गया है। यह दुर्भाग्य है कि जो नेता अपने-अपने राज्यों में बिहार और यहां के लोगों का लगातार अपमान करते आ रहे हैं। जिनके राज्यों में बिहारियों से कहा जाता है कि वो ये राज्य छोड़कर चले जाएं। बिहारियों की इनके राज्यों में ना कोई जगह है और ना ही जरूरत। इंडी गठबंधन के जो नेता खुलेआम कहते हैं कि कि बिहारियों को नौकरियों पर मत रखिए। अजब तमाशा और दोमुहांपन देखिए कि जो नेता अपने राज्यों में गौरवशाली बिहार के लोगों को गालियां देते हैं, उनका अपमान करते हैं, वही नेता आजकल बिहार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ गाड़ी पर खड़े होकर वोट मांगने की हिमाकत कर रहे हैं। उन्हें इस बात की भी शर्म नहीं है कि अब वे जिन लोगों के बीच खड़े हैं, उनके लिए कभी कितने गंदे और गुंडे जैसे शब्द इस्तेमाल किए थे। बड़ा सवाल यह भी है कि जब ‘राहुल गांधी के दोस्त’ ये नेता बिहारियों का अपमान कर रहे थे, तब उन्हें बिहारी अस्मिता की याद क्यों नहीं आई थी? बिहार की जनता-जनार्दन के दिल में लगे वो शब्दों के जख्म फिर से हरे हो गए हैं और वह अब इनको माफ करने वाली नहीं है।
आइए देखते हैं कब-कब कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं ने बिहार के लोगों को अपमानित करने का काम किया है…
मंच से पंजाब के मुख्यमंत्री यूपी, बिहार वालों को अपमानित करते हैं और प्रियंका वाड्रा बगल में खड़े हो कर हंस रही है, तालियाँ बजा रही हैं…
ऐसे करेगी कांग्रेस यूपी और देश का विकास? लोगों को आपस में लड़ा कर? pic.twitter.com/h6TtmvqgZQ
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 16, 2022
बिहार के लोगों को गाली देते रहे चन्नी, हंसती रहीं प्रियंका गांधी
पंजाब में विधानसभा चुनाव के दौरान 15 फरवरी, 2022 को पंजाब के रूपनगर में प्रियंका गांधी वाड्रा के सामने मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कहा कि पंजाब, पंजाबियों का है। यहां पर कोई नई राजनीति नहीं मिलेगी। जिनको यहां रहना है, उन्हें पंजाबियत ही सीखनी होगी। यूपी के, बिहार के भइया यहां आकर राज नहीं कर सकते। बिहार के भइया को पंजाब में फटकने नहीं देना है। चन्नी माइक पर यूपी-बिहार वालों को भइया कहकर गाली देते रहे और इस दौरान प्रियंका वाड्रा हंसती और ताली बजाती रही। प्रियंका गांधी वहां खड़ा हो कर ना केवल समर्थन किया बल्कि मुस्कुराते हुए लोगों के साथ मिलकर नारे भी लगवाए। उनके इस रुख से बिहार कांग्रेस में तब भी सवाल उठे थे।
बिहार डीएनए से तेलंगाना डीएनए बहुत बेहतर – रेवंत रेड्डी
कांग्रेस के नेताओं के मन में बिहार के लोगों के प्रति काफी जहर भरा हुआ है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा बिहारियों को लेकर की गयी विवादित टिप्पणी पर सियासी बवाल अभी शांत भी नहीं हुआ था कि तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीएम रेवंत रेड्डी ने बिहार को लेकर जहरीला बयान दे दिया। वर्ष 2023 में सीएम पद की शपथ लेने के बाद रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना के नेता के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) पर निशाना साधते हुए बिहार के लोगों के डीएनए पर सवाल उठा दिया। कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी ने कहा कि केसीआर का डीएनए बिहारी है। उनके पूर्वज बिहार से दक्षिणी राज्य में आकर बसे थे। उन्होंने अपमान करते हुए कहा कि बिहार डीएनए से तेलंगाना डीएनए बेहतर है। रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना में बिहारी आइएएस और आइपीएस अधिकारियों से अपने पद छोड़ने के साथ ही बिहार की राजनीति पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की राजनीति तलवार के दम पर चलती है वहां चुनाव में हिंसा होती है। महिलाएं रात में आजादी से नहीं घूम सकतीं है।
बिहार का अपमान करने वाले, जिसने बिहारियों की कर्मठता को अपमानित करते हुए बिहारियों को शौचालय साफ़ करने वाला बताया। अपनी राजनीति के लिए बिहारियों के साथ भाषा के नाम पर हिंसा को बढ़ावा दिया वैसे व्यक्ती के पिता के साथ बिहार की धरती पर खड़े हो कर हंसते हुए बिहार के ये स्वघोषित युवा… pic.twitter.com/t23h1EDhYM
— Satish Chandra Dubey (@satishdubeyy) August 28, 2025
सीएम स्टालिन और उसका बेटा सनातन और बिहारियों तो देते हैं गाली
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया जब उन्होंने सनातन धर्म को ‘मलेरिया’ और ‘डेंगू’ से जोड़कर इसके उन्मूलन का आह्वान किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन सनातन धर्म और बिहार के लोगों को गाली देते हैं। इसके बाद भी लालू परिवार उनको संरक्षण दे रहा है। स्टालिन ने कहा था कि बिहार के लोग शौचालय साफ करने के लिए तमिलनाडु आते हैं। उनके मंत्री बेटे ने देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठीं आदिवासी महिला का भी अपमान किया था। इसके बावजूद राजद-कांग्रेस के लोग स्टालिन को अपने साथ लेकर यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में मां जानकी के मंदिर में स्टालिन का जाना सनातनियों का अपमान है। भाजपा के मीडिया सह प्रभारी प्रभात मालाकार ने कहा कि स्टालिन और तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी वोटर अधिकार यात्रा में शामिल हुए, जबकि ये खुद अपने राज्यों में कई अधिकार का हनन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यूपी-बिहार के लोगों को गुंडा बताया
पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान ममता बनर्जी लगातार अपने बयानों में यूपी-बिहार से आए लोगों को गुंडा बताया था। नंदीग्राम की एक जनसभा में ममता बनर्जी ने कहा, ‘मुझ पर जो हमला हुआ वह नंदीग्राम के किसी व्यक्ति ने नहीं किया बल्कि यूपी-बिहार के गुंडों ने किया है। अगर वे फिर आते हैं तो महिलाओं को उन्हें बर्तनों से पीटना चाहिए। ममता ने कहा कि पान-मसाला खाने वाले, भगवा कपड़े पहनने वाले और तिलक लगाने वाले गुंडों को यहां भेजा गया है। ये लोग हमारे कल्चर को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक अन्य बयान में यहां तक कह दिया कि अगर बंगाल को जलाया तो असम, नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली भी जलेंगे। इस बयान पर ममता बनर्जी के खिलाफ पटना में शिकायत दर्ज की गई। भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण सिंह कल्लू ने ममता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने बिहार को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है।
तमिलनाडु में सड़कें और शौचालय साफ करते हैं बिहारी – दयानिधि मारन
डीएमके सांसद दयानिधि मारन ने 2019 में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उत्तर प्रदेश और बिहार से जो हिंदी भाषी तमिलनाडु आते हैं, वे निर्माण कार्य करते हैं या सड़कों और शौचालयों की सफाई करते हैं। क्लिप में, मारन अंग्रेजी और हिंदी सीखने वाले लोगों की तुलना करते सुने जा सकते हैं। वह कहते हैं अंग्रेजी वाले आईटी कंपनियों में चले जाते हैं, जबकि बिहार और हिंदी वाले छोटी-मोटी नौकरियां करते हैं। 2023 में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अपने पोस्ट में इंडिया ब्लॉक पर देश के लोगों को जाति, भाषा और धर्म के आधार पर विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। और डीएमके सांसद की इस टिप्पणी के खिलाफ गठबंधन की ‘निष्क्रियता’ की आलोचना की है। शहजाद पूनावाला ने कहा, ‘इंडिया ब्लॉक का एजेंडा सनातन धर्म का अपमान करना और देश के लोगों को विभाजित करना है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार को छोटा-मोटा राज्य बताया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो बिहार जैसे गौरवशाली राज्य की गिनती छोटे-मोटे राज्यों में कर डाली। उन्होंने एक बयान केंद्रीय बजट में बिहार को मिली सौगातों का जिक्र करते हुए कहा बिहार जैसे छोटा-मोटा राज्य को बजट में कुछ खास नहीं दिया गया। खरगे के इस अपमानजनक बयान पर बिहार के सियासी हलकों में बवाल हो गया। बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने खरगे के बयान को बिहार के आत्मसम्मान पर चोट बताया। उन्होंने सोशल मीडिया में एक वीडियो साझा कर कहा, बिहार चाणक्य, बुद्ध और जयप्रकाश नारायण की धरती है। खरगे का यह बयान उनकी छोटी मानसिकता को दर्शाता है। एनडीए नेताओं ने बिहार को चाणक्य, बुद्ध, महावीर, आर्यभट्ट और जयप्रकाश नारायण की धरती बताकर कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल उठाए।
मुंबई में बिहार के लोगों के लिए परमिट सिस्टम लागू हो- उद्धव ठाकरे
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में बिहार के लोगों के लिए परमिट सिस्टम लागू करने की मांग की थी। तब बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने उद्धव को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि बिहार के लोगों को कहीं जाने के लिए परमिट की जरूरत नहीं है। दरअसल, ठाकरे बंधुओं की राजनीति लंबे समय से उत्तर भारतीयों के खिलाफ रही है। बिहारियों के खिलाफ रही है। आजकल दोनों भाई एक हुए हैं तो इनकी पार्टी के लोग बिहार के लोगों को निशाना बना रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो हैं, जिसमें बिहार के लोगों को थप्पड़ मारे जा रहे हैं। उनकी पिटाई हो रही है और उन्हें जबरदस्ती मराठी बोलने पर मजबूर किया जा रहा है। बिहार के लोगों से कहा जाता है कि आपकी महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं है और वापस चले जाओ।
— 𑘀𑘨𑘞𑘱 𑘥𑘫𑘱𑘎 || मराठी भाषिक ||🚩 (@marathibhashik2) May 15, 2025
बिहारियों ने महाराष्ट्र में अपराध बढ़ाया, घुसपैठ की – राज ठाकरे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष और उद्धव के भाई राज ठाकरे तो बिहारियों के विरोध में उनसे भी दो कदम आगे निकल गए। राज ठाकरे ने कहा कि वो महाराष्ट्र में रहने वाले बिहारियों को घुसपैठिया कहेंगे और उन्हें वहां से भगाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार से आए लोगों की वजह से महाराष्ट्र में अपराध बढ़ रहा है। इतना नहीं ठाकरे ने एक कदम आगे बढ़ते हुए यहां तक धमकी दी कि वो महाराष्ट्र में हिंदी चैनलों को बंद करा देंगे। तब इसी मामले में पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विनय कुमार सिंह ने स्थानीय सीजेएम कोर्ट में एमएनएस चीफ ठाकरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
सलमान खुर्शीद ने किया बिहार की जनता का अपमान
बिहार में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी तो इससे सत्ता में वापसी के सपना संजोए कांग्रेस को गहरा आघात लगा। महागठबंधन में शामिल पार्टियों में सबसे खराब प्रदर्शन कांग्रेस का रहा। इसको लेकर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इसमें आखिरी मुगल सम्राट के उदार मूल्यों के आधार पर कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं को समझाने की कोशिश की, वहीं कांग्रेस की फजीहत के लिए बिहार की जनता को ही जिम्मेदार बताकर अपमान किया। सलमान खुर्शीद ने बिहार की जनता पर आरोप लगाया कि उन्हें उदारवादी मूल्यों की कदर नहीं है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “अगर बिहारी मतदाता का मूड उन लिबरल वैल्यू को स्वीकारने का नहीं है, जिनका हम समर्थन करते हैं या जिन्हें हम पोषित करते हैं तो हमें सत्ता में लौटने के लिए छोटे रास्तों पर फोकस करने की बजाए लंबा संघर्ष करना होगा।”
गरीब बिहारी मुफ्त वैक्सीन के लालच में आ गए-अर्चना डालमिया
बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना में एनडीए की बढ़त को देखकर कांग्रेस के नेताओं के सुर बदल गए। कोई ईवीएम हैक होने की बात कहने लगा, तो कोई जनता को लालच दिए जाने की बात कर रहा था। लेकिन कांग्रेस के नेता अपने बयानों से बिहार के जनादेश को स्वीकार करने की जगह उसे अपमानित करने का काम करते रहे। कांग्रेस नेता अर्चना डालमिया ने ट्वीट कर कहा कि लगता है गरीब बिहारी मुफ्त वैक्सीन के लालच में आ गए।
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में अधीर रंजन ने खेला क्षेत्रीय कार्ड
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ड्रग्स केस में आरोपी रिया चक्रवर्ती का समर्थन किया था। जिस पर बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी ने उनपर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने रिया को बेकसूर बताकर बिहार की जनता और सुशांत के लाखों प्रशंसकों का अपमान किया। इससे पहले पश्चिम बंगाल कांग्रेस ने कोलकाता में सुशांत सिंह राजपूत केस से जुड़े ड्रग मामले में गिरफ्तार हुईं रिया चक्रवर्ती के समर्थन रैली निकाली थी।
कांग्रेस ने बिहार के वरिष्ठ नेता सीताराम केसरी का किया अपमान
सीताराम केसरी बिहार के पिछड़े वर्ग से थे और 1996 से 1998 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। अब पार्टी वेबसाइट में पूर्व अध्यक्षों की लिस्ट में उनका नाम नहीं है। दरअसल, राजीव गांधी के निधन के बाद पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव कांग्रेस के अध्यक्ष बने। सितंबर 1996 में नरसिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ा तो सीताराम केसरी अध्यक्ष बने। 9 मार्च 1998 को केसरी ने अपने इस्तीफे की मंशा जाहिर की, हालांकि बाद में उन्होंने अपना मन बदल लिया था। इसके बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक हुई और प्रणब मुखर्जी ने पार्टी प्रमुख के रूप में उनकी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद दिया और सोनिया गांधी को पद संभालने का प्रस्ताव पेश किया। इसी दिन औपचारिक रूप से अध्यक्ष की कुर्सी सोनिया को दे दी गई और आनन-फानन में केसरी की नेमप्लेट हटा दी गई और इसे कूड़ेदान में फेंक दिया गया। इसके बाद यूथ कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने उनकी धोती खींचने की भी कोशिश की।