Home विपक्ष विशेष झूठे आंकड़ों से लोगों को बरगलाने की राजनीति क्यों कर रहे हैं...

झूठे आंकड़ों से लोगों को बरगलाने की राजनीति क्यों कर रहे हैं राहुल गांधी?

SHARE

बार-बार मिल रही हार से परेशान कांग्रेस पार्टी के भावी अध्यक्ष राहुल गांधी झूठ और गलत आंकड़ों से देश की राजनीति को साधने की कोशिश कर रहे हैं। इस कोशिश में राहुल काफी निचले स्तर पर उतर आए हैं। गुजरात में चुनाव के समय राज्य की जनता को बरगलाने के लिए राहुल गांधी लगातार गलत आंकड़े पेश कर रहे हैं और झूठ का सहारा ले रहे हैं।

मंगलवार को राहुल ने अपने ट्विटर एकाउंट से तुकबंदी के अंदाज में कहा कि “जुमलों की बेवफाई मार गई, नोटबंदी की लुटाई मार गई “ “GST सारी कमाई मार गई बाकी कुछ बचा तो – महंगाई मार गई “ “बढ़ते दामों से जीना दुश्वार, बस अमीरों की होगी भाजपा सरकार?” राहुल गांधी ने इस सवाल के साथ एक इन्फोग्राफिक्स भी पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने गैस सिलिंडर, प्याज, दाल, टमाटर, दूध और डीजल के दामों का हवाला देकर 2014 और 2017 के दामों की तुलना में सभी चीजों के दामों में वास्तविक दामों से सौ फीसदी ज्यादा की बढ़ोतरी दिखा दी है। जैसे ही राहुल गांधी ने ये ट्वीट किया, लोगों ने इस चालाकी को पकड़ लिया और फिर शुरू हो गई राहुल की खिंचाई। हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई बार रहुल गांधी फर्जी आंकड़ों के जरिए सरकार पर हमला कर चुके हैं, लेकिन इससे उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। हां ये जरूर हुआ कि राहुल के अल्पज्ञान और गलतबयानी का लोगों ने मजाक जरूर बनाया।

आगे आपको बताते हैं इससे पहले राहुल गांधी कितना झूठ बोल चुके हैं और फर्जी आंकड़े पेश कर चुके हैं।

महिला साक्षरता के गलत आंकड़े पेश किए
राहुल गांधी ने दो दिन पहले ही 3 दिसंबर को “22 सालों का हिसाब, गुजरात मांगे जवाब” अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी से महिला सुरक्षा, पोषण और महिला साक्षरता से जुड़ा सवाल पूछा था, लेकिन इस सवाल के साथ राहुल ने जो इन्फोग्राफिक्स पोस्ट किया था उसमें गुजरात की महिला साक्षरता के उल्टे आंकड़े दिखाए थे। इन आंकड़ों में दिखाया गया था कि 2001 से 2011 के बीच गुजरात में महिला साक्षरता दर में 70.73 से गिरकर 57.8 फीसदी हो गई है।

राहुल गांधी ने जो आंकड़े दिखाए थे वो सरासर गलत थे। गुजरात में महिला साक्षरता की सच्चाई इसके उलट है। सही आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में 2001 से 2011 के बीच महिला साक्षरता में 12.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि 1991 से 2001 के बीच हुई 8.9 फीसदी बढ़ोतरी से काफी ज्यादा है। इतना ही नहीं इस दौरान राष्ट्रीय स्तर पर हुई साक्षरता वृद्धि से भी ये काफी ज्यादा है। इससे एक बार फिर साफ हो गया है कि राहुल गांधी झूठे आंकड़े पेश कर गुजरात सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैे।

गुजरात में बेरोजगारी के आंकड़ों पर बोला झूठ
गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी लगातार झूठ का सहारा ले रहे हैं। 24 नवंबर को गुजरात में दो रैलियों में राहुल गांधी ने बेरोजगारी के अलग-अलग आंकड़े पेश कर दिए। 24 नवंबर को पोरबंदर में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात में 50 लाख बेरोजगार युवा क्यों हैं? वहीं उसी दिन अहमदाबाद में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात में 30 लाख बेरोजगार क्यों हैं? लेकिन राहुल गांधी द्वारा फैलाए जा रहे इस झूठ को लोगों ने पकड़ लिया और एक बार राहुल गांधी फिर मजाक के पात्र बनकर रह गए। जब गुजरात भाजपा ने बेरोजगारी के सही आंकड़े पेश किए तो राहुल गांधी की पोल खुल गई।

उद्योगपति मित्रों को 45000 करोड़ एकड़ जमीन 
गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान ही राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने के क्रम में ऐसा कुछ कह दिया था जो कि असंभव है। राहुल ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्तों को 45000 करोड़ एकड़ जमीन दे दी, लेकिन राहुल ने जमीन का जो आंकड़ा बोला वो असंभव है। शायद राहुल को यह पता ही नहीं है कि वो बोल क्या रहे हैं। 45000 करोड़ एकड़ जमीन इस धरती से भी तीन गुना ज्यादा है। अब आप ही बताइये कि गुजरात जैसे छोटे राज्य में पीएम मोदी धरती से तीन गुना ज्यादा जमीन किसी को कैसे दे सकते हैं। आपको बता दें कि पूरी धरती लगभग 13000 करोड़ एकड़ की है।

Statue of Unity को लेकर झूठ फैलाया
राहुल गांधी ने गुजरात में पाटीदारों को कहा कि मोदी सरकार के लिए शर्मनाक है कि नर्मदा नदी पर बनने वाला Statue of Unity सरदार पटेल की प्रतिमा made in China होगी। राहुल गांधी एक बार फिर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चक्कर में सरदार पटेल के नाम पर झूठ बाेल रहे हैं। तमाम तथ्य इसकी गवाही देते हैं कि वे सिर्फ और सिर्फ झूठ की राजनीति कर रहे हैं। 

 

कश्मीर पर झूठ फैलाते राहुल गांधी
अमेरिका में राहुल गांधी ने ये निराधार आरोप भी लगाया कि जम्मू कश्मीर में आतंक से निपटने में मोदी सरकार नाकाम रही है। अगर कश्मीर पर वो सच बोल रहे होते तो यह कहते कि वहां आतंक के सफाये का दौर जारी है और सरकार आतंक से सहानुभूति रखने वालों का हिसाब करने में भी लगी है। फिर राहुल गांधी यह कैसे बताते कि कश्मीर समस्या कांग्रेस की ही देन है! वे यह भी कैसे बताते कि उनके ही पूर्वज देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की नीतियों की वजह से आज भी कश्मीर समस्या बनी हुई है। धारा 370 और 35 A जैसे प्रावधान भी कांग्रेस की ही उपज हैं।

भारत को धमकी देने वाले चीन से गले मिलने पर झूठ
देश के जवान जब सिक्किम की सीमा पर चीनी दबंगई का मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे, सीमा पर चीन की दादागीरी का पीएम मोदी हर स्तर पर प्रतिकार कर रहे थे, उसका जवाब दे रहे थे, उस समय कांग्रेस उपाध्यक्ष ‘दुश्मनों’ को गले लगा रहे थे। भारत और चीन में युद्ध जैसे हालात में भी सरकार को सूचना दिए बिना कांग्रेस के ‘युवराज’ ने चीनी दूतावास जाकर वहां के राजदूत लियो झाओहुई से मुलाकात की। गौर करने वाली बात यह भी है कि चीनी दूतावास के WeChat अकाउंट ने 8 जुलाई को राहुल की बैठक की पुष्टि की थी जबकि कांग्रेस ने राहुल गांधी की चीनी राजदूत से मुलाकात करने की खबरों को ‘फर्जी’ करार देते हुए इसे सिरे से खारिज किया था। 

खबरों में रहने के लिए झूठ बोलते हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी रोजाना खबरों में बने रहने के लिए झूठ बोलते हैं। इसके लिए वे आम लोगों, गरीबों, मजदूरों की संवेदनाओं से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते हैं। गरीबों से उनकी खिल्ली उड़ाने वाले सवाल करते हैं। गरीबी उनके लिए कोई गंभीर समस्या नहीं है। गरीबी उनके लिए एक मनोदशा और एक अवसर है।

Leave a Reply Cancel reply