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प्रियंकाजी, राजस्थान रेप में ही नंबर-1 नहीं, बल्कि नाबालिग बच्चियों की तस्करी में भी देश में शर्मनाक स्थिति, आदिवासी इलाकों से केरल और दूसरे राज्यों तक होती है बच्चियों की तस्करी

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राजस्थान लड़कियों से रेप के मामले में शर्मनाक तरीके से नंबर-वन बना ही हुआ है। एनसीआरबी की रिपोर्ट हैरतअंगेज आंकड़े बताती है कि नाबालिगों के केस में तो इस कांग्रेस शासित प्रदेश का और भी बुरा हाल हो रहा है। देशभर में अकेले राजस्थान में ही 49 फीसदी यानी 1279 नाबालिगों से बलात्कार हुआ है। राज्य की निष्क्रिय पुलिस से बैखोफ हवस के दरिंदे मासूमों तक को नहीं बख्श रहे हैं। दुष्कर्म के अलावा राजस्थान में अब नाबालिगों की खुलेआम खरीद-फरोख्त और तेज हो गई है। इनकी गरीबी का लाभ उठाकर लड़कियों के दलाल इन्हें दूसरे राज्यों में बेच रहे हैं और सरकार बंद आंख से तमाशा देखने में लगी है। यूपी में लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा देने वाली कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को भी राजस्थान में लड़कियों के बहहाल हाल नहीं दिख रहे हैं।

नाबालिगों पर बढ़ रही ज्यादती, मंत्री कहते हैं, क्या करें- राजस्थान मर्दों का प्रदेश
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं की अस्मत लूटने के मामले में राजस्थान देशभर में पहले नंबर पर है। देश में सालभर में कुल 28046 रेप के मामले दर्ज हुए। इसमें से राजस्थान 5310 बलात्कार के केस के साथ पहले नंबर पर है। इनमें से भी एक चौथाई से ज्यादा केस ऐसे हैं, जिनमें बलात्कार पीड़िताओं की उम्र 18 वर्ष से कम है। बेहद हैरानी की बात है कि देशभर में 2640 और अकेले राजस्थान में 1279 नाबालिगों के साथ ज्यादती की घटनाएं हुईं। इन पर किसी तरह के अंकुश के बजाए राजस्थान के सीनियर मंत्री शांति धारीवाल विधानसभा में रेप पर महिलाओं का मजाक बनाते हुए निर्लज्जता से कहते हैं…क्या करें? राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। इस पर भी प्रियंका गांधी मौन रहती हैं।राज्य की ट्राइबल बेल्ट के जिले तस्करों और दलालों के लिए साफ्ट टारगेट
एनसीआरबी के मुताबिक एक साल में 53 नाबालिग लड़कियों की तस्करी के मामले सामने आए। इनमें अधिकतर मामले ट्राइबल बेल्ट के ही हैं। राज्य के सीमावर्ती चार आदिवासी बहुल जिले- सिरोही, उदयपुर, बांसवाड़ा और डूंगरपुर की बच्चियां इन गैंग्स का सॉफ्ट टारगेट हैं। यहां के कई गांवों की लड़कियों को किडनैप कर या नौकरी का लालच देकर दलाल अपने जाल में फंसा लेते हैं। कई महीनों तक बंधक बनाकर रखते हैं। जब तक खरीदार नहीं मिलता, दलाल इनके साथ रेप करते हैं। दूसरे राज्यों में बैठे ऐसी गैंग्स के सरगना अपने एजेंट्स के जरिए इस पूरे गोरखधंधे को चला रहे हैं।प्रदेश की 12 नाबालिग बच्चियों को तस्करी करके केरल में ले जाया गया
राजस्थान की गहलोत सरकार के कोई सख्त एक्शन न लेने के चलते अब यह मर्दानगी नाबालिगों को खरीदने-बेचने, तस्करी करने में भी बढ़ती जा रही है। हाल ही में खुलासा हुआ कि प्रदेश की 12 नाबालिग बच्चियों को तस्करी करके केरल ले जाया गया।  आश्चर्य की बात है कि राजस्थान पुलिस की मानव तस्करी निरोधी यूनिट को इसकी भनक तक नहीं। जबकि केरल पुलिस ने राजस्थान से बच्चों की मानव तस्करी होने की पुष्टि की तब जाकर कुंभकर्णी नींद में सोई राजस्थान पुलिस जागी। राजस्थान के बांसवाड़ा की इन सभी बच्चियों को केरल के एर्नाकुलम स्थित एक स्कूल में भर्ती कराने के नाम पर ले जाया जा रहा था।  बच्चियों को जिस स्कूल के नाम पर लाया गया, वह स्कूल वर्ष 2017 में ही बंद है। वर्ष 2013 में यह स्कूल खुला था, लेकिन स्कूल की संदिग्ध गतिविधियां होने पर उसे मान्यता नहीं दी गई। इसलिए स्कूल पांच वर्ष बाद ही बंद हो गया था।

राजस्थान 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों कि तस्करी के मामले में देश में दूसरे नंबर पर
राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक राजस्थान रेप के मामले में पहले नंबर पर और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों कि तस्करी के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है। तस्करी की डील होने के बाद ही बच्चियों से टॉर्चर की असली कहानी शुरू हो जाती है। खरीदने वाले दरिंदे दिन-रात उन्हें अलग-अलग मर्दों को सौंप देते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात पुलिस की मदद से ऐसी दो मासूमों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया। जो सच सामने आया, वह बेहद डरावना है। उनकी करुण कहानी को सुनने वाला सरकार में कोई नहीं है…

स्टडी -1 : नौकरी तो मिली नहीं, नाबालिग की तस्करों ने इज्जत भी उतार दी
नाबालिग कुसुम (बदला नाम) की कहानी बच्चियों की तस्करी करने वाले कैसे-कैसे जुल्म नाबालिगों पर ढहा रहे हैं। पिंडवाड़ा क्षेत्र के आदिवासी इलाके के पहाड़ों के एक गांव की रहने वाली कुसुम के मुताबिक कुछ दिन पहले पिंडवाड़ा बाजार में एक महिला ने उसे रोककर काम दिलाने के बहाने मेरे मोबाइल नंबर लिए। पिछले माह नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया। वहां पहुंची तो उसने अपने पति वनराज के साथ ट्रेन में बैठाकर रवाना कर दिया। उसने टेबलेट देकर बेहोश कर दिया। वो मुझे सिद्धपुर इलाके की एक होटल में ले गया। वहां वनराज ने मेरे साथ रेप किया। फिर वो दूसरे सुनसान इलाके में ले गया। एक मकान में वहां और भी कई लड़कियां कैद थीं। वनराज का एक और साथी मुझे नए-नए कपड़े बदलकर वहां आए दूसरे मर्दों के सामने पेश करते।

स्टडी-2 :  नाबालिग का अपहरण, पुलिस ने मामला ही दर्ज नहीं किया
सिरोही जिले के आदिवासी इलाके की 15 साल की मासूम नीलम (बदला नाम) अचानक गायब हो गई। पिता ने थाने में गुमशुदगी की शिकायत दी। शिकायत का पत्र थाने में गुम हो गया और पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। पुलिस के मुताबिक दो माह बाद मासूस को तस्करों से छुड़ाया है। नीलम के मुताबिक उसे जबरदस्ती कुछ लोग बाजार से लौटते समय उठा ले गए थे। जिस सुनसान जगह पर रखा गया था, वहां मर्द लड़कियों से रेप करने आते थे। मना करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी।तस्कर और दलाल तीन तरीकों से करते हैं नाबालिग लड़कियों का सौदा
अब पकड़े गए दलालों से हुई पुलिस पूछताछ में सामने आया कि कम उम्र की खूबसूरत लड़कियों को ऐसे खरीदारों के सामने पेश किया जाता है, जो कोई भी कीमत देने के लिए तैयार होते हैं। इसके अलावा जिन लड़कियों को कोई नहीं खरीदता, उनका दलाल इतना शोषण करते हैं कि वो उनके हर ऑर्डर को फॉलो करने लगती हैं। इसके बाद इन लड़कियों की पैसे लेकर शादी करा दी जाती है। लड़कियों को ऑर्डर दिया जाता है कि 5-10 दिन में वहां से गहने-रुपए लेकर भाग आना है। दूल्हा अगर गलती से दुल्हन की तलाश में आ जाता है तो उसे मुकदमे की धमकी देकर भगा दिया जाता है।  नाबालिग और हर जगह से रिजेक्ट हुई लड़कियों से रुपए कमाने के लिए भी तीसरा तरीका देह व्यापार है। तस्कर और दलाल बड़े ठेकेदारों को एक मुश्त रकम लेकर नाबालिगों को बेच देते हैं।

 

 

 

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