प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार, 15 मई को थॉमस कप में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाली भारतीय बैडमिंटन टीम से फोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री ने टीम को बधाई दी और कहा कि खेल विश्लेषकों को इसे भारत की खेलों में मिली बेहतरीन जीत कहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि टीम एक भी राउंड नहीं हारी।
प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों से पूछा कि किस स्तर पर उन्हें लगा कि वे जीतेंगे। किदांबी श्रीकांत ने उन्हें बताया कि क्वार्टर फाइनल के बाद टीम का संकल्प काफी मजबूत हो गया था कि हम अंत तक खेलेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि टीम भावना ने मदद की और हर खिलाड़ी ने अपना 100 प्रतिशत दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोच भी प्रशंसा के पात्र हैं।
एचएस प्रणय ने भी कहा कि क्वार्टर फाइनल जीतना बेहद जरूरी था। उसे जीतने के बाद साफ हो गया था कि भारतीय टीम किसी भी टीम से मुकाबला कर सकती है। उन्होंने कहा कि टीम के समर्थन से ही मलेशिया जैसी मजबूत टीम को हराया जा सका।
प्रधानमंत्री ने विजयी टीम से पूछा कि उभरते एथलीटों और बैडमिंटन, टेबल टेनिस या तैराकी जैसे खेलों में भाग लेने वाले छोटे बच्चों के लिए आपका संदेश क्या होगा? श्रीकांत ने टीम की तरफ से कहा कि आज के समय में भारत में खेलों के लिए भरपूर सहयोग मिल रहा है। भारतीय खेल प्राधिकरण, सरकार, खेल संघों और एलीट लेवल पर- टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टीओपीएस) के प्रयासों के चलते खिलाड़ियों को काफी सपोर्ट मिल रहा है। अगर ऐसा चलता रहा तो हमें लगता है कि भारत में कई और चैंपियन निकलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाड़ियों के माता-पिता के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि खेलकूद के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना और आखिर तक उनके साथ खड़े रहना कठिन काम होता है। बातचीत के आखिर में प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों के साथ मिलकर ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए।
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