Home समाचार ‘बकरी’ के बलात्कारियों पर कांग्रेस क्यों है मौन ?

‘बकरी’ के बलात्कारियों पर कांग्रेस क्यों है मौन ?

SHARE

कांग्रेस इंसान की जाति और धर्म देखकर ही पार्टी की लाइन तय करती रही है। अब उसने बेजुबान जानवरों की पीड़ा को भी सियासी चश्मे से देखना शुरू कर दिया है। हाल ही में हरियाणा के नूंह जिले में एक गर्भवती बकरी के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना पर कांग्रेस की रहस्यमयी चुप्पी से कई सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि, यही कांग्रेस है, जिसने उत्तरखांड में शक्तिमान नाम के घोड़े को दुर्घटना में लगी चोट को लेकर आसमान सिर पर उठा लिया था।

कांग्रेस की चुप्पी के पीछे मुस्लिम बलात्कारी ?
हरियाणा के नूंह जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना में आरोपी मुस्लिम बताए जा रहे हैं। इसमें सवारकार, हारुन और जफर समेत कुल 8 आरोपी हैं। इन सब पर एक गर्भवती बकरी से गैंग रेप का आरोप है। आरोपियों ने बकरी के साथ इस कदर जुर्म किया कि उसकी मौत तक हो गई। ऑनलाइन समाचार पोर्टल पत्रिका में छपी खबर के अनुसार बकरी के मालिक की शिकायत के मुताबिक आरोपियों ने पहले बकरी से छेड़छाड़ की कोशिश की थी। लेकिन, जब उन्हें मना किया गया तो वे लौटकर आए और बकरी को जबरन ले जाकर इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। जानवरों से जुड़ी संस्था पेटा ने भी इस शर्मनाक घटना का संज्ञान लिया है। लेकिन, शायद आरोपियों का धर्म देखकर कांग्रेस का खून ठंडा पड़ गया है।

घोड़े की चोट पर कांग्रेस ने खूब की थी सियासत
देहरादून में 14 मार्च, 2016 को बीजेपी के एक प्रदर्शन के दौरान मची आपाधापी में पुलिस के घोड़े शक्तिमान की टांग टूट गई थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने घोड़े की टांग टूटने के लिए एक बीजेपी विधायक को आरोपी तक बनाया था। कांग्रेस सरकार ने तब एक वीडियो के आधार पर दावा किया था कि शक्तिमान की टांग बीजेपी विधायक की वजह से टूटी है। लेकिन, बाद की कुछ तस्वीरों से कांग्रेस के तत्कालीन सरकार के दावों की हवा निकल गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घटना को सियासी रंग देने के लिए उस की एक प्रतिमा भी शहर में लगवाई थी, लेकिन बाद में ज्योतिषी के मना करने पर उसे फौरन हटा लिया था। मौजूदा सरकार ने अदालत से उस मुकदमे को झूठा बताकर बीजेपी नेता से केस वापसी की याचिका भी लगाई है।

Leave a Reply Cancel reply