महाराष्ट्र में मंदिर खोलने का मद्दा काफी गरमा गया है। राजनीतिक और धार्मिक संगठनों की बार-बार मांग के बावजूद महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने मंदिरों को फिर से खोलने से इनकार कर दिया। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की चिट्ठी ने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया। राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हिन्दुत्व पर सीधा हमला करते हुए उन्हें अतीत की याद दिलाई। राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे के सेक्युलर होती छवि पर सवाल उठाया। लेकिन सेक्युलर शब्द से सबसे अधिक परेशानी एनसीपी प्रमुख शरद पवार को हुई। उन्होंने उद्धव ठाकरे का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्यपाल की शिकायत की है।
राज्यपाल की चिट्ठी के उस हिस्से पर सबसे ज्यादा विवाद हो रहा है जिसमें उन्होंने हिंदुत्व और सेक्युलर होने का जिक्र किया है। शरद पवार ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयान का पूरी तरह समर्थन करता हूं। मुख्यमंत्री के पास सार्वजनिक रूप से बयान देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी को किए शिकायत में कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को भाषा की मर्यादा का ख्याल रखना जरूरी है। उन्हें उस हिस्से को हाइलाइट किया, जिसमें ‘सेक्युलर’ शब्द का जिक्र किया गया है।
राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में कहा था कि आपने एक जून को ‘मिशन बिगेन अगेन’ की शुरुआत की थी। लेकिन अब उसे चार महीने हो गए हैं और अभी तक धार्मिक स्थल नहीं खुले हैं। उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार, रेस्टोरेंट ओर समुद्री बीच खोल दिए हैं वहीं दूसरी तरफ देवी-देवता लॉकडाउन में रहने को अभिशप्त हैं। राज्यपाल यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि आप हिन्दुत्व के पक्षकार रहे हैं। लेकिन क्या आपने अचानक खुद को सेक्युलर बना लिया है? क्योंकि एक समय आपको इस शब्द से काफी नफरत थी।
बुधवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। अमृता ने कहा कि महाराष्ट्र में बार और शराब की दुकान खोलने की छूट है लेकिन मंदिर खतरनाक जोन में हैं? अमृता ने ट्वीट कर कहा कि भरोसा ना कर पाने वाले लोगों को सर्टिफिकेट देकर साबित करना होता है, ऐसे लोग स्टैंडर्ड ऑन प्रोसीजर को लागू करवाने में नाकाम रहते हैं।
वाह प्रशासन – bars and liquor shops are wild wide open but temples are danger zones ?
Definitely sometimes ‘certificate’ is required to prove the saneness of some dicey creatures who are incapable of having SOPs in place ! ?? #Maharashtra— AMRUTA FADNAVIS (@fadnavis_amruta) October 13, 2020
मंदिर खोलने को लेकर जारी घमासान में कंगना रनौत भी कूद पड़ी। उन्होंने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को गुंडा सरकार बताते हुए कहा कि सोनिया सेना, बाबर सेना से बुरा व्यवहार कर रही है। कंगना ने ट्वीट किया, ‘यह जानकर अच्छा लगा कि माननीय गवर्नर महोदय ने गुंडा सरकार से पूछताछ की है। गुंडों ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन मंदिरों को बंद रखा है। सोनिया सेना, बाबर सेना से भी बद्तर व्यवहार कर रही है…’
Nice to know Gunda government is being questioned by Honourable Governor sir, Gundas have opened bars and restaurants but strategically keeping temples shut. Sonia Sena is behaving worse than Babur Sena …. #Governor https://t.co/qgLDxB9erd
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) October 13, 2020
बता दें कि महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। मंगलवार को मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर सैकड़ों लोग सुबह-सुबह ही जमा हो गए और प्रदर्शन किया। मंदिर खोले जाने के आंदोलन की शुरुआत शिरडी के साईं मंदिर से हुई। कोरोना की वजह से साईं बाबा के मंदिर के दरवाजे 6 महीने से श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं। रोज़ाना पूजा-अर्चना के लिए सिर्फ मुख्य पुजारी को ही अंदर जाने की इजाज़त है। चूंकि शिरडी में श्रद्धालुओं की वजह से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है, हजारों घरों का चूल्हा जलता है। इसलिए लोग मंदिर को खोलने की मांग कर रहे हैं।