प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कोरोना वायरस संकट पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब संक्रमण के फैलाव को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। यह सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि लोग सुरक्षित दूरी बनाए रखने सहित पूरी सावधानी बरतें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 के फैलाव को रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘अब हमारे पास इस बारे में स्पष्ट संकेत हैं कि भारत में महामारी किन-किन भौगोलिक क्षेत्रों में फैली हुई है और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र कौन-कौन से हैं। इसके अलावा, पिछले कुछ हफ्तों में अधिकारियों ने इस तरह की परिस्थितियों में जिला स्तर तक की परिचालन प्रक्रियाओं को अच्छी तरह से समझ लिया है।’
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति से लेकर पूरी मानवता तक जीवन का नया तरीका ‘जन से लेकर जग तक’ के सिद्धांत पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को नई वास्तविकता की योजना बनानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘भले ही हम लॉकडाउन को क्रमबद्ध ढंग से हटाने पर गौर कर रहे हैं, लेकिन हमें यह लगातार याद रखना चाहिए कि जब तक हम कोई वैक्सीन या समाधान नहीं ढूंढ लेते हैं, तब तक वायरस से लड़ने के लिए हमारे पास सबसे बड़ा हथियार सामाजिक दूरी बनाए रखना ही है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी से 15 मई तक मेरे साथ इस व्यापक रणनीति को साझा करने का अनुरोध करता हूं कि आप किस तरह से अपने-अपने राज्यों में लॉकडाउन की व्यवस्था से निपटना चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि राज्य ब्लू प्रिंट तैयार कर यह बताएं कि वे लॉकडाउन के दौरान और उसे क्रमबद्ध ढंग से हटाने के बाद विभिन्न बारीकियों से कैसे निपटेंगे।’
विदेश से वापस लौटने वाले फंसे भारतीयों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन करने पर भी चर्चा हुई। अर्थव्यवस्था पर अपने सुझावों में मुख्यमंत्रियों ने एमएसएमई और बिजली जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को आवश्यक सहायता देने, ऋणों पर ब्याज दरों में राहत देने और कृषि उपज की बाजार पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए हमें एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी। देश में मानसून के दस्तक देने पर कई गैर-कोविड 19 बीमारियां फैलेंगी जिनसे निपटने के लिए हमें अपनी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रणालियों को निश्चित तौर पर तैयार और मजबूत करना होगा।’
पर्यटन की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें घरेलू पर्यटन में काफी संभावनाएं नजर आती हैं, लेकिन हमें इसकी रूपरेखा के बारे में सोचने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर एक रोडमैप तैयार करने के लिए राज्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे अब भी आशावान हैं। इसी तरह एक भी राज्य ने निराशा नहीं दिखाई है और यह सामूहिक संकल्प भारत को कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई में जीत दिलाएगा।