प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें याद कर भावुक हो गए। प्रधानमंत्री मोदी कहा कि मुझे मेरे मित्र की बहुत याद आती है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, पिछले साल आज ही के दिन हमने अरुण जेटली जी को खो दिया था। मुझे अपने दोस्त की बहुत याद आती है। अरुण जी ने लगन से देश सेवा की। उनकी बुद्धिमत्ता, कानूनी समझ और व्यक्तित्व का हर कोई कायल था।
On this day, last year, we lost Shri Arun Jaitley Ji. I miss my friend a lot.
Arun Ji diligently served India. His wit, intellect, legal acumen and warm personality were legendary.
Here is what I had said during a prayer meeting in his memory. https://t.co/oTcSeyssRk
— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश के साथ ही पिछले साल 10 सितंबर को अरुण जेटली की श्रद्धांजलि सभा के दौरान अपने पुराने भाषण का एक वीडियो भी शेयर किया। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रद्धांजलि सभा में कहा था वे सर्वमित्र थे, वे सर्वप्रिय थे और वे अपनी प्रतिभा के कारण, अपने पुरुषार्थ के कारण, अपने प्रभाव के कारण जिसको भी, जहां भी उपयोगी हो सकते थे वे हमेशा उपयोगी होते थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं हमेशा एक कमी महसूस करूंगा क्योंकि इनके पास हिंदुस्तान के पार्लियामेंट्री इतिहास की शासन व्यवस्था की एक प्रकार से मेमोरी की डिक्शनरी, इनसॉइक्लोपीडिया पूरी तरह भरा पड़ा था और इसलिए कोई भी विचार हमारे सामने आता है तो बड़ी आराम से कहते हैं कि देखो उस समय ऐसा हुआ था, इसके पीछे ये बैकग्राउंड है और सही निर्णय करने में इस प्रकार की पुरानी घटनाओं की मेमोरी का बहुत बड़ा रोल होता है, निर्णय के तरीकों का उस पर प्रभाव होता है और अरुण जी का ये सामर्थ्य, मैं समझता हूं कि हिंदुस्तान के सार्वजनिक जीवन के लिए एक अनमोल रत्न था। जीवन इतना विविधताओं से भरा था दुनिया की कोई भी चीज की लेटेस्ट बात निकालिए वो पूरा कच्चा-चिट्ठा उसका खोल देते थे इतनी जानकारियां रखते थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने 10 सिंतबर, 2019 को आयोजित सभा में कहा था मुझे बराबर याद है जब अटल जी भी थे तब भी किसी चीज का ड्राफ्टिंग होता था तो आडवाणी जी उसको हाथ लगाते थे या तो अरुण जेटली हाथ लगाते थे और शब्दों को सही करने का काम सही समय पर सही शब्द का सही जगह पर इस्तेमाल करने का काम इतनी बखूबी वो निभाते थे। ये अपनी विविधता, विशेषताएं, एक अपने आप में वैल्यूऐशन करते रहते थे, सार्वजनिक जीवन में ऐसे व्यक्तित्वों का होना, ऐसी प्रतिभाओं का होना और ऐसी वाला व्यक्तिगत जीवन में बहुत कुछ पा सकता है जिसको हम लौकिक दुनिया की चीजें कहते हैं, बहुत कुछ पा सकता है। लेकिन उन्होंने अपने इस सारे सामर्थ्य को, सारी प्रतिभा को, सारे व्यक्तित्व को, सारी विविधताओं को, सारे अनुभवों को, सारे सपनों को सिर्फ और सिर्फ देश के लिए काम आए, इसी एक सपने को लेकर के जीते रहे।
देखिए वीडियो-