प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को शपथ लेने के साथ ही सरकार के कानकाज में समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को प्रमुखता दी। मोदी सरकार ने बीजेपी के अंत्योदय की अवधारणा को एक नयी धारणा देने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की घोषणा की और 28 अगस्त को इस कार्यक्रम की शुरुआत की। आज 28 अगस्त, 2020 को जन धन योजना के छह साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज से छह साल पहले वंचित लोगों को बैंकिंग सुविधा देने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की गई थी। यह योजना एक गेम चेंजर साबित हुई और यह गरीबी उन्मूलन के लिए उठाए गए कदमों की नींव साबित हुई है। इसका लाभ करोड़ों लोगों को मिला है।
Today, six years ago, the Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana was launched with an ambitious aim of banking the unbanked. This initiative has been a game-changer, serving as the foundation for many poverty alleviation initiatives, benefitting crores of people. #6YearsOfJanDhanYojana pic.twitter.com/MPueAJGlKw
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य ट्वीट में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना के कारण आज कई परिवारों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। इस योजना के लाभार्थियों में बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के लोग और महिलाएं हैं। मैं पीएम-जेडीवाई को सफल बनाने के पीछे अथक परिश्रम करने वाले सभी लोगों की भी सराहना करता हूं।
Thanks to the Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana, the future of several families has become secure. A high proportion of beneficiaries are from rural areas and are women. I also applaud all those who have worked tirelessly to make PM-JDY a success. #6YearsOfJanDhanYojana pic.twitter.com/XqvCxop7AS
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2020
गरीबों के जीवन में आया नया सवेरा
आजादी के सात दशक बीतने के बावजूद समाज के अंतिम छोर पर खड़ा एक विशाल तबका मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं बन सका था। वर्ष 1969 में बैंकिग क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण के बावजूद देश में एक बड़ा तबका ऐसा था जिसका बैंक खाता तक नहीं खुल सका था। वर्ष 2011 की जनगणना तक देश के लगभग 42 प्रतिशत परिवार ऐसे थे जिनमें किसी भी सदस्य के पास बैंक खाता नहीं था। मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री जनधन योजना के माध्यम से देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ने का एक अभियान शुरू किया। आज जन धन योजना देश के गरीबों के जीवन में नया सवेरा लेकर आया है। इसके माध्यम से गरीबी हटाने की दिशा में बड़ी सफलता मिल रही है।
सब्सिडी की राशि सीधे लाभर्थी के खाते में
जनधन योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ने का बड़ा लाभ यह भी हुआ कि सब्सिडी की राशि, जो जनता तक पहुंच नहीं पाती थी, वह अब सीधे लोगों के बैंक खातों में पहुंचने लगी है। यानि गरीब का अधिकार सीधे उसके खाते में मिलने लगा। मनरेगा, वृद्धावस्था पेंशन और स्टूडेंट स्कॉलरशिप जैसी सरकारी योजनाओं के पैसों का ट्रांसफर अब बिना किसी भ्रष्टाचार के होता है। यह गांवों में रहने वाले लोगों को आसानी से धन भेजने की सुविधा उपलब्ध कराता है। प्रधानमंत्री जन धन योजना आज दुनिया में सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है।
जन केंद्रित आर्थिक कार्यक्रमों की बुनियाद
पीएमजेडीवाई की छठी वर्षगांठ पर केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना मोदी सरकार के जन केंद्रित आर्थिक कार्यक्रमों की बुनियाद रही है। चाहे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) हो या कोरोना संबंधी वित्तीय मदद, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत मजदूरी में वृद्धि, जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा कवर, प्रत्येक वयस्क को बैंक खाता प्रदान करने के लिए उठाया गया पहला कदम था जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।
कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने में मदद
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पीएमजेडीवाई बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग प्रणाली के तहत लाई है। साथ ही इसने भारत के वित्तीय ढ़ांचे का विस्तार किया है और 40 करोड़ से अधिक खाताधारकों को वित्तीय समावेशन के दायरे में लाई है। इसके लाभार्थियों में से अधिकांश महिलाएं हैं और अधिकतर खाते ग्रामीण भारत से हैं। आज कोविड-19 के दौर में हमने डीबीटी में उल्लेखनीय तेजी और सहजता देखी है। इसने समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में मदद की है। इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि पीएम जन धन खातों के माध्यम से डीबीटी ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक रुपया निर्धारित लाभार्थी तक पहुंच जाए और उसमें कोई गड़बड़ी न होने पाए।
प्रधानमंत्री जन धन योजना के 6 साल के प्रमुख पहलुओं और उपलब्धियों पर एक नजर –
प्रधानमंत्री जन धन योजना के मूल सिद्धांत
*बैंकिंग पहुंच से दूर रहने वाले लोगों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल करना – न्यूनतम कागजी कार्रवाई के साथ सामान्य बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना, केवाईसी, ई-केवाईसी नियमों में ढील देना, जीरो बैलेंस और जीरो फीस के साथ शिविर मोड में खाता खोलना।
*असुरक्षित को सुरक्षित करना- 2 लाख रुपये के मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना।
*वित्त पोषण की सुविधा- सूक्ष्म बीमा, उपभोग के लिए ओवरड्राफ्ट, माइक्रो-पेंशन और माइक्रो-क्रेडिट जैसे अन्य वित्तीय उत्पाद
पीएमजेडीवाई की उपलब्धियां
* 19 अगस्त 2020 तक खातों की कुल संख्या: 40.35 करोड़,
* महिला पीएमजेडीवाई खाते: 55.2 प्रतिशत
* ग्रामीण पीएमजेडीवाई खाते: 63.6 प्रतिशत
* खातों में कुल जमा रकम 1.31 लाख करोड़ रुपये
* खाताधारकों को जारी किए गए कुल रूपे कार्ड: 29.75 करोड़
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रधानमंत्री जन धन योजना के महिला खाताधारकों के खातों में तीन महीनों (अप्रैल 2020 से जून 2020) के दौरान 500 रुपये प्रति माह रकम जमा कराई गई। अप्रैल 2020 से जून 2020 के दौरान महिला पीएमजेडीवाई खाताधारकों के खातों में कुल मिलाकर 30,705 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं।