प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक और इतिहास रच दिया है। 25 जुलाई 2025 का दिन भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक मोड़ लेकर आया, जब प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के 4,078 दिन पूरे किए। इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 4,077 दिनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। अब वह देश के इतिहास में लगातार सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले दूसरे व्यक्ति बन गए हैं। इस सूची में पहले स्थान पर पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं, जिन्होंने कुल 6,130 दिन तक भारत का नेतृत्व किया।
नरेन्द्र मोदी आजादी के बाद जन्मे पहले प्रधानमंत्री हैं, जो एक गैर-कांग्रेसी पार्टी बीजेपी से आते हैं और गुजरात जैसे गैर-हिंदी भाषी राज्य से हैं। उन्होंने 2014 और 2019 में पूर्ण बहुमत से लोकसभा चुनाव जीते और 2024 में तीसरी बार सत्ता में लौटे। यह उपलब्धि उन्हें भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक विशेष स्थान पर स्थापित करती है।
इसका भी जिक्र जरूरी है कि 1971 में इंदिरा गांधी के बाद नरेन्द्र मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री बने जिन्होंने लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई। साथ ही, नेहरू के बाद वह एकमात्र ऐसे नेता हैं, जिन्होंने लगातार तीन आम चुनावों में पार्टी को जीत दिलाई।
वे अब तक कुल छह बड़े चुनावों में पार्टी को जीत दिला चुके हैं –
गुजरात विधानसभा चुनाव: 2002, 2007, 2012
लोकसभा चुनाव: 2014, 2019, 2024
उनकी नेतृत्व क्षमता ने उन्हें राज्य और केंद्र, दोनों स्तरों पर चुनी गई सरकार का नेतृत्व करने वाला एकमात्र भारतीय नेता बना दिया है।
गुजरात के वडनगर में एक साधारण परिवार में जन्मे नरेन्द्र मोदी का सफर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने से शुरू होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ -RSS और फिर बीजेपी तक पहुंचा। उन्होंने 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और 2014 में भारत के 15वें प्रधानमंत्री बने।
पीएम मोदी अब तक 65 से अधिक देशों की यात्राएं कर चुके हैं, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को मजबूत करने वाले सबसे सक्रिय प्रधानमंत्री बन गए हैं। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी को 27 देशों से 27 सर्वोच्च सम्मान मिल चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी सोशल मीडिया पर सबसे लोकप्रिय वैश्विक नेता हैं। ट्विटर X, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर उनके 20 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का आधार उनका जमीन से जुड़ा व्यक्तित्व, प्रभावशाली संवाद कौशल और भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता राष्ट्र के रूप में स्थापित करने की नीति रही है।
यह मील का पत्थर न केवल उनके राजनीतिक जीवन की एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति जनता के विश्वास को भी दर्शाता है।