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PM Modi की ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ ने बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, एक महीने में सबसे अधिक पंजीकरण का रचा इतिहास

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रिय पहल ‘परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी- PPC)’ को एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। वर्ष 2025 में आयोजित 8वें संस्करण को एक महीने में सबसे अधिक वैध पंजीकरण प्राप्त होने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया है। शिक्षा मंत्रालय और मायगव (MyGov) के सहयोग से आयोजित इस आयोजन में 3.53 करोड़ से अधिक पंजीकरण दर्ज हुए, जो अपने आप में एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड है।

‘परीक्षा पे चर्चा’ एक ऐसा अनूठा संवाद मंच है जहां प्रधानमंत्री सीधे विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हैं। यह पहल न केवल परीक्षा तनाव को कम करने में सहायक है, बल्कि इसे एक सकारात्मक और प्रेरणादायक उत्सव में बदल देती है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री समय प्रबंधन, भावनात्मक संतुलन, और सचेतनता जैसे विषयों पर व्यावहारिक सलाह और प्रेरणा प्रदान करते हैं।

 

नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के आधिकारिक निर्णायक ऋषि नाथ ने इस रिकॉर्ड की औपचारिक मान्यता प्रदान की। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे तथा सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि पीपीसी ने परीक्षाओं के प्रति राष्ट्रीय दृष्टिकोण को पुनर्परिभाषित किया है। उन्होंने यह भी बताया कि पीपीसी 2025 को 21 करोड़ से अधिक दर्शकों ने विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर देखा। उन्होंने आगे कहा कि पीपीसी 2025 में हुई भारी भागीदारी को समग्र एवं समावेशी शिक्षा के प्रति देश की सामूहिक प्रतिबद्धता और विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ समन्वय के रूप में देखा जा रहा है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे एक ऐसी जन-आंदोलन बताया, जो विद्यार्थियों को तनावमुक्त शिक्षा और व्यापक करियर विकल्पों की ओर प्रेरित करता है। उन्होंने इस अमृत काल में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध करियर के व्यापक अवसरों पर प्रकाश डाला और कहा कि सबसे अधिक पंजीकरण का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड इस पहल में जनता के मजबूत विश्वास को दर्शाता है। जितिन प्रसाद ने मायगव की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह मंच शासन को सहभागी और तकनीक-सक्षम बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है।

पीपीसी, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप है, जो अनुभवात्मक शिक्षा, महत्वपूर्ण सोच, और तनावमुक्त सीखने को बढ़ावा देती है। यह कार्यक्रम केवल एक संवाद नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है जो परीक्षाओं को आत्म-अभिव्यक्ति और विकास का माध्यम बना देता है। ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ की रिकॉर्ड-तोड़ सफलता को सरकार ने सभी नागरिकों, शिक्षण संस्थानों और हितधारकों की सामूहिक उपलब्धि करार दिया है। इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि परीक्षा कोई अंत नहीं, बल्कि नए आरंभ का अवसर है।

परीक्षा पे चर्चा की शुरुआत 16 फरवरी, 2018 को हुई थी। इसके बाद इसका आयोजन 29 जनवरी 2019, 20 जनवरी 2020, 7 अप्रैल 2021, 1 अप्रैल 2022, 27 जनवरी 2023 और 29 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में किया जा चुका है। परीक्षा पे चर्चा न केवल बोर्ड की परीक्षाओं और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवा छात्रों का तनाव दूर करने में मदद करता है, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछने का भी अवसर प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक अनूठे संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ की संकल्पना की है। इसमें देश के साथ-साथ विदेशों से भी छात्र, अभिभावक, शिक्षक परीक्षा की वजह से होने वाले तनाव को दूर करने और जीवन को उत्सव की तरह जीने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए उनके साथ बातचीत करते हैं। यह कार्यक्रम पिछले सात वर्षों से शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी छात्र-छात्राओं, पैरेंट्स और टीचर्स से परीक्षा को लेकर चर्चा करते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी बच्चों को ना सिर्फ परीक्षा के तनाव को कम करने के लिए टिप्स देते हैं, बल्कि कथा,कहानियों और उदाहरणों के जरिए प्रेरित करते हैं। इस कार्यक्रम में कक्षा 6 से 12वीं तक के स्कूली छात्र-छात्राएं भाग लेते हैं।


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