प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की पैठ इस्लामिक देशों में काफी बढ़ी है। दुनियाभर में भारत की साख बढ़ने के साथ ही पहले से ही विश्व बिरादरी में अलग-थलग पाकिस्तान अब इस्लामिक देशों के बीच भी अकेला पड़ गया है। अब तो पाकिस्तान को सऊदी अरब के हाथों अपमानित भी होना पड़ा है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष दूत पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद से मिलने से साफ इनकार कर दिया। मुस्लिम वर्ल्ड में पाकिस्तान की इतनी बेइज्जती कभी नहीं हुई थी। इस्लामिक देश अब भारत की जगह पाकिस्तान का साथ देने से कतराने लगे हैं।
ईरान, अफगानिस्तान, यूएई और सऊदी अरब से करीबी रिश्ते बनाकर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया
पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्रों से अपने सबंधों के बल पर भारत को आंख दिखाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ईरान, यूएई और सऊदी अरब के साथ भारत के सामरिक रिश्तों को मजबूत किया। इन देशों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के रिश्तों को एक नया आयाम दिया। हाल ही में यूएई ने भारत के अपराधियों को प्रत्यर्पण करने में पूरी मुस्तैदी दिखाई। आज कोई भी इस्लामिक राष्ट्र, जम्मू कश्मीर को लेकर भारत का विरोध नहीं करता और न ही पाकिस्तान का साथ देता है। इस तरह भारत ने इस समूह में पाकिस्तान को अलग कर दिया है। अफगानिस्तान के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रिश्ते बनाए हैं और अफगानिस्तान को सामानों की आपूर्ति करने के लिए ईरान से चाबहार बंदरगाह का उपयोग करने का समझौता करके पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से तोड़ दिया है। पाकिस्तान के मित्र राष्ट्रों के साथ दोस्ती करके प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान की आतंकवादी नीति के नैतिक बल को ही खत्म कर दिया है।
ईरान और अफगानिस्तान ने हाल ही में पाकिस्तान से आतंकवादी घटनाओं को काबू में करने की चेतावनी दी है। ईरान ने साफ कहा कि वो पाकिस्तान के अंदर घुसकर सुन्नी आतंकवादी ठिकानों और लांचपैठ को तबाह कर देगा। हाल ही में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों ने ईरान के दस सीमा सुरक्षा सैनिकों को मार गिराया है।
कश्मीर पर नहीं मिला किसी का साथ
पाकिस्तान मान कर चल रहा था कि कश्मीर मुद्दे पर उसे मुस्लिम देशों का साथ मिलेगा लेकिन सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन जैसे प्रमुख देशों ने भी उसे झिड़क दिया। तालिबान उसे पहले ही लताड़ चुका था। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और पुनर्गठन से बौखलाए पाकिस्तान को किसी भी मुस्लिम देश से कोई आश्वासन नहीं मिला। कोई भी देश पाकिस्तान की हरकतों के कारण उसकी किसी बात पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं हुआ।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर पाकिस्तान को लताड़ चुका है। यूएई ने कहा कि यह जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन आजाद भारत के इतिहास में कोई अजीब घटना नहीं है। इसका मकसद क्षेत्रीय असमानता को कम करना और दक्षता में सुधार लाना है। यूएई से साफ कहा कि यह भारत का आंतरिक मसला है, जो भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित है।
OIC में इस्लामोफोबिया के आरोप का मालदीव ने दिया करारा जवाब
ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की वर्चुअल मीटिंग में पाकिस्तान ने भारत पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। पाकिस्तान के आरोपों का मालदीव करारा जवाब देते हुए OIC के सदस्य मालदीव ने साफ कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में 20 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं और भारत पर यह आरोप लगाना गलत होगा। उसने यह भी साफ किया कि किसी मंशा से दिए गए कुछ लोगों के बयानों और गलत जानकारी के लिए सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे कैंपेन को 130 करोड़ लोगों की भावना नहीं समझना चाहिए। मालदीव ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और बहु-सांस्कृतिक समाज है। यहां 20 करोड़ से अधिक मुसलमान रह रहे हैं। ऐसे में इस्लामोफोबिया का आरोप लगाना तथ्यात्मक रूप से गलत होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने जब से देश की कमान संभाली है आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक अभियान चला रखा है। पीएम मोदी के प्रयास से ही पश्चिमी दुनिया अच्छे और बुरे आतंकवाद में फर्क करना भूल गई है। वर्तमान दौर में दुनिया में सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद है। भारत आतंकवाद से सबसे अधिक त्रस्त है जिसकी एक मात्र वजह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है। दुनिया के अधिकतर देश भी यह मानने लगे हैं कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है और इसपर लगाम कसना आवश्यक है।
आतंक को संरक्षण देने वाला देश पाकिस्तान
कभी अमेरिकी प्रशासन के लिए पसंदीदा रहे पाकिस्तान की हालत ऐसी हो चुकी है कि वह आतंकवादी देश घोषित होने के कगार पर पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति का परिणाम यह हुआ कि अमेरिका ने भारत के मोस्ट वाटेंड पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन और आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन पर प्रतिबंध लगा। 2018 में आई अमेरिकी रिपोर्ट में लिखा गया, ”ये आतंकवादी संगठन पाकिस्तान से चल रहे हैं। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिल रही हैं और पाकिस्तान से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है।” रिपोर्ट में इस बात का साफ-साफ जिक्र था कि भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। इस तरह से पाकिस्तान को अमेरिका से दूर करके भारत ने पाकिस्तान की आतंकवादी नीति के जहर को ही सोखने का उपाय खोज निकाला।
इस्लामिक देशों के बीच जहां पाकिस्तान अकेला पड़ता जा रहा है वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक, छह मुस्लिम देशों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया है।
‘किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहरीन के शीर्ष पुरस्कार किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां (The King Hamad Order of the Renaissance) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान बहरीन के किंग हमद बिन इसा बिन सलमान अल खलीफा ने भारत के खाड़ी देशों के साथ मित्रता को मजबूत करने और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की मान्यता के तौर पर दिया।
I humbly accept The King Hamad Order of the Renaissance. This is a recognition of India’s strong friendship with Bahrain, which goes back hundreds of years and is expanding rapidly in the 21st century. pic.twitter.com/Ct3zTIGZnx
— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2019
यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायेद’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 24 अगस्त, 2019 को यूएई के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ जायेद से सम्मानित किया गया। अबू धाबी में क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री मोदी को ऑर्डर ऑफ जायेद से सम्मानित किया। जायेद मेडल किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष को दिया जाने वाला यूएई का सबसे बड़ा सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान दोनों देशों के बीच दोस्ती और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया है। यह सम्मान यूएई के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के नाम पर है। यह सम्मान भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच विशेष संबंधों का परिचायक है। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान देने की घोषणा इस साल अप्रैल में की गई थी।
मालदीव के सर्वोच्च सम्मान ‘निशान इज्जुद्दीन’ से नवाजा गया
प्रधानमंत्री मोदी को 8 जून, 2019 को मालदीव के सर्वोच्च सम्मान ‘निशान इज्जुद्दीन’से सम्मानित किया गया। दूसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर मालदीव पहुंचने पर पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी को विदेश मेहमानों को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान ‘निशान इज्जुद्दीन’ से नवाजा गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज मुझे मालदीव के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करके आपने मुझे ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष को एक नया गौरव दिया है। निशान इज्जुद्दीन का सम्मान मेरे लिए हर्ष और गर्व का विषय है। यह मेरा ही नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच मित्रता और घनिष्ठ संबंधों का सम्मान है। मैं इसे बड़ी विनम्रता और आभार के साथ, सभी भारतीयों की ओर से स्वीकार करता हूं।”
फिलिस्तीन का सर्वोच्च ग्रैंड कॉलर सम्मान
फिलस्तीन के दौरे पर जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने ग्रैंड कॉलर सम्मान प्रदान किया। भारत और फिलिस्तीन के रिश्तों की बेहतरी के लिए श्री मोदी द्वारा उठाए गए कदमों के लिए यह सम्मान दिया गया। ग्रैंड कॉलर विदेशी मेहमान को दिया जाने वाला फिलस्तीन का सर्वोच्च सम्मान है।
सऊदी अरब का सर्वोच्च सैश ऑफ किंग अब्दुल अजीज सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी को 2016 में सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘सैश ऑफ किंग अब्दुल अजीज (स्पेशल क्लास) से सम्मानित किया गया।
अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, आमिर अमानुल्लाह खान अवार्ड से सम्मानित
प्रधानमंत्री मोदी को अफगानिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘अमीर अमानुल्लाह खान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। जून, 2016 को हेरात में ऐतिहासिक अफगान-भारत मैत्री बांध के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया। अफगानिस्तान के नागरिकों के साथ-साथ विदेशी नागरिकों को उनकी सेवाओं की प्रशंसा में अफगान सरकार द्वारा दिया जाने वाला यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। पदक के पीछे यह उल्लेख है – “निशान-ए दौलती गाजी अमीर अमानुल्लाह खान” अर्थात “राज्य आदेश गाजी अमीर अमानुल्लाह खान।”