Home विचार केरल के लिए ‘देवदूत’ बने प्रधानमंत्री मोदी, हताशा में फंसी कांग्रेस

केरल के लिए ‘देवदूत’ बने प्रधानमंत्री मोदी, हताशा में फंसी कांग्रेस

SHARE

केरल में बाढ़ की विभीषिका के बीच जिस त्वरित गति से राहत और बचाव कार्य किए गए वह अभूतपूर्व है। पीएम मोदी ने तुरंत सेना, एयरफोर्स, नेवी, कोस्ट गार्ड और एनडीआरएफ को सहायता के लिए भेजा, जिससे कम से कम नुकसान हुआ। जाहिर है प्रदेश के लोग अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘देवदूत’ बता रहे हैं। इस बात की तस्दीक स्वयं राज्य के सीएम पी विजयन ने भी की है। इकोनॉमिक टाइम्स को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ”बाढ़ की त्रासदी से निपटने में केंद्र सरकार ने तत्परता दिखाई और इसके लिए सकारात्मक कदम भी उठाया।” आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 600 करोड़ की आर्थिक सहायता देने के साथ ही प्रदेश सरकार की मांग पर इसे ‘प्राकृतिक आपदा’ घोषित भी कर दिया है। हालांकि कांग्रेस इसे ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग कर रही है, लेकिन अपने ही विरोधाभासों में फंसती भी जा रही है।

दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसे ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की मांग कर रहे हैं, वहीं पार्टी के नेता शशि थरूर ने साफ कहा है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जाहिर है इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर ही अंतर्विरोध है। हकीकत यह भी है कि कांग्रेस की सरकार ने ही 2005 में आपदा आपदा प्रबंधन कानून बनाया था। इसके तहत बादल फटने और बाढ़ को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।

वास्तविकता यह भी है कि कांग्रेस जब 2004 से 2014 तक सत्ता में थी तो किसी भी आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ नहीं घोषित किया था। गौरतलब है कि 2013 में उत्तराखंड त्रासदी में 10 हजार से अधिक और 2008 में बिहार में कुसहा त्रासदी में 8 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी। लेकिन कांग्रेस ने इसे भी राष्ट्रीय आपदा घोषित नहीं किया था।

केरल के साथ केंद्र सरकार

600 करोड़ रुपये की तत्काल राहत

25 हजार सेना के जवान लगाए गए

नेवी, IAF, कोस्ट गार्ड के 8000 जवान

NDRF के 20 हजार जवान भेजे गए

Leave a Reply Cancel reply