राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले विवादास्पद शायर मुनव्वर राणा सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मुनव्वर राना जिस मां को लेकर दुनिया भर में फेमस हुए वो मां किसी और की थी। जी हां… मुन्नवर राणा ने जिस शेर पर तमाम उम्र मुशायरों और महफिलों में वाह-वाही लूटी, असल में वो लोक श्रीवास्तव की ‘अम्मा’ कविता से चुराई गईं हैं।
अशोक श्रीवास्तव ने इस ट्वीट के साथ आलोक श्रीवास्तव की ओर से मुन्नवर राणा को 30 मई, 2003 में लिखा एक पत्र भी शेयर किया गया है।
‘बाबूजी गुजरे आपस में सब चीजें तकसीम हुईं तब-
मैं घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से आई अम्मा।’
आलोक ने आगे लिखा है कि अब आप फर्माते है-
‘मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई।?’
मुनव्वर राना की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया न आने पर अशोक श्रीवास्तव ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि पुष्टि के बाद पुनः यह पत्र ट्वीट कर रहा हूँ। जिस नज़्म ‘मेरे हिस्से में माँ आई’ की कमाई मुनव्वर राना, ज़िंदगी भर खाते रहे वो आलोक श्रीवास्तव, जी की कविता की कॉपी है। मुनव्वर राना ने खत का आज तक जवाब नहीं दिया, बेशर्मी से चुराई नज़्म पर पुरस्कार और तालियाँ बटोरते रहे।”