कोरोना महामारी से देशवासियों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार लगातार नए-नए कदम उठा रही है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने कोरोना संक्रमण की जांच और इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत कराने की मंजूरी दी है। हालांकि इसके पहले से ही सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस की जांच और इलाज मुफ्त में किया जा रहा है। अब इस योजना के लाभार्थी प्राइवेट लैब्स में भी कोरोना की जांच और इलाज करा सकते हैं। यह जानकारी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) ने शनिवार को दी। आयुष्मान भारत योजना को लागू करने वाली नोडल एजेंसी एनएचए ने कहा है कि इस कदम से कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में मजबूती मिलेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा, ‘इस अभूतपूर्व संकट की स्थिति में हमें तत्परता से प्राइवेट सेक्टर के प्रमुख स्टेकहोल्डर्स को COVID-19 से लड़ने के लिए एक साथ लाना होगा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हम जांच और इलाज को बड़े स्तर पर पहुंचा सकेंगे। इसमें प्राइवेट अस्पतालों की भी प्रमुख भूमिका होगी। इस कदम से गरीब वर्ग तक कोरोना महामारी से लड़ने में मदद मिलेगी।’
More than 50 crore poor & vulnerable citizens shall henceforth be eligible for free #COVID_19 testing & treatment under #AyushmanBharat #PMJAY
Testing at private labs & treatment in designated hospitals now made free for Ayushman beneficiaries across India@AyushmanNHA @ibhushan pic.twitter.com/ikXQhhYJJy— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) April 4, 2020
आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचिबद्ध अस्पताल अपने स्तर पर टेस्टिंग सुविधा का लाभ दे सकते हैं। उनके पास किसी अधिकृत टेस्टिंग फैसिलिटी की मदद लेने का भी विकल्प होगा। कोरोना वायरस की जांच इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के तहत ही होगा। सभी अधिकृत प्राइवेट लैब्स को ICMR के प्रोटोकॉल को फॉलो करना अनिवार्य होगा। इसी प्रकार प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना के मरीजों का इलाज भी आयुष्मान भारत योजना के तहत आएगा।

यह टेस्ट उन्हीं प्राइवेट लैब्स में होंगे, जिनके पास RNA वायरस के PCR जांच के लिए NABL की मान्यता है। लैब टेस्टिंग तभी की जाएगी, जब कोई क्वालिफाईड डॉक्टर ने COVID-19 टेस्टिंग की सलाह दी होगी।

मोदी सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि जांच और इलाज की सुविधाओं का और विस्तार किया जा सके। इससे अस्पतालों तक लोगों का पहुंचना आसान हो जाएगा। मोदी सरकार के इस फैसले से अधिक संख्या में निजी कंपनियां भी कोरोना वायरस की जांच और इलाज के लिए सामने आ सकेंगी। वर्तमान में, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में प्राइवेट सेक्टर की भूमिका भी अहम हो जाएगी। इसके लिए राज्य सरकारें प्राइवेट सेक्टर के अस्पतालों की सूची तैयार कर रही हैं, जिन्हें केवल COVID-19 अस्पताल में तब्दील किया जा सके।


एक दिन में तमिलनाडु में 74, महाराष्ट्र में 67 और दिल्ली में 59 नए मामले सामने आने से देश में संक्रमितों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है और यह 3374 पर पहुंच गई है। संक्रमण के कारण अब तक 109 लोगों की मौत हो गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रविवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है और अब तक इसके 3374 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 65 विदेशी मरीज भी शामिल हैं।

PM @narendramodi also directed the concerned groups and officials to ensure sufficient production, procurement and availability of all essential medical equipment such as PPEs, masks, gloves and ventilators.
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक में अधिकारियों से मास्क, दस्ताने, वेंटिलेटर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण सहित सभी जरूरी चिकित्सा उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्विट करके बताया- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में अस्पतालों की उपलब्धता, अलग थलग रखने की सुविधा के साथ बीमारी की निगरानी, जांच व देखरेख प्रशिक्षण जैसे विषयों और तैयारियों की भी समीक्षा की। प्रधानमंत्री मोदी ने संबंधित समूहों और अधिकारियों से मास्क, दस्ताने, वेंटिलेटर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण सहित सभी जरूरी चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन, खरीद और उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
PM @narendramodi reviewed countrywide preparedness regarding availability of hospitals, proper isolation and quarantine facilities as well as disease surveillance, testing and critical care training.
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2020
इससे पहले मोदी सरकार ने महामारी से निपटने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का ऐलान किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस वैश्विक महामारी को मिटाने के लिए भारत सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है। देश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्टर को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ के बजट का ऐलान किया है। देश का प्राइवेट सेक्टर भी इस घड़ी में देशवासियों के साथ खड़ा है। प्राइवेट लैब और अस्पताल सरकार के साथ काम करने के लिए आगे आ रहे हैं।


भारत में अब तक करीब 70 हजार से अधिक सैंपल के टेस्ट हो चुके हैं और लगभग 35 हजार से अधिक लोगों को कम्युनिटी सर्विलांस पर रखा गया है। आईसीएमआर के वैज्ञानिक गंगा खेड़कर ने कहा है कि अभी हमारे पास 1 लाख से अधिक किट उपलब्ध हैं और 2 लाख अतिरिक्त किट का ऑर्डर दे दिया गया है। उनके मुताबिक अभी भारत रोजाना करीब 10 हजार से अधिक टेस्ट करने की क्षमता रखता है। 123 प्रयोगशालाएं काम कर रही है और जरूरत के मुताबिक इसमें बढ़ोतरी की जा रही है। निजी लैब्स को भी जांच की अनुमति दी गई है।


जन औषधि केंद्र में सस्ती दवाएं
अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए जनसामान्य को जरूरत की दवाइयां सस्ती कीमत पर मिल सके इसी दिशा में उठाया गया यह एक बड़ा कदम है। जन औषधि केंद्रों का संचालन केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय की निगरानी में हो रहा है। देश भर में 6000 से अधिक जन-औषधि केंद्र खोले गए हैं जहां 800 से ज्यादा दवाइयां कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
“India has a chance of getting on top of this virus and getting ahead of it. Other countries were slow and didn’t have any plan because they thought this is not a big problem. But India imposed the strong measures quite quickly”, says Dr David Nabarro, Special Envoy COVID-19, WHO pic.twitter.com/Q4ih8tdwDR
— BJP (@BJP4India) April 2, 2020