
इस बार एक फरवरी को पेश आम बजट कई मायनों में असाधारण रहा। आम बजट से अलग रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा अब इतिहास बन चुकी है। दूसरे मंत्रालयों की तरह रेल मंत्रालय का लेखा-जोखा भी अब आम बजट का हिस्सा बन गया है। यह इस लिहाज से भी ऐतिहासिक बजट है कि आमतौर पर फरवरी के अंत में बजट पेश किया जाता है लेकिन इस बार इसे फरवरी के शुरू में ही पेश किया गया।
इस बार के बजट में इन 10 बड़ी बातों- किसान, गांव, युवा, गरीब, इन्फ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय क्षेत्र, डिजिटल इंडिया, पब्लिक सर्विस, खर्च पर संयम और सरल टैक्स पर फोकस रहा।
टैक्स से रिलैक्स
- सरकार ने स्व रोजगार को बढ़ावा देने और रोजगार के नए अवसर सृर्जित करने के लिए 50 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली छोटी कंपनियों को राहत देते हुए इनका आयकर घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि MAT को अभी खत्म करना व्यावहारिक नहीं है इसलिए इसे 15 साल तक जारी रखने का फैसला किया गया है।
- वित्त मंत्री ने कालेधन के खिलाफ अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए तीन लाख रुपए अथवा इससे अधिक के नकद लेन-देन पर रोक लगा दी है।
- इसी प्रकार राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए 2,000 रुपए से अधिक का कोई भी चंदा केवल चेक अथवा ऑनलाइन लेन-देन के जरिये ही लिया जा सकेगा। राजनीतिक दल अब किसी व्यक्ति से केवल 2,000 रुपए ही नकद चंदा ले सकेंगे।
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ढाई लाख से पांच लाख रुपए के सालाना आय वर्ग में कर की दर मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी। अब 2.5 से 5 लाख रुपए की आमदनी पर 5% टैक्स लगेगा।
- कैपिटल गेन टैक्स में अब 3 वर्ष के स्थान पर 2 वर्ष को लांग टर्म माना जाएगा।
- आंध्र प्रदेश- अमरावती में जमीन लेने पर कैपिटल टैक्स नहीं लगेगा।
- 2017-18 में कुल 21,47,000 करोड़ रुपए के खर्च का बजट रखा गया है। ग्रामीण एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 2017-18 में 1,87,223 करोड़ रुपए का प्रावधान है।