Home समाचार मोदी सरकार के बजट में दिखा ‘सबका साथ सबका विकास’ का मंत्र,...

मोदी सरकार के बजट में दिखा ‘सबका साथ सबका विकास’ का मंत्र, मध्यम वर्ग को मिलेगा लाभ

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक ही मंत्र है ‘सबका साथ-सबका विकास’। पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इसी मंत्र को साकार करने में लगी है। गुरुवार को लोकसभा में पेश किए गए 2018 के आम बजट में भी सबका साथ-सबका विकास की झलक दिकाई दी। बजट में जहां किसानों, गरीबों के लिए कई ऐलान किए गए, वहीं मध्यम वर्ग और उच्च वर्ग के लिए भी कई घोषणाएं की गईं। मीडिया का एक वर्ग झूठ फैला रहा है कि मोदी सरकार के आम बजट में मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है। आइए आपको बताते हैं कि आम बजट से मध्यम वर्ग को क्या फायदा होने वाला है।

*मध्यम वर्ग की एक बड़ी आबादी की आय का मुख्य स्रोत नौकरी से मिलने वाला वेतन है। मोदी सरकार ने आयकर के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार रुपये कर दिया है। पहले सभी कर्मचारी परिवहन और मेडिकल भत्ते का फायदा नहीं उठा पाते थे, अब सभी कर्मचारियों को बगैर कुछ किए इसका फायदा मिलेगा। यानी अब आयकर से छूट की रकम 2,50,000 और स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये को जोड़ दें तो 2,90,000 रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। एक और बात है, भारत में पांच लाख रुपये सालाना तक की इनकम पर सिर्फ 5 प्रतिशत आयकर का प्रावधान है, जो पूरी दुनिया में सबसे कम है।

*प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में स्टार्ट अप का फंड ढाई लाख करोड़ से बढ़ाकर तीन लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसका फायदा भी मध्यम वर्ग के लोगों को ही मिलेगा।

*मोदी सरकार ने विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक क्षेत्र की राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का ऐलान बजट में किया है। आयुष्मान भारत नाम की इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के 10 करोड़ परिवारों यानी 50 करोड़ लोगों को 5-5 लाख रुपये तक का चिकित्सा कवर मिलेगा। यह लोग अब बीमार होने पर किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकते हैं।

*मध्यम वर्ग में वरिष्ठ नागरिकों की बड़ी आबादी आती है। आम बजट में वरिष्ठ नागरिकों के तमाम सहूलियों का ऐलान किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली 50,000 रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया गया है। पहले यह सिर्फ 10,000 रुपये थी। इस फैसले से वरिष्ठ नागरिकों को हर वर्ष 2 हजार से 12 हजार रुपये का फायदा होगा।

*वरिष्ठ नागरिकों को अब मियादी जमाओं पर मिलने वाले ब्याज पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी।

*बुजुर्गों के लिए अब वय वंदना योजना के तहत निवेश की सीमा बढ़ा कर 15 लाख रुपये कर दी गयी है, जो अब तक 7.5 लाख रुपये थी।

*वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम की लिमिट को 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। इससे उन्हें 1 हजार रुपये से 6 हजार रुपये का फायदा होगा।

*वरिष्ठ नागरिकों को गंभीर बीमारियों के इलाज पर कर की दृष्टि से कटौती को 60,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। इससे उन्हें प्रतिवर्ष 2 हजार से 12 हजार रुपये की बचत होगी।

*अधिकतर लोग प्रत्यक्ष करों पर तो ध्यान देते हैं लेकिन अप्रत्यक्ष करों को भूल जाते हैं। जीएसटी के तहत मोदी सरकार ने पहले ही ज्यादातर वस्तुओं पर टैक्स को 28 प्रतिशत से घटाकर 12 से 18 प्रतिशत कर दिया है। इससे रोजाना इस्तेमाल में आने वाली ज्यादातर चीजों के दाम पहले ही 10 फीसदी कम हो चुके हैं। इससे एक मध्यमवर्गीय परिवार को हर महीने 1,200 रुपये से 10,000 रुपये तक की बचत हो रही है।

*समझने वाली बात यह भी है कि बजट में मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को सिर्फ टैक्स कै दायरे में नहीं समेटा जा सकता है। मध्यम वर्ग के लोग ट्रेन और हवाई जहाज से यात्राएं करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उड़ान योजना के तहत जहां हवाई किराया सस्ता किया है, वहीं छोटे शहरों को हवाई उड़ानों से जोड़ा है। अब हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई यात्रा कर रहा है। इसी तरह ट्रेनों में भी अब वाईफाई जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं, जिसका सीधा फायदा मध्यम वर्ग को मिल रहा है।

*मोदी सरकार द्वारा पूरे देश में नए आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। इससे जहां शिक्षा का स्तर सुधर रहा है वहीं मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा के ज्यादा मौके मिल रहे हैं।

*बजट में शहरों के विकास पर ध्यान दिया गया है। मोदी सरकार ने दो कार्यक्रम स्मार्ट शहर मिशन और AMRUT शुरू किए हैं। स्मार्ट शहर मिशन का लक्ष्य 100 शहरों को आधुनिक सुविधाओं वाला बनाना है। सरकार ने इसके लिए 2.04 लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है और 99 शहरों का चयन किया है। इन शहरों में पेयजल, सड़क, बिजली, इंटरनेट, स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

*AMRUT कार्यक्रम 500 शहरों के सभी परिवारों को जलापूर्ति की व्यवस्था करने पर केंद्रित है। अमृत योजना के तहत 500 शहरों के लिए 77,640 करोड़ रुपये की राज्य स्तरीय योजनाएं मंजूर की गई हैं। इस योजना से भी मध्यम वर्ग को ही सबसे ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि मध्यम वर्ग की बड़ी आबादी शहरों में ही निवास करती है।

Leave a Reply Cancel reply