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अफवाहों के मास्टर हैं केजरीवाल, अनधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री को फर्जी बताकर किया गुमराह

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पूरी राजनीति ही अफवाहों, झूठे वादों और नौटंकी पर टिकी है। हमेशा अफवाह फैलाकर सियासत करने वाले केजरीवाल ने अनधिकृत कॉलोनियों में घरों के रजिस्ट्री को फर्जी बताकर फिर लोगों को गुमराह किया। बीजेपी ने केजरीवाल के इस अफवाह के खिलाफ सख्त प्रतिक्रिया देते हुए माफी की मांग की।

‘रजिस्ट्री में बाधा डाल रही है केजरीवाल सरकार’

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियों की रजिस्ट्री शुरू हो गई है, लेकिन केजरीवाल सरकार इसमें बाधा डालने और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अफवाह फैलाने के लिए माफी मांगनी चाहिए अन्यथा हम उनके खिलाफ अगले 24 घंटे में कार्रवाई करेंगे।

संपत्तियों की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू

दरअसल, केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार यानी 3 जनवरी, 2020 को दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने लोगों को रजिस्ट्री सौंपी और प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी भी दी।

केजरीवाल ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया पर सवाल उठाकर किया गुमराह

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘पहले आपने कहा कॉलोनियां पक्की करेंगे। अब कह रहे हो कॉलोनियों को पक्का नहीं करेंगे। तो फिर कच्ची कॉलोनियों में पक्की रजिस्ट्री कैसे हो सकती है? खेती की जमीन पर घर की रजिस्ट्री कैसे हो सकती है? फर्जी रजिस्ट्री मत कीजिए। वोट के लिए लोगों को मत फंसाइए। कल आप ही इनकी सीलिंग करने लगोगे।’

1250 से अधिक कॉलोनियों के नक्शे ऑनलाइन

बता दें कि 22 दिसंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने कॉलोनियों की बाउंड्री तय करने के लिए दो बार दो-दो साल के वक्त की मांग की। अभी भी दिल्ली सरकार ने कॉलोनियों की बाउंड्री तय करने के लिए 2021 तक का वक्त मांगा था। पीएम मोदी ने कहा कि मैं किसी कार्य को लटकाना पसंद नहीं करता हूं। हमने अपने मंत्री (हरदीप सिंह पुरी) और अधिकारियों से बात की और कॉलोनियों की बाउंड्री और नक्शे बनाने का काम शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी 1731 कच्ची कॉलोनियों की बाउंड्री और नक्शे तय कर लिए गए हैं। 1250 से अधिक कॉलोनियों के नक्शे ऑनलाइन डाल दिए गए हैं। 

सेटेलाइट चित्र से तय हुई बाउंड्री 

कच्ची कॉलोनियों के नक्शे तैयार करने में केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने काफी तेजी दिखाई। मंत्रालय के अधीन आने वाले डीडीए ने इसरो की सहायता ली। दिल्ली की सभी कॉलोनियों के 2015 और 2018 के सेटेलाइट चित्र मांगे। इन्हीं की सहायता से कॉलोनियों की बाउंड्री तय की गई। 

उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी को पूरा होने से पहले चुनाव होने हैं। इससे पूर्व केंद्र सरकार ने अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की है। लेकिन केजरीवाल ने दस्तावेजों की सत्यता पर सवाल उठाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश की है। केजरीवाल झूठे आरोप लगाने और दूसरों पर कीचड़ उछालकर राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है कि उनके झूठ से आम लोगों को कितनी परेशानियां होती हैं। अपने आपको दिल्ली का मालिक कहने वाले केजरीवाल को लोगों की जरूरतों का ख्याल नहीं है। वहीं केंद्र की मोदी सरकार द्वारा उठाए गए तेज कदमों से ‘अनधिकृत’ का कलंक हट गया और अब लोग ‘अधिकृत’ कॉलोनियों के निवासी और मालिक बन गए हैं।