अब यह साफ हो गया है कि राहुल गांधी को दूसरे दलों में राजनीतिक विरोधियों की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनकी खुद की पार्टी में एक के बाद एक उनके और उनकी विचारधारा के धुर-विरोधी सामने आ रहे हैं। दरअसल, राहुल गांधी जिन बैसिर-पैर के मुद्दों को उठाते हैं, उनपर कई कांग्रेस नेताओं का ही मतैक्य नहीं होता। जो चापलूस और दब्बू स्वभाव के कांग्रेसी हैं, वे चुप्पी साध जाते हैं और कुछ सिर उठाकर राहुल गांधी की गलतियों और कांग्रेस की नाकामियों को गिनाकर राहुल को ही कठघरे में ले आते हैं। तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर तो इस मामले में काफी सुर्खियों में रहे हैं, लेकिन उन पर राहुल गांधी का अभी कोई बस नहीं चला है। थरूर के ही नक्शेकदम पर चलते हुए कर्नाटक सरकार के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने वोट चोरी के मुद्दे पर राहुल गांधी को ही सच का सामना करा दिया। राजन्ना ने स्पष्ट शब्दों में राहुल गांधी की ओर से लगाए गए वोट चोरी के आरोपों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही चुनाव से पहले मतदाता सूची में कथित खामियों को दूर करने में विफल रही। इसके लिए पार्टी को शर्मिंदा होना चाहिए। क्योंकि यदि कुछ ऐसा है तो ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं हैं। कांग्रेस के युवराज राहुल को अपना ऐसा विरोध बहुत ही नागवार गुजरा। उन्होंने कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करवा दिया!
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बहुत करीबी माने जाते हैं केएन राजन्ना
कर्नाटक कांग्रेस नेता केएन राजन्ना ने सोमवार (11 अगस्त) को सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। दावा किया जा रहा है कि केएन राजन्ना ने पार्टी आलाकमान की ओर से इस्तीफा देने की मांग के बाद पद छोड़ने का फैसला किया। राजन्ना का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। खास बात है कि राजन्ना को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का करीबी माना जाता है, लेकिन कहा जा रहा है कि वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस को ही घेरने के चलते उनके खिलाफ राहुल गांधी के कहने पर कार्रवाई की गई है। हालांकि, इसे लेकर कांग्रेस या राज्य सरकार ने साफतौर पर कुछ नहीं कहा है।
राजन्ना ने राहुल के वोट चोरी के आरोपों की आलोचना भी की
एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चाहते थे कि राजन्ना को निकाल दिया जाए। खास बात है कि राहुल दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ वोट चोरी के मुद्दे पर ही प्रदर्शन कर रहे हैं। सूत्रों ने यह भी बताया है कि राजन्ना कई मौकों पर नेतृत्व परिवर्तन की बात कह चुके थे। इसके अलावा केएन राजन्ना ने राहुल गांधी की ओर से लगाए गए वोट चोरी के आरोपों की आलोचना की थी। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी चुनाव से पहले मतदाता सूची में कथित खामियों को दूर करने में विफल रही। इसके लिए तो पार्टी को शर्मिंदा होना चाहिए, क्योंकि ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मतदाता सूची तब तैयार की गई थी, जब कांग्रेस सत्ता में थी। ऐसे में चुनाव आयोग या बीजेपी को घेरने का कोई औचित्य ही नहीं है।
कांग्रेस के सत्ता में रहते तैयार हुई थी मतदाता सूची
कांग्रेस नेता केएन राजन्ना ने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘क्या उस समय हर कोई आंखें बंद करके चुपचाप बैठा था? पार्टी को शर्म आनी चाहिए।’ कर्नाटक मंत्री ने पीटीआई को बताया कि अगर हम ऐसी बातों पर यूं ही बात करने लगे तो अलग-अलग राय सामने आएगी। मतदाता सूची तब तैयार हुई थी, जब हमारी सरकार सत्ता में थी। उस समय क्या कांग्रेस अपनी आंखें बंद किए चुपचाप बैठी थी? उन्होंने आगे कहा कि ये अनियमितताएं हुई थी, यही सच है। इसमें कुछ भी झूठ नहीं है। हमारी जिम्मेदारी है और हमें शर्म आनी चाहिए। क्योंकि ये अनियमितताएं हमारी आंखों के सामने हुईं। ऐसे समय में जब पार्टी को आपत्ति दर्ज करानी चाहिए थी, वह चुप रही।
हमारी थी जिम्मेदारी, उस समय हम चुप क्यों रहे- राजन्ना
कांग्रेस नेता केएन राजन्ना ने कहा, ‘कांग्रेस ने उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए आगे फिर तैयार रहना होगा।’ चुनाव में गड़बड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि महादेवपुरा में सचमुच धोखाधड़ी हुई थी। एक शख्स तीन अलग-अलग जगहों पर पंजीकृत था और उसने तीनों जगह वोट दिया। जब मतदाता सूची का मसौदा तैयार हो रहा हो तो हमें नजर रखनी चाहिए और आपत्तियां दर्ज करानी चाहिए थीं, जो हमारी जिम्मेदारी है। उस समय हम चुप क्यों रहे, लेकिन अब उसके बारे में बात कर रहे हैं। वहीं राजन्ना की इस टिप्पणी से कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता नाराज हैं। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि राजन्ना पूरी तरह से दोषी हैं और पार्टी नेतृत्व उनकी टिप्पणी का जवाब देगा। राजन्ना का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं। दिल्ली में विपक्ष के सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग के ऑफिस तक मार्च निकाला।
अगर हमारी आंखों के सामने गड़बड़ियां हुईं तो आपत्ति नहीं की
राजन्ना ने अपनी ही पार्टी पर आरोप लगाते हुए तुमकुरु में पत्रकारों से कहा था, मतदाता सूची तब बनाई गई थी, जब कर्नाटक में पार्टी सत्ता में थी। तब उन्होंने इस पर आंखे क्यों मूंद लीं। अगर हमारी आंखों के सामने गड़बड़ियां हुईं और हमने तब आपत्ति नहीं जताई, तो आज शिकायत करने का क्या औचित्य है। तब कम आबादी वाले इलाकों में संदिग्ध नाम जोड़े गए। ये सब हमारी आंखों के सामने हुआ, लेकिन निगरानी नहीं की गई। ये पार्टी की नाकामी है।
Special Secretary to the Karnataka Governor writes to the Chief Secretary, Government of Karnataka
“I am directed to forward herewith the original Notification signed by the Hon’ble Governor for removal of KN Rajanna, Hon’ble Minister for Co-operation, from the Council of… https://t.co/qMUbpEgbRC pic.twitter.com/vWVLd5JLC8
— ANI (@ANI) August 11, 2025
राजन्ना बोले- ये मेरे खिलाफ साजिश, थोड़े दिन में खुलासा करूंगा
इस्तीफा देने के बाद राजन्ना ने कहा, ‘मैं अब आपसे पूर्व मंत्री के रूप में बात कर रहा हूं। मेरे हटाए जाने के पीछे एक बड़ी साजिश है, मुझे पता है इसके पीछे कौन है और क्या किया गया। पूर्व मंत्री कहलाने में मुझे खुशी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुझे मौका दिया, इसके लिए मैं उनका और सभी मंत्रियों का धन्यवाद करता हूं। आने वाले दिनों में मैं इस साजिश का पूरा खुलासा करूंगा।’ यह हाईकमान का फैसला है। मैं पार्टी के फैसले के प्रति वफादार हूं। मैं दिल्ली जाकर राहुल गांधी से बात करूंगा।
राहुल ने बेंगलुरु में 8 अगस्त को की थी ‘वोट अधिकार रैली’
इससे पहले 8 अगस्त को राहुल ने कर्नाटक के बेंगलुरु में फ्रीडम पार्क में आयोजित कांग्रेस की ‘वोट अधिकार रैली’ की थी। इस दौरान उन्होंने अनर्गल आरोप लगाया कि तीसरी बार 25 सीट के मार्जिन से प्रधानमंत्री बने हैं। 25 सीट ऐसी हैं, जिन्हें भाजपा ने 35 हजार या कम वोट से जीतीं। अगर हमें इलेक्ट्रानिक डेटा मिल जाए तो हम साबित कर सकते हैं। राहुल ने कहा, ‘चुनाव आयोग को पिछले 10 साल की देश की सारी इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और वीडियोग्राफी देनी चाहिए। ये सब नहीं देंगे तो क्राइम है।