प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। अगस्त 2025 में इस योजना के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 55 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। इन खातों में अधिकांश लाभार्थी वे हैं, जो अपने जीवन में पहली बार औपचारिक रूप से बैंकिंग प्रणाली का हिस्सा बने हैं। इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सकारात्मक बदलाव आया है।
‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ जनधन खातों की संख्या और इसमे जमा पैसों का भी एक रिकॉर्ड बन चुका है। प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत खोले गए बैंक खातों की संख्या 55 करोड़ के पार पहुंच गई है। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 66 प्रतिशत खाते खोले गए हैं। इससे सुदूर और अबतक बैंकिंग सेवा से वंचित वर्ग भी जोड़े गए हैं। अब तक इन खातों में 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा हो चुकी है। सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग 80 प्रतिशत खाते सक्रिय हैं और इनमें नियमित लेन-देन होते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में घोषणा की है कि जन धन खातों की केवाईसी प्रक्रिया को आसान और व्यापक बनाने के लिए जुलाई 2025 से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अब तक लगभग 1 लाख ग्राम पंचायतों में ऐसे शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जहां खाताधारक अपने दस्तावेज अपडेट कर सकते हैं। इससे न केवल खातों की दक्षता और सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि लाभार्थियों के लिए योजनाओं का लाभ भी निर्विघ्न मिलेगा।
“With the programme completing 10 years & these accounts requiring KYCs, I urged the banks to start an initiative of reaching out to people for the same. Since 1st July 2025, banks have covered nearly 1 Lakh Gram Panchayats under this initiative.” @PMOIndia @narendramodi https://t.co/8m2z1ihuvj
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) August 3, 2025
‘जनधन’ योजना बनी महिला सशक्तीकरण का आधार
मोदी सरकार की हर योजना में महिला सशक्तीकरण पर जोर रहता है। यही वजह है कि आज चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र सभी जगह महिलाओं प्रगति की ओर अग्रसर हैं। देश की आधी आबादी यानी महिला शक्ति के साथ खड़ी मोदी सरकार लगातार उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान में लगी है। केंद्र सरकार लगातार महिलाओं के विकास के लिए बड़े फैसले ले रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए महात्वाकांक्षी जनधन योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत खोले गए खातों में 56 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की है। यह महिला सशक्तिकरण का एक बड़ा उदाहरण है। इस योजना के तहत जीरो बैलेंस पर कोई भी आम आदमी अपना खाता बैंक में खुलवा सकता है। इन खातों से जहां देश के सामान्यजन को आर्थिक आजादी मिली है वहीं सरकारी योजनाओं की सब्सिडी भी डीबीटी के जरिए सीधे उनके खातों में जा रही है, यानी भ्रष्टाचार पर काफी हद तक लगाम भी लगी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के आमजनों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की बागडोर संभालने के बाद 15 अगस्त 2014 को जनधन योजना की घोषणा की थी और 28 अगस्त 2014 को इस योजना का शुभारंभ किया था। इसके बाद से ही यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्यजन को आर्थिक रूप से सशक्त करने का माध्यम बन गई है। इस योजना से अब तक 55 करोड़ से ज्यादा लोग बैंकिंग सिस्टम से जुड़ चुके हैं, यानी करोड़ों-करोड़ लोगों ने पहली बार बैंक में प्रवेश किया है।
पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई ) ने गरीब के जीवन में एक क्रांति ला दी है। इस योजना के मूल सिद्धांत में देश के अछूते रहे लोगों को न्यूनतम कागजी कार्रवाई के जरिए बैंकिंग सेवा से जोड़ना है और जीरो बैलेंस और जीरो फीस के प्रावधान के साथ बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना है। इसके साथ ही दो लाख रुपये की मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और व्यापारी के स्थान पर भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना है।
जन धन योजना से जुड़े खातों के माध्यम से सरकार की विभिन्न योजनाओं की सब्सिडी, जैसे मनरेगा, उज्ज्वला योजना और कोविड राहत, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थियों तक सीधे पहुंच रही है। इससे पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन में वृद्धि हुई है। देश की 99.95 प्रतिशत आबादी अब 5 किमी के दायरे में किसी न किसी बैंकिंग टचपॉइंट से जुड़ चुकी है।
दुर्घटना बीमा 2 लाख, ओवरड्राफ्ट की सुविधा 10,000 रुपए
जनधन खातों को अधिक आकर्षक बनाने के लिये सरकार ने इन खातों में मिलने वाले ओवरड्राफ्ट की सुविधा को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। इसके साथ ही इसके तहत मिले रुपे कार्ड से जुड़ी दुर्घटना बीमा योजना के तहत मिलने वाली राशि की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है जो 28 अगस्त 2018 के बाद खुलने वालों खाताधारकों के लिए है। इसके तहत 2 हजार रुपये तक की ओडी के लिए कोई शर्त नहीं होगी और ओडी लेने वालों की आयु पहले 18 से 60 वर्ष थी जिसे बढ़ाकर अब 65 वर्ष कर दी गयी है।
डीबीटी के सुगम लेनदेन सुनिश्चित
देशभर में पीएमजेडीवाई खाताधारक विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) लाभ प्राप्त करते हैं। यह तय करने के लिए कि लाभार्थियों को उनका डीबीटी समय पर प्राप्त हो, वित्त विभाग डीबीटी मिशन, एनपीसीआई, बैंकों और विभिन्न मंत्रालयों के साथ सक्रिय भूमिका निभाता है। डीबीटी के कारण अब जनधन खाताधारकों के खाते में बिना कोई कटौती तत्काल रुपये आ जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2014 में शुरू की गई यह योजना ना सिर्फ गरीबों, महिलाओं और ग्रामीणों को बैंकों से जोड़ने में सफल रही है, बल्कि भारत को विश्व में वित्तीय समावेशन का अग्रणी उदाहरण भी बना दिया है। जन धन योजना के जरिए करोड़ों लोग पहली बार आर्थिक मुख्यधारा का हिस्सा बने हैं। यह भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।