कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कदमों से देश के ज्यादातर लोग खुश हैं। बहुराष्ट्रीय बाजार शोध फर्म इप्सॉस की ओर से शहरों में किए गए एक सर्वे के अनुसार कोरोना संकट से निपटने के लिए मोदी सरकार के तरीके को 87 प्रतिशत लोगों ने हाई रेटिंग दी है। इप्सॉस इंडिया के सीईओ अमित अडारकर के अनुसार मोदी सरकार ने काफी पहले टोटल लॉकडाउन लागू किया और कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए कई साहसिक उपाए किए। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने इस महामारी से निपटने के सरकार के तरीके की प्रशंसा की है। 23 से 26 अप्रैल के बीच किए गए इस सर्वे में 13 देशों के लगभग 26,000 लोगों से बातचीत की गई। 13 देशों में से नौ देशों में ज्यादातर लोगों ने कहा कि उनकी सरकार कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए अच्छा काम कर रही है।
कोरोना काल में और मजबूत हुआ देशवासियों का भरोसा
कोरोना संकट काल में देशवासियों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा और मजबूत हुआ है। देश भर में किए गए आईएएनएस-सीवोटर के ताजा सर्वे के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी में देशवासियों का विश्वास स्तर पिछले दो वर्षों में बढ़कर तीन चौथाई से अधिक 76.3 प्रतिशत हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी की इस रेटिंग में सन 2018 की 58.6 प्रतिशत तुलना में इस साल बड़ी ही तेजी से बढ़ोतरी हुई है। साल 2018 में सिर्फ 42.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने ही प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर बेहद भरोसा दिखाया था, जबकि साल 2020 में 69.8 प्रतिशत लोगों ने यह राय जाहिर की है, यानी कि कुल मिलाकर इसमें 27.5 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई है।
देश के स्तर पर हो या फिर वैश्विक स्तर पर, अंतरराष्ट्रीय स्तर के सर्वे में शायद पहली बार किसी प्रधानमंत्री के फैसले और उनके नेतृत्व वाली सरकार के काम को इतनी प्रशंसा मिली हो। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जहां देश की 91 प्रतिशत जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की एक सुर में सराहना कर रही है वहीं कोरोना पर लगाम लगाने के लिए पूरे देश में दो फेज के संपूर्ण लॉकडाउन के निर्णय का 97 प्रतिशत लोग प्रशंसा कर रहे हैं। देश से लेकर पूरी दुनिया के 28 देशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए एक सर्वे से यह खुलासा हुआ है। यह सर्वे स्विट्जरलैंट के पोलिंग संगठन गैलअप इंटरनेशनल एसोसिएशन ने कराया। उसके मुताबिक, भारत की 91% जनता का मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना महामारी में बहुत अच्छा काम कर रही है। इतना अच्छा काम करने के बाद भी कुछ लोग हैं जो अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने से बाज नहीं आते, लेकिन उनकी संख्या सिर्फ 7% है। देश में 2% ऐसे लोग भी हैं जो इस संदर्भ में कुछ कहने को तैयार नहीं हैं।
कोरोना जैसे वैश्विक संकट को लेकर इस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कराए गए सर्वे यह भी खुलासा हुआ है कि भारत में एक खास समुदाय के लोगों ने जानबुझ कर कोरोना को फैलाया है। गैलअप स्नैप सर्वे से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में 66 प्रतिशत लोगों का मानना है कि अगर तबलीगी जमात ने दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज में अपनी करतूत को अंजाम न दिया होता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में कोरोना पर लगाम लगाने में पहले फेज के लॉकडाउन के दौरान सफल हो जाते। कोरोना से लड़ने में भारत और बेहतर स्थित में होता। गैलप स्नैप सर्वे में यह स्पष्ट हो गया है कि तबलीगी जमात की यह सोची समझी साजिश थी। तभी तो देश के 66 प्रतिशत लोग मानते हैं कि एक खास समुदाय के लोगों ने जानबुझ कर देश में कोरोना फैलाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार काफी तत्परता के साथ कोरोना संकट से निपट रही है। मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी की इस घड़ी में काफी बेहतर ढंग से काम कर रही है। गैलप इंटरनेशनल एसोसिएशन की ओर से पिछले दो हफ्तों में दुनियाभर के 28 देशों में किए गए स्नैप पोल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अव्वल बने हुए हैं। सर्वे में दुनियाभर के लोगों ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कोरोना संकट से बेहतर तरीके से निपट रहे हैं। 83 प्रतिशत से अधिक लोगों ने इस बात पर सहमति जताई कि प्रधानमंत्री मोदी का काम अच्छा है। इस कोरोना वायरस महासंकट के वक्त लोकप्रियता के मामले में प्रधानमंत्री मोदी मौजूदा वर्ल्ड लीडर्स से काफी आगे हैं। गैलप इंटरनेशनल एसोसिएशन के हालिया पोल के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की लोकप्रियता काफी कम 42 प्रतिशत पर है। जापान के पीएम शिंजो आबे 23 प्रतिशत के साथ पीएम मोदी से काफी नीचे हैं। कोरोना संकट से सही तरीके से निपटने के मामले में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की लोकप्रियता 49 प्रतिशत है।
पीएम मोदी हैं तो कोई चिंता नहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार काफी तत्परता के साथ कोरोना संकट से निपट रही है। मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी की इस घड़ी में काफी बेहतर ढंग से काम कर रही है। आईएएनएस-सीवोटर के ताजा कोविड-19 ट्रैकर सर्वे के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने 25 मार्च को जब लॉकडाउन का ऐलान किया था, तब देश के 76.8 प्रतिशत लोगों को मोदी सरकार पर भरोसा था। लेकिन 21 अप्रैल को ये भरोसा बढ़कर 93.5 प्रतिशत पर पहुंच गया। सर्वे के दौरान लोगों ने कहा कि उन्हें लगता है कि मोदी सरकार कोरोना वायरस संकट से अच्छी तरह से निपट रही है। देश के करीब सभी लोगों का कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी के रहते उन्हें कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्हें पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है।
कोरोना से जंग में कोई नहीं पीएम मोदी जैसा महायोद्धा
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार से वैश्विक कोरोना संकट के दौरान भारत की 130 करोड़ जनता की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं, जिस प्रकार पूरी दुनिया के प्रति मदद के हाथ बढ़ाए हैं, उसने उन्हें दुनिया का सबसे लोकप्रिय और शीर्ष नेता बना दिया है। अमेरिकी रिसर्च एजेंसी मॉर्निग कंसल्ट द्वारा जनवरी से 14 अप्रैल के बीच कराए गए तमाम सर्वे में सामने आया है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 68 अंकों के साथ वर्ल्ड लीडर्स को पछाड़ते हुए पहले पायदान पर पहुंच गए हैं। एजेंसी के मुताबिक जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी की रेटिंग 62 थी, जो कोरोना काल में उनके फैसलों और सक्रियता की वजह से चार अंक बढ़कर 68 हो गई है।
कोरोना संकटकाल में पीएम मोदी की सक्रियता अभूतपूर्व
पीएम मोदी की रेटिंग में सुधार की वजह कोरोना वायरस से निपटने को लेकर उनकी तैयारी है। उन्होंने 25 मार्च को देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी जिसे 14 अप्रैल को 19 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया। वहीं, उन्होंने वैश्विक नेताओं को महामारी से निपटने में एकजुट करने की भी कोशिश की। सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक हो या फिर जी-20 देशों की बैठक कराने के लिए की जाने वाली पहल। इन सभी वजहों ने ही मोदी की लोकप्रियता में इजाफा किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने जरूरी दवाइयों के निर्यात से प्रतिबंध हटाते हुए मदद की पहल की है जिसे दुनियाभर के देशों ने स्वीकारा भी है।
लिस्ट में दस राष्ट्राध्यक्षों की रैंकिंग
अमेरिकी डाटा रिसर्च कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट ने अपने सर्वे में दुनिया के सभी प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों की लोकप्रियता को आंका है। इसमें ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि किस देश के राष्ट्राध्यक्ष ने कोविड-19 से लड़ने के लिए किस तरह के फैसले लिए और कदम उठाए हैं। रिसर्च में 10 देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के नाम हैं। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मैक्सिको के राष्ट्रपति एंद्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो, अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे शामिल हैं। रिसर्च में पीएम मोदी पहले नंबर पर हैं। दूसरे नंबर पर मैक्सिको के राष्ट्रपति हैं और तीसरे नंबर पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन हैं। इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आठवें स्थान पर हैं।
देखिए किस राष्ट्राध्यक्ष को कितनी अप्रूवल रैंकिंग?
देश का नाम | राष्ट्राध्यक्ष | वर्ल्ड रैंकिंग |
भारत | पीएम मोदी | +68 |
मैक्सिको | लोपेज ओब्रोडोर | +36 |
ब्रिटेन | बोरिस जॉनसन | +35 |
ऑस्ट्रेलिया | स्कॉट मॉरिसन | +26 |
कनाडा | जस्टिन ट्रूडो | +21 |
जर्मनी | एंजेला मर्केल | +16 |
ब्राजील | जेयर बोल्सोनारो | +8 |
अमेरिका | डॉनल्ड ट्रंप | -3 |
फ्रांस | इमैनुएल मैक्रों | -21 |
जापान | शिंजो आबे | -33 |
ट्रंप, मैक्रों और आबे की रैंकिंग माइनस में
रिसर्च डेटा में अप्रूवल रैकिंग में ट्रंप, मैक्रों और आबे की रैंकिंग माइनस में हैं। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने समय रहते ही देश में लॉकडाउन का एलान किया और जब जरूरत पड़ी तो राज्यों के सीएम और विपक्ष के नेताओं के चर्चा की और लॉकडाउन बढ़ाने का भी फैसला किया। भारत के इस फैसले की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट के दौरान काम रहे स्वास्थकर्मियों, पुलिसकर्मियों और दूसरे लोगों को उन्होंने ‘कोरोना वॉरियर्स’ की संज्ञा दी ताकि उनका मनोबल ऊंचा रहे। सिर्फ देश में ही नहीं पीएम मोदी ने भारत के मित्र देशों की मदद की। अमेरिका और दूसरे देशों को कोरोना से लड़ने के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा भेजी। इसके लिए ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ भी की।
कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की सक्रियता और उनके फैसलों की वजह से देश ही नहीं पूरी दुनिया उनकी मुरीद बन गई है। आइए देखते हैं पूरे विश्व में किस प्रकार की जा रही है पीएम मोदी के योगदान की प्रशंसा-
ऑस्ट्रेलियाई हाई कमिश्नर ने बताया ‘सुपरमैन’
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक महामारी कोरोना के संकटकाल में जिस प्रकार काम कर रहे हैं वह कोई ‘महामानव’ (सुपरमैन) ही कर सकता है। डीडी इंडिया के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक ‘सुपरमैन’ की तरह हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश यानि भारत में कोरोना जैसी महामारी के प्रबंधन करने के बाद भी वे दुनिया के दूसरे नेताओं के साथ इस संदर्भ में बात या विचार-विमर्श करने का समय निकाल लेते हैं। उनका मानना है कि ऐसा कोई सामान्य आदमी तो कर ही नहीं सकता। ऐसा कोई सुपरमैन ही कर सकता है। इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलियाई हाई-कमिश्नर बैरी ओ फैरेल वैश्विक महामारी कोरोना से जंग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोगों ने कोविड-19 के खिलाफ एकजूटता दिखाई है वह अपने आप में सराहनीय है। उनकी यह प्रतिक्रिया वाकई में शक्तिशाली होने के साथ प्रभावी भी है। उन्होंने पीएम मोदी के इस कदम के बारे में कहा कि यह एक उत्कृष्ट प्रक्रिया है।
अमेरिकी सांसद ने की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ
अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि भारत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक लीडर के तौर पर सामने आया है। सांसद जॉर्ज होल्डिंग ने कहा कि भारत अमेरिका के सबसे करीबी और महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है और मुझे खुशी है कि इस वैश्विक महामारी के दौरान हमारी खास साझेदारी मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोरोना से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद के लिए अपने देश और अमेरिका दोनों में कड़ी मेहनत कर रही है। उत्तर कैरोलिना के रिपब्लिकन सांसद होल्डिंग ने कहा कि अप्रैल की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम किया। तब से भारत ने अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की बड़ी खेप जैसी अहम सामग्री मुहैया कराई। उत्तर कैरोलिना के रिपब्लिकन सांसद होल्डिंग ने अमेरिका में महामारी के बीच राहत कार्यों में भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संगठनों और सामुदायिक संगठनों द्वारा निभाई जा रही भूमिका की भी सराहना की।
पुलित्जर विजेता पत्रकार ने भी माना पीएम मोदी का लोहा
पुलित्जर पुरस्कार विजेता और न्यूयॉर्क टाइम्स के मशहूर कॉलमनिस्ट थॉमस फ्रायडमैन ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में समय पर उचित प्रयास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की। अमेरिकी पत्रकार ने माना कि मोदी सरकार ने कोरोना वायरस को परास्त करने में बेहतरीन काम किया है। इंडिया टुडे के ई-कॉन्क्लेव कोरोना सीरीज में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआती कोशिशों की वजह से भारत में कोरोना को फैलने से रोकने में कामयाबी मिली। सबसे दिलचस्प बात यह है कि जब उनसे पूछा गया कि दुनिया के देशों के और कौन नेता हैं, जिन्होंने कोरोना को रोकने के लिए उल्लेखनीय काम किया, तो उन्होंने पीएम मोदी के अलावा किसी भी नेता का नाम नहीं लिया।
बिल गेट्स ने की कोरोना से जंग में पीएम मोदी की प्रशंसा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस प्रकार भारत में कोरोना महामारी से जंग की अगुवाई कर रहे हैं, जिस प्रकार करोड़ों देशवासियों की इस जानलेवा वायरस से रक्षा कर रहे हैं, उसकी पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। तमाम अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की है। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक बिल गेट्स ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कोरोना महामारी के खिलाफ भारत के प्रयासों के लिए उनकी तारीफ की है। उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी के नेतृत्व और कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है।
बिल गेट्स ने अपने पत्र में कहा, ‘मैं कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए आपके नेतृत्व के साथ-साथ आपकी और आपकी सरकार के सक्रिय कदमों की सराहना करता हूं। देश में हॉटस्पॉट चिह्नित करने और लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए लॉकडाउन, क्वारंटाइन के साथ-साथ इस महामारी से लड़ने के लिए जरूरी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाना सराहनीय है। आपने रिसर्च और डेवलेपमेंट के साथ-साथ डिजिटल इनोवेशन पर भी काफी जोर दिया है।‘
कोरोना से लड़ाई में विश्व नेता बना भारत- UN
वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ाई के दौरान दुनिया के देशों की समय पर मदद करने और अपने देश को संभालने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का आज पूरा विश्व कायल है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी भारत की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने तो दुनिया के दूसरे देशों को भी भारत से सीख लेने की बात कही है। गुटेरेस का यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में भारत ने अमेरिका समेत कई देशों को कोरोनावायरस संक्रमण से निजात दिलाने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति की थी।
भारत ने न सिर्फ अपने यहां लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए स्थितियों को कंट्रोल में रखा है, साथ ही वो लगातार कोरोना से बुरी तरह प्रभावित देशों की मदद भी कर रहा है। भारत के इसी जज्बा को देखकर यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उसे सलाम किया है। इसके साथ ही दुनिया के देशों को भी भारत से सीखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि मुश्किल समय में कैसा व्यवहार करना चाहिए और दूसरों की मदद की भावना से काम करना चाहिए वह भारत से सीखने की जरूरत है।
WHO ने की मोदी सरकार के प्रयासों की प्रशंसा
WHO के COVID-19 के विशेष प्रतिनिधिन डेविड नबैरो ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में भारत की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर विश्व के अन्य देशों ने जहां लापरवाही बरती,वहीं भारत ने कड़े उठाए हैं और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत अन्य देशों से आगे है।
"India has a chance of getting on top of this virus and getting ahead of it. Other countries were slow and didn't have any plan because they thought this is not a big problem. But India imposed the strong measures quite quickly", says Dr David Nabarro, Special Envoy COVID-19, WHO pic.twitter.com/Q4ih8tdwDR
— BJP (@BJP4India) April 2, 2020
उन्होंने कहा कि हम बिना किसी कारण किसी की प्रशंसा नहीं करते हैं। हम उन देशों की बात कर रहे हैं जो कार्रवाई कर स्थिति को गंभीरता से ले रहे हैं। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आप जितनी जल्दी कार्रवाई करेंगे, उतना ही सफल होंगे और भारत जानता है कि यह कैसे करना है।
"We don't often praise without reason. We do praise countries that are taking the situation seriously by acting quickly! The quicker you get on to this, the shorter the pain will be. India knows how to do that!", Dr David Nabarro, Special Envoy COVID-19, WHO on India's response. pic.twitter.com/Uzz4fCcW7C
— BJP (@BJP4India) April 2, 2020
देखिए कोरोना संकट में मदद के लिए किन-किन देशों ने कहा प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत कोरोना संकट काल में कई देशों के लिए संकटमोचक बन कर सामने आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सार्क और फिर जी-20 देशों के जरिए दिखाया कि कोरोना के कहर से कैसे मिलकर निपटा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और नेताओं से संवाद किया और जरूरतमंद देशों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। अमेरिका, इजरायल और ब्राजील के अलावा भारत ने स्पेन, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव समेत कई देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा समेत दूसरी सहायता देने का फैसला किया। इससे वैश्विक धारणा बनाने में मदद मिली है कि भारत याचक नहीं, अब दाता बन चुका है। भारत उन्हें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, पेरासिटामोल और अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध करा रहा है। इस कोरोना काल में मदद पाने वाले देशों की सूची लंबी होती जा रही है और मदद के लिए वे भारत का शुक्रिया अदा कर रहे हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ, कहा प्रभु हनुमान की तरह पहुंचाई संजीवनी बूटी
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर एम बोल्सोनारो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना भगवान हनुमान से की करते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को संजीवनी बूटी बताया है। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से दी गई इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से लोगों के प्राण बचेंगे और इस संकट की घड़ी में भारत और ब्राजील मिलकर कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने लिखा है कि जिस तरह हनुमान जी ने हिमालय से पवित्र दवा (संजीवनी बूटी) लाकर भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण की जान बचाई थी, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का सामना कर लोगों के प्राण को बचा सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी की पीएम मोदी की तारीफ
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटाने पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ने प्रधानमंत्री मोदी को महान बताया और कहा कि वो भारत का शुक्रिया अदा करते हैं। फॉक्स न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो भारतीय पीएम मोदी की तारीफ करते हैं। निर्यात पर ढील देने के बाद अमेरिका को अब यह दवा मिल सकेगी।
अफगानिस्तान ने अदा किया शुक्रिया
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मदद के लिए प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है। राष्ट्रपति गनी ने कहा, ‘प्रिय मित्र नरेन्द्र मोदी, हमें 5 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन टेबलेट, एक लाख पैरासीटामोल टैबलेट और 75,000 मीट्रिक गेंहू भेजने के लिए धन्यवाद। गेंहू की पहली खेप जल्द ही अफगान के लोगों के लिए पहुंच जाएगी।’ वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति को जवाब देते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, “भारत और अफगानिस्तान के बीच एक विशेष प्रकार की दोस्ती है, जो ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित है। लंबे समय से, हमने आतंकवाद के संकट के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ाई लड़ी है। हम इसी तरह एकजुटता और साझा संकल्प के साथ कोविड-19 का मुकाबला करेंगे।”
भारत की ओर से चिकित्सीय आपूर्ति मिलने पर कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि भारत सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद। मित्रता और एकजुटता का यह उच्च स्तर तब भी दिखाया गया जब भारत ने दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।