Home समाचार अगले दशक में ग्लोबल इकोनॉमी के विकास की धुरी रहेगा भारत

अगले दशक में ग्लोबल इकोनॉमी के विकास की धुरी रहेगा भारत

पीएम मोदी की अर्थनीति का हार्वर्ड ने भी माना लोहा

SHARE

भारत की अर्थव्यवस्था की गति और इसकी मजबूती पर सवाल उठाने वालों को अब हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने जवाब दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थनीति को हार्वर्ड ने भी मान्यता दे दी है। यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में माना गया है कि भारत चीन से आगे बढ़कर वैश्विक विकास के आर्थिक स्तंभ के रूप में उभरा है और आने वाले दशक में वो नेतृत्व जारी रखेगा। सेंटर फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (CID) ने 2025 तक सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है।

7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था
CID के अनुमान के अनुसार भारत 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे ऊपर है। भारत में अर्थव्यवस्था के ग्रोथ की गति औसत 7.7 प्रतिशत की वार्षिक रहेगी।

चीन से आगे रहेगी भारत की इकोनॉमी
CID के रिसर्च से ये निकलकर आया है कि वैश्विक आर्थिक विकास की धुरी अब भारत है। चीन की तुलना में दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है, जो आने वाले एक दशक से अधिक समय तक कायम रह सकता है।

भारत ने किया एक्सपोर्ट के आधार का विकास
भारत ने अपने एक्सपोर्ट के आधार का विस्तार किया है और कई जटिल क्षेत्रों जैसे रसायन, वाहन और कुछ विशेष इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को इसमें शामिल किया है।

नयी क्षमताओं के विकास से बढ़ी रफ्तार
CID के रिसर्च में कहा गया है कि तेल पर निर्भर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट हो रही है क्योंकि ये एक ही संसाधन पर निर्भर हैं। भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम ने विविधता के लिए अपनी नयी क्षमताओं को विकसित किया है और कई तरह के उत्पादन की वजह से आने वाले सालों में उनका विकास तेजी से होने की संभावना है। CID के मुताबिक भारत, तुर्की, इंडोनेशिया, यूगांडा और बल्गारिया जैसे तेजी से विकास की संभावनाओं वाले देश राजनीतिक, संस्थागत, भौगौलिक और जनसांख्यिकीय सभी आधारों पर विविधता वाले हैं।

ये भी है एक वजह
हार्वर्ड की स्टडी में कहा गया है कि भारत, तुर्की, इंडोनेशिया, युगांडा और बुल्गारिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले सभी देश राजनीतिक, संस्थागत, भौगोलिक और जनसांख्यिकीय आयामों में विविधताओं से भरे हैं। ये देश अपने कर्मचारियों की क्षमताओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हैं जिसके चलते वो नये उत्पादों और उत्पादों की बढ़ती जटिलता मे अच्छी स्थिति पर आ रहे है।

Leave a Reply Cancel reply