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भारत नॉलेज और स्किल का देश है, यही बौद्धिक शक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 4 अक्टूबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह 2025 के मंच से देश के युवाओं को एक बड़ा संदेश दिया- भारत नॉलेज और स्किल का देश है, यही बौद्धिक शक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत है। इस समारोह में प्रधानमंत्री ने 62,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की युवा-केंद्रित पहलों का शुभारंभ किया और देशभर के ITI टॉपर्स को सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल युवाओं को संबोधित किया, बल्कि उन्हें भविष्य की दिशा भी दिखाई। उन्होंने जोर देकर कि “भारत नॉलेज और स्किल का देश है। यही बौद्धिक शक्ति हमारी सबसे बड़ी ताकत है।” उन्होंने कहा कि जब ज्ञान और कौशल देश की जरूरतों से जुड़ते हैं, तो उनकी ताकत कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने 21वीं सदी की मांग का जिक्र करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम लोकल टैलेंट, लोकल रिसोर्सेज और लोकल स्किल्स को प्राथमिकता दें, और इस दिशा में देशभर की हजारों ITI संस्थान एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश के ITI संस्थानों में करीब 170 अलग-अलग ट्रेड्स में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बीते 11 वर्षों में डेढ़ करोड़ से ज्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। खास बात यह है कि इन युवाओं को उनकी स्थानीय भाषाओं में स्किल्स सिखाई जा रही हैं। इस साल ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट में 10 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए, जिनमें से 45 से अधिक टॉपर्स को पीएम मोदी ने खुद मंच पर सम्मानित किया।

इस दौरान उन्होंने “पीएम सेतु योजना” की भी शुरुआत की, जो देश के 1,000 से अधिक ITI संस्थानों को अपग्रेड करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस योजना के तहत ITI में नई तकनीक की मशीनें लगाई जाएंगी, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स छात्रों को प्रशिक्षण देंगे और कोर्स को आज की और भविष्य की जरूरतों के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह योजना भारत के युवाओं को वैश्विक स्किल मार्केट से जोड़ने का सेतु बनेगी।

बिहार के लिए यह समारोह खास रहा, क्योंकि आज बिहार को भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नाम पर एक नई स्किल यूनिवर्सिटी की सौगात भी मिली। पीएम मोदी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी का जीवन समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित था, और उनके नाम पर बनी यह यूनिवर्सिटी उसी सपने को साकार करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी को जननायक सोशल मीडिया ने नहीं, बल्कि जनता ने बनाया और उनके जीवन को देखकर बनाया। लेकिन आजकल लोग जननायक की भी चोरी करने में लगे हैं। इसलिए में बिहार के लोगों से आग्रह करूंगा कि वे सावधान रहें कि कोई जनता द्वारा दिया सम्मान चोरी ना हो जाए।

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था के हालात पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कुछ दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई थी। स्कूल नहीं खुलते थे, भर्तियां नहीं होती थीं, और लाखों छात्रों को पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह हालात बदले और आज बिहार में शिक्षा और स्किलिंग के क्षेत्र में नई क्रांति आ रही है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि IIT पटना का इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार शुरू हो चुका है। NIT पटना के बिहटा कैंपस को भी छात्रों के लिए खोला गया है। साथ ही पटना यूनिवर्सिटी, नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, जयप्रकाश विश्वविद्यालय और भूपेंद्र मंडल यूनिवर्सिटी जैसे प्रमुख संस्थानों में नए अकैडमिक इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखी गई है।

बिहार सरकार द्वारा छात्रों की आर्थिक मदद पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से मिलने वाले एजुकेशन लोन पर कोई ब्याज नहीं लगेगा, यानी यह ब्याज मुक्त कर दिया गया है। साथ ही स्कॉलरशिप की राशि भी 1800 रुपये से बढ़ाकर 3600 रुपये कर दी गई है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते दो दशकों में बिहार सरकार ने करीब 50 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ा है। सिर्फ पिछले कुछ वर्षों में 10 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी गई हैं। खासकर शिक्षा विभाग में ढाई लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच वर्षों में बिहार सरकार ने मौजूदा रोजगार के मुकाबले दोगुना रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि अब प्रयास यह है कि बिहार के युवाओं को बिहार में ही शिक्षा, रोजगार और अवसर मिले, ताकि पलायन की मजबूरी खत्म हो सके।

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