यूरोप यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन का दौरा किया। यहां बेला सेंटर में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारा पहनावा, खान-पान भले ही अलग-अलग हों, लेकिन हमारी वैल्यू-कोएक्जिसटेंस एक जैसी हैं। यही हमारी ताकत है। उन्होंने कहा कि भारत के पास स्केल और स्पीड के साथ-साथ शेयर और केयर की वेल्यूज भी हैं। इसलिए वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत में निवेश करना पूरी दुनिया के हित में है। पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत जो कुछ भी हासिल कर रहा है, वो सिर्फ भारत की उपलब्धि नहीं, बल्कि करीब वन-फिफ्थ ह्यूमैनिटी की उपलब्धि है। वसुधैव कुटुंबकम यानि One World का हमारा विजन व्यापार-कारोबार की अवधारणा से कहीं अधिक विस्तृत है। 21वीं सदी का भारत नए ग्लोबल ऑर्डर के लिए इसी विजन को लेकर आगे बढ़ रहा है और यही नए भारत की रियल स्टोरी है।
जिनकी जड़ें भारत मां से जुड़ी हैं, वे रूल ऑफ लॉ के प्रति सम्मान रखते हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिनकी जड़ें किसी भी तरह से भारत मां से जुड़ी हैं, वे रूल ऑफ लॉ के प्रति सम्मान रखते ही हैं। एक भारतीय दुनिया में कहीं भी जाए, वह अपनी कर्मभूमि के लिए पूरी ईमानदारी से योगदान देता है। जब मेरी विदेशी नेताओं से मुलाकात होती है, तो वे मुझे अपने देश के भारतीयों की उपलब्धियों को शान से बताते हैं। वे भारतीयों के नेचर की सराहना करते थकते नहीं। आप लोगों के व्यवहार और संस्कार के मूल में है ये। इसलिए मुझे जो बधाइयां मिल रही हैं, वह मैं आपको समर्पित करता हूं। आज प्रधानमंत्री फ्रेडरिक्सन का यहां होना इस बात का प्रमाण है कि भारतीयों के प्रति उनके दिल में कितना प्यार और सम्मान है।
एक विश्व का हमारा विजन व्यापार-कारोबार की अवधारणा से कहीं अधिक विस्तृत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि Inclusiveness और cultural diversity भारतीय समुदाय की ऐसी शक्ति है, जो हम सबको प्रतिपल जीवंतता का एहसास कराती है। हज़ारों वर्षों के कालखंड ने इन values को हमारे भीतर विकसित किया है। हम राष्ट्ररक्षा के लिए मिलकर खड़े होते हैं, राष्ट्रनिर्माण में मिलकर जुटते हैं। भारतीयता, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास से समृद्ध होती है। पीएम मोदी ने कहा कि यही वसुधैव कुटंबकम है, यानि One world का हमारा ये concept, व्यापार-कारोबार की अवधारणा से कहीं अधिक विस्तृत है। हमारी one world की अवधारणा, अपनत्व पर, बंधुत्व पर, संवेदनशीलता पर, सम्मान पर टिकी है। 21वीं सदी का भारत भी नए ग्लोबल ऑर्डर के लिए इसी विजन को लेकर आगे बढ़ रहा है।
आज स्टार्ट अप्स के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम हिंदुस्तान है
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने स्टार्टअप पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लगभग 75 महीने पहले हमने स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम शुरू किया था। तब स्टार्ट अप इकोसिस्टम के रूप में हमारी गिनती कहीं नहीं होती थी। आज हम यूनिकॉर्न्स के मामले में दुनिया में नंबर-3 पर हैं।आज स्टार्ट अप्स के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम हिंदुस्तान है। भारत की ताकत जब बढ़ती है तो दुनिया की ताकत बढ़ती है। फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड की भूमिका में भारत ने मुश्किल समय में पूरी दुनिया का साथ दिया है, अनेकों देशों को दवाइयां भेजी हैं ताकि हम संकट के समय मानवता के इस काम में पीछे न रह जाए और दुनिया की मदद करते रहे।
भारत अपने नागरिकों को गरीबी से बाहर निकालता है तो कम होती है दुनिया से गरीबी
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत जो कुछ भी हासिल कर रहा है, वो उपलब्धि सिर्फ भारत की नहीं है, बल्कि वो करीब वन-फिफ्थ ह्यूमेनिटीकी उपलब्धि है। भारत जब अपने नागरिकों को गरीबी से बाहर निकालता है, तो दुनिया से गरीबी कम होती है। भारत में जब गरीब को हाउसिंग, सेनीटेशन, क्लीन ड्रिंकिंग वॉटर, फ्री हेल्थकेयर, फाइनेंशियल इंक्लूजन जैसी सुविधाएं मिलती हैं, तो इससे दुनिया के अनेक देशों को नया विश्वास मिलता है। इससे sustainable development के हमारे लक्ष्य मज़बूत होते हैं। भारत के हर घर में लगा हर LED बल्ब, भारत में लग रहा हर सोलर पैनल, जितना emission बचाता है, वो climate action के संकल्प को मज़बूत करता है।
क्लाइमेट एक्शन तभी सफल होगा जबकि दुनिया की हर सोसाइटी इससे जुड़ाव महसूस करेगी
पीएम मोदी ने कहा कि क्लाइमेट एक्शन अभी तो सफल होता नजर नहीं आ रहा है। इक्के दुक्के अपवाद कुछ कर पाते होंगे। लेकिन हम कर पा रहे हैं इसका कारण यह है कि हम क्लाइमेट एक्शन को सरकारों की मल्टीलेटरल संस्थाओं की जिम्मेदारी के तौर पर देखते रहे हैं। जब तक सोसायटी इससे जुड़ाव महसूस नहीं करेगी और हर व्यक्ति इसे अपना दायित्व नहीं मानेगा, तब तक लक्ष्य से हम दूर रहेंगे। इसलिए मैंने LIFE – यानि Lifestyle for environment को प्रमोट करने का आग्रह दुनिया से किया है। उन्होंने कहा कि ये मोदी-मोदी करने से नहीं होता है। ये इसलिए हो रहा है क्योंकि हर हिंदुस्तानी संकल्पबद्ध होकर खुद से जो हो सकता है, करता है। जब हर व्यक्ति इसे अपना दायित्व मानता है तो हम लक्ष्य से दूर नहीं रहते।
प्रवासियो को पांच गैर-भारतीय दोस्तों को हिंदुस्तान देखने के लिए भेजने का दिया टास्क
बेला सेंटर में भारत के पर्यटन पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि क्या आप अपने पांच गैर-भारतीय दोस्तों को हिंदुस्तान देखने के लिए भेज सकते हैं, उन्हें समझाइए कि हमारे यहां तमिलनाडु में ये है, बंगाल में ये है, ओडिशा में ये है। आपको पता है कि आप कितने ताकतवर बन जाओगे। फिर ये मत कहना कि वहां डायरेक्ट फ्लाइट नहीं आई। रोना-धोना करने वालों का यह काम नहीं है। एक जमाना था, जब हवाई यात्राएं नहीं थीं। मेरा देश ऐसा था कि लोग पैदल चलकर मेरे देश आए हैं। ये काम राजदूत का नहीं है, राष्ट्रदूतों का है। राजदूत एक होता है, राष्ट्रदूत लाखों की संख्या में होते हैं।
पीएम मोदी ने महारानी मार्ग्रेट द्वितीय को शासनकाल के 50 साल पूरे होने पर बधाई दी
पीएम मोदी ने देर रात कोपेनहेगन में किंगडम ऑफ डेनमार्क की महारानी मार्ग्रेट द्वितीय से मुलाकात की। मार्ग्रेट द्वितीय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां गर्मजोशी से स्वागत किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने महारानी के शासनकाल के 50 साल पूरे होने पर उन्हें बधाई दी। गौरतलब है कि 82 वर्षीय महारानी मार्ग्रेट द्वितीय 1972 से डेनमार्क की शासिका हैं। बागची ने ट्वीट किया, डेनमार्क की महारानी मार्ग्रेट द्वितीय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके (महारानी के) शासनकाल की स्वर्ण जयंती पर उन्हें बधाई दी।