प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर देशवासियों का विश्वास और मजबूत हुआ है। 2014 के बाद 2019 के आम चुनाव में और बड़ा बहुमत देकर यह साबित कर दिया है। इसके बाद अलग-अलग राज्यों में भाजपा और साथी दलों की सरकारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान हो चुका है, लेकिन अलग-अलग न्यूज चैनलों पर दिखाए गए एग्जिट पोल से स्पष्ट हो गया है कि मोदी के नेतृत्व पर दोनों राज्यों की जनता न केवल दृढ़ता दिखाई है बल्कि पहले से कहीं बड़ी जीत देने वाली है।
अलग-अलग चैनलों का एग्जिट पोल:
हरियाणा
भाजपा कांग्रेस जजपा अन्य
रिपब्लिक- Jan KI Baat 55-63 15-19 5-9 7-10
आज तक- Axis 71 11 00 08
न्यूज 18 इंडिया Ipsos 75 10 10 05
एबीपी न्यूज-C-Voter 72 8 00 10
टाइम्स नाउ 71 11 05 03
महाराष्ट्र
भाजपा-शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी अन्य
रिपबल्कि- Jan KI Baat 223 55 00
आजतक Axis 166-194 72-90 22-24
न्यूज 18 इंडिया Ipsos 243 39 6
एबीपी न्यूज C-Voter 204 69 15
टीवी9 Cicero 197 75 16
17 राज्यों में भाजपा और एनडीए की सरकार
2014 में बीजेपी और एनडीए की सिर्फ 5 राज्यों में सरकारें थीं जबकि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अब 17 राज्यों में एनडीए की सरकारें हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देशवासियों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। 2014 लोकसभा चुनाव में जहां अकेले भारतीय जनता पार्टी को देशभर में 282 सीटें मिली तो 2019 में 303 सीटें भाजपा को अकेले, जबकि एनडीए को कुल 353 सीटें मिली हैं।
लोगों का भरोसा बढ़ा
आज 400 से अधिक योजनाओं की राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंच रही है। मोदी सरकार द्वारा जब से ये काम शुरू किया गया है, तब से करीब साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये पूरे देश में सीधे बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। एक आंकड़ें के मुताबिक पहले इन योजनाएं के करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये बिचौलियों के हाथों में चले जाते थे। अब इस राशि का इस्तेमाल विकास कार्यों में किया जा रहा है।
केंद्र की मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं ने देश की तस्वीर बदल दी है। आइए जानते हैं, सरकार की ऐसी ही 10 योजनाओं के बारे में, जिन्होंने देश के गांव-गरीब और आम लोगों के जीवन की तस्वीर बदल दी है।

उज्ज्वला योजना से महिलाओं को धुएं-धुंध से मुक्ति मिली
मोदी सरकार के काम करने की गति का अंदाजा इसी तथ्य से लगाया जा सकता है कि पिछले कई दशकों से मोदी सरकार के आने तक सिर्फ 13 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन दिया गया था। जबकि, केंद्र सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में ही 13 करोड़ लोगों को गैस कनेक्शन दे दिया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 1 मई, 2016 को लॉन्च होने के बाद से अब तक 8 करोड़ से अधिक महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य तय समय से 7 महीने पहले ही पूरा हो गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत गरीबों के लिए एक करोड़ से ज्यादा पक्के मकान बनाए जा चुके हैं। मोदी सरकार ने 2022 तक हर नागरिक के सिर पर पक्की छत का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्त्वाकांक्षी योजना को युद्धस्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से मूल रूप से दलित, पिछड़े और आदिवासियों को फायदा मिल रहा है।
‘स्वच्छ भारत मिशन’ की युक्ति, खुले में शौच से मुक्ति
खुले में शौच करने वालों में ज्यादातर गरीब, खासकर दलित और आदिवासी रहे हैं, जिनके पास अपना शौचालय नहीं था। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश भर में 9.69 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हो चुका है। 5.68 लाख से अधिक गांव खुले में शौच से मुक्त घोषित। 93.1% परिवार शौचालय का उपयोग कर रहे हैं। ODF के परिणामस्वरूप अतिसार और मलेरिया के कारण होने वाली मौतों में आई कमी है।
जनधन योजना यानी जन के धन की योजना
आजादी के बाद लगभग 70 साल बीत जाने पर भी देश की करोड़ों की आबादी बैंकिंग व्यवस्था से अछूती रही और अधिकांश जनता के पास एक बैंक बचत खाता तक नहीं था। मोदी सरकार ने जनधन योजना के तहत जीरो-बैलेंस बैंक बचत खाते खुलवाए गए। सरकार की सबसे ज्यादा कामयाब योजनाओं में जनधन बैंक खाता योजना शामिल है। इसके तहत न सिर्फ करोड़ों भारतीयों को बैंकिंग व्यवस्था से सीधे जोड़ा गया, बल्कि योजना से लाभान्वित हुए गरीब देशवासियों ने जीरो-बैलेंस खाते होने के बावजूद 81,203 करोड़ रुपये बैंकों में जमा कराए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में गरीबों को बैंकों से जोड़ने के लिए ऐतिहासिक जनधन योजना की शुरुआत की थी।
गांव-गली को रोशन करने वाली ‘सौभाग्य’ और ‘उजाला’ योजना
देश के 18, 452 गांवों में आजादी के बाद से मोदी सरकार के आने तक बिजली नहीं पहुंची थी। सरकार ने इन सभी गांवों में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को भी समय से पहले ही पूरा कर लिया है। साल 2022 तक हर घर चौबीस घंटे बिजली के सपने को पूरा करने के लिए भी मोदी सरकार जी-जान से जुटी है। इसके साथ ही, मोदी सरकार ने साधारण बल्बों, ट्यूबलाइटों तथा सीएफएल बल्बों के स्थान पर एलईडी बल्बों का इस्तेमाल करने पर जोर दिया, ताकि बिजली की खपत को कम किया जा सके। सरकार ने उजाला योजना के अंतर्गत सस्ती दरों पर LED बल्ब भी उपलब्ध करवाए। उजाला योजना के तहत मई, 2018 तक 29,96,35,477 LED बल्ब लोगों में बांटे गए हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
मोदी सरकार ने देश के नौजवानों को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने के लिए मुद्रा योजना शुरू की, जिसके तहत सरकार की ओर से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ताकि, लोग अपना व्यापार शुरू कर सकें या पहले से स्थापित व्यापार का विस्तार कर सकें। सरकार की यह योजना बेहद कामयाब रही।
सॉयल हेल्थ कार्ड योजना से करोड़ों किसानों को फायदा
मोदी सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के इरादे से बेहतर फसल के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड बनाने की घोषणा की, जिसके तहत मई, 2018 तक 13,33,13,396 सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए गए। सॉयल हेल्थ कार्ड से किसानों को सीधा लाभ पहुंच रहा है, और वह इस कार्ड की मदद से न सिर्फ जमीन की उपजाऊ शक्ति को समझ रहे हैं, बल्कि यह भी जान पा रहे हैं कि उन्हें किस फसल के लिए कितना यूरिया और खाद खर्च करना चाहिए। सॉयल हेल्थ कार्ड से किसानों को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
9 मई, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसुरक्षा योजना के तहत तीन योजनाओं की घोषणा की थी, जिनमें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) भी शामिल थी। PMJJBY दो लाख रुपये तक का जीवन बीमा प्रदान करती है, यानी बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उसके परिवार को दो लाख रुपये की राशि दी जाती है। PMJJBY के तहत मिलने वाली पॉलिसी में सालाना सिर्फ 330 रुपये की प्रीमियम राशि देनी होती है। मई, 2018 तक लगभग 19 करोड़ भारतीय इस योजना में शामिल हो चुके हैं।
सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण
जाति की राजनीति करने वाले नेताओं ने वर्षों से सामान्य वर्ग को आरक्षण देने का सिर्फ शिगूफा छोड़ रखा था, लेकिन मोदी सरकार ने देखते ही देखते इसे संसद से पारित करा दिया। यहां भी पीएम मोदी का इरादा सामान्य वर्ग के ऐसे लोगों को राहत देने का है, जो आर्थिक रूप से गरीब हैं। मोदी सरकार ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया।