प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक के मुद्दे को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखने का आग्रह किया है और मुस्लिम समाज से ही इसका हल तलाशने का आह्वान किया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भगवान बसवेश्वर जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के गौरवशाली अतीत पर गर्व करने की बात कही। पीएम मोदी ने 12 वीं सदी के महान समाज सुधारक बासवाचार्य द्वारा महिला सशक्तिकरण और समाज में गैर बराबरी को मिटाने के प्रयासों को याद किया और कहा कि अलग-अलग कालखंडों में भारत ने पूरे विश्व को दिशा दिखाई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का सिद्धांत ‘सबका साथ, सबका विकास’ इसी दर्शन को आगे बढ़ाने का कार्यक्रम है।
‘तीन तलाक का हल निकालें मुसलमान’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब विधवा पुनर्विवाह के विरुद्ध जनआंदोलन हो रहा था तो इसका भी विरोध हो रहा था। लेकिन माताओं-बहनों के साथ समाज में हो रहे घोर अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी गई और सफलता भी मिली। ऐसे ही भारत की मुस्लिम महिलाएं आज तीन तलाक के संकट से गुजर रही हैं और उन्हें इससे छुटकारा दिलाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश के प्रबुद्ध मुस्लिमों से आगे आकर कदम उठाने की अपील की ताकि आने वाली पीढ़ियों को इससे ताकत मिले। पीएम मोदी ने कहा ”भारत की महान परंपरा को देखते हुए मेरे मन में आशा का संचार हो रहा है। इस देश का समाज ही बुरी परंपराओं को तोड़ता है और आधुनिक व्यवस्था का विकास करता है। मुसलमान समाज में भी ऐसे लोग सामने आएंगे जो रास्ता निकालेंगे। हिंदुस्तान के ही मुसलमान दुनिया को रास्ता दिखाएंगे।”

The Union Minister for Chemicals & Fertilizers and Parliamentary Affairs, Shri Ananth Kumar is also seen.
‘भारत ने दुनिया को दिशा दिखाई’
12 वीं सदी के महान समाज सुधारक बासवाचार्य जयंती समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बसवेश्वर ने समाज में हर किसी का सम्मान और जाति प्रथा-छुआछूत जैसी बुराईयां के खात्मे का आह्वान किया था। उन्होंने हर मानव में भगवान को देखा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अलग-अलग कालखंडों में मानवता का, लोकतंत्र का, गुड गवर्नेंस का, अहिंसा और सत्याग्रह का संदेश दिया है। अलग-अलग समय में हमारे देश में ऐसी महान आत्माएं अवतरित होती रहीं जिन्होंने पूरी दुनिया को दिशा दिखाई है। प्रधानमंत्री ने अनुभव मंडप की तारीफ की और एक डिजिटल क्विज बैंक बनाने की सलाह दी, जो भगवान बसवेश्वर के विचारों का प्रसार करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज में ऊंच-नीच का भेदभाव खत्म हो, यही सिद्धांत लोकतंत्र के लिए मजबूत नींव है। बिना भेदभाव के सभी का विकास हो। सबको साथ लेकर, सबके प्रयत्न से सबका विकास किया जा सकता है।
‘समाज में खत्म हो गैरबराबरी’
पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्ट आचरण व्यक्ति से बराबरी का अधिकार छीन लेता है। इस गैर बराबरी के एहसास को मिटाना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि 2022 में हम देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। इस अवसर पर हर नागरिक का संकल्प होना चाहिए कि देश के लिए कुछ न कुछ ऐसा करे जो नए भारत के निर्माण में उनका योगदान हो। उन्होंने कहा कि हर हिंदुस्तानी के प्रयत्न से देश बदलेगा और यही देश के लिए बलिदान देने वालों के लिए हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
मुद्रा योजना में 76 प्रतिशत महिलाओं को कर्ज
प्रधानमंत्री ने भारत सरकार की मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक इसके तहत तीन लाख करोड़ रुपये कर्ज दिए गए हैं। इस योजना में बिना भेदभाव के लोगों को कर्ज दिया है और इसी का परिणाम है कि इसके तहत कर्ज लेने वालों में 76 प्रतिशत महिलाएं हैं।