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हिमाचल की कांग्रेस सरकार दिवालिया! आर्थिक संकट में घिरी सुक्खू सरकार मंदिरों से मांग रही पैसा, हो रही थू-थू

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क्या हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार दिवालिया हो गई है? क्या राहुल गांधी के करीबी सीएम सुखविन्दर सिंह सुक्खू की सरकार के पास राज्य के कामकाज और विकास के लिए पैसे नहीं है? क्या हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब भगवान भरोसे है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि राज्य की सुक्खू सरकार ने आर्थिक संकट से उबरने के लिए मंदिरों से पैसा मांगा है। चुनाव के समय राहुल गांधी की खटाखट योजना और मुफ्त की रेवड़ी से भले ही कांग्रेस चुनाव जीत गई हो, लेकिन आज राज्य का खजाना खाली है। सुक्खू सरकार के पास सैलरी और पेंशन तक देने के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने राज्य के बड़े मंदिरों को पत्र लिखकर उनसे पैसे मांगे हैं। सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ और ‘सुखाश्रय योजना’ के लिए मंदिरों से धन देने की मांग की है। देश भर में इसका विरोध होने लगा है।

हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसको लेकर कांग्रेस सरकार पर बड़ा हमला बोला है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ तो कांग्रेस सरकार सनातन और हिंदू धर्म का विरोध करती है, दूसरी तरफ मंदिरों से पैसा लेकर अपनी योजना चलाना चाह रही है। उन्होंने कहा कि ‘हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव ने डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखा है कि मंदिर ट्रस्टों का पैसा सरकारी खजाने में जमा किया जाए ताकि वे उस पैसे को सरकारी योजनाओं को चलाने में खर्च कर सकें। यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी भी सरकार ने मंदिरों और ट्रस्टों से सरकारी योजनाओं पर खर्च करने के लिए कभी पैसा नहीं लिया है। जब भी मंदिर ट्रस्टों से पैसा लिया गया है, तो वह केवल आपदा के समय ही लिया गया है। उन्होंने मंदिर ट्रस्टों से सिर्फ पैसे लेने के आदेश ही नहीं दिए हैं, बल्कि फॉलोअप भी ले रहे हैं। इस फैसले का विरोध होना चाहिए। मंदिर ट्रस्टों और समितियों में जो लोग हैं, उन्हें भी विरोध करना चाहिए। हम इस फैसले का पुरजोर विरोध करेंगे। 10 तारीख से विधानसभा का सत्र भी शुरू होने वाला है, हम विधानसभा के अंदर और बाहर इसका पुरजोर विरोध करेंगे।

बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव ने कुल्लू और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखकर धन देने के लिए कहा है।

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा है कि राजनैतिक सुख के लिए सुक्खू सरकार के षड्यंत्र स्वीकार्य नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने कहा कि ‘हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने राजनीतिक सुखों की कामना में मंदिरों पर डाका डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राज्य के 35 मंदिरों को राज्य की योजनाओं के लिए धन देने का आदेश देकर हिंदू आस्था व विश्वास पर गहरा आघात किया है। हिंदू समाज यह कदापि स्वीकार नहीं करेगा। राज्य सरकार को अपना यह हिंदू द्रोही निर्णय वापस लेकर मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना चाहिए। साथ ही इस कुकृत्य के लिए कांग्रेस को हिंदू समाज से क्षमा याचना भी करनी चाहिए।’

सोशल मीडिया पर भी मंदिर से पैसा मांगने का विरोध हो रहा है। लोग कह रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है। लोग कांग्रेस सरकार से तुरंत अपना हिंदू-विरोधी फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या मंदिर के धन का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं को चलाने के लिए किया जाना चाहिए या केवल सनातन धर्म के अनुयायियों के कल्याण के लिए? आप भी देखिए हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर लोग क्या कह रहे हैं और किस तरह से सुक्खू सरकार की थू-थू हो रही है…

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