भले ही पाकिस्तान आज दिखावे के लिए ही करे लेकिन पाकिस्तान न केवल जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन मानने को मजबूर हुआ है बल्कि उसके आकाओं पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने के पक्ष में भी खड़ा दिख रहा है। पाकिस्तान में यह बदलाव निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्ती का ही असर है। इसमें कोई दो मत नहीं कि पाकिस्तान धूर्त है और वह कभी भी अपना स्टैंड बदल सकता है। लेकिन पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष रहे परवेज मुशर्रफ ने यह मानकर पाकिस्तानी हुक्मरान और खुफिया एजेंसी की पोल खोल दी है कि भारत में कराए गए बम धमाके में आईएसआई का हाथ रहा है। उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में साफ शब्दों में कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा तो महज मोहरा भर है असल हाथ तो आईएसआई का है। अपने साक्षात्कार के दौरान मुशर्रफ ने स्वीकार किया है कि भारत में कराए गए बम धमाके में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के साथ आईएसआई का हाथ रहा है।
हम न्यूज चैनल पर किया चौंकाने वाला खुलासा
पूर्व राष्ट्रपति मुशर्रफ ने खोली आईएसआई की पोल
आईएसआई और जैश-ए-मोहम्मद में सांठगांठ
जेईएम और एलईटी ने मिलकर किया था संसद पर हमला
मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने यह स्वीकार किया था कि जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान सरकार की सुरक्षा में है। और अब जिस प्रकार पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने दोनों आतंकी संगठनों के साथ आईएसआई को लेकर खुलासा किया है, इससे तो यह साबित हो जाता है कि आईएसआई और पाकिस्तान सरकार भारतीय धरती पर होने वाले आतंकी हमलों में शामिल रहे हैं। लेकिन जिस प्रकार पाकिस्तान की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इन दोनों आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करती दिख रही है निश्चित रूप से पीएम मोदी की ही सख्ती का परिणाम है।