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फेक टीआरपी स्कैम में बड़ा खुलासा, रिपब्लिक की जगह इंडिया टुडे ने पैसे देकर किया कारनामा

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कल सारे मीडिया वाले दिन भर रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी को टीआरपी चोर बता रहे थे, लेकिन शाम में जब FIR में इंडिया टुडे- आजतक का नाम आया तो सारा नैरेटिव ही चैंज था। अब फेक टीआरपी मामले में रिपब्लिक टीवी को निशाना बनाने वाला इंडिया टुडे खुद जाल में फंस गया है। खुलासा हुआ कि बार्क ने अपनी शिकायत में रिपब्लिक टीवी का नहीं बल्कि इंडिया टुडे का नाम लिया है। मुंबई पुलिस की जांच में दिलचस्प खुलासे हुए हैं। भले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुंबई पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक समेत 3 न्यूज चैनल पर टीआरपी स्कैम में शामिल होने का आरोप लगाया, लेकिन एफआईआर में रिपब्लिक टीवी का नहीं बल्कि इंडिया टुडे और दूसरे चैनलों का नाम है।

इस मामले में एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें मुख्य चश्मदीद तेजल सोलानी का साफ कहना है कि उसके बेटे को टीआरपी में बदलाव के लिए इंडिया टुडे से रुपए मिलते थे। आप भी सुनिए ऑडियो-

जब से रिपब्लिक टीवी ने वर्षों से नंबर पर कायम इंडिया टुडे-आजतक को कुर्सी से बेदखल किया है, तब से इंडिया टुडे वाले रिपब्लिक टीवी को नीचा दिखाने के लिए कई हथकंडे अपना रहा है। रिपब्लिक टीवी को बदनाम करने के लिए गुरुवार दिन पर सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया, लेकिन नए खुलासे के बाद इंडिया टुडे-आजतक वाले आंख नहीं मिला पा रहे हैं।

अर्नब गोस्वामी ने मांगा परम बीर सिंह का इस्तीफा
मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने जिस एफआईआर के आधार पर रिपब्लिक टीवी को फंसाने की कोशिश की थी, उसमें इंडिया टुडे का कई बार नाम सामने आया है जिसके बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने गुरुवार को मुंबई कमिश्नर के इस्तीफ़े की मांग की है। अर्नब ने कहा, “मुंबई पुलिस कमिश्नर पूरी तरह से एक्सपोज हो गए हैं। टीआरपी मामले में FIR की एक कॉपी में इंडिया टुडे का ऐसे चैनल के रूप में उल्लेख किया गया है जिसकी जांच की जानी चाहिए। बल्कि इंडिया टुडे का FIR में कई बार उल्लेख किया गया है। रिपब्लिक टीवी का एक बार भी उल्लेख नहीं है। अब, मामले में मुख्य गवाह ने इंडिया टुडे का ऐसे इंग्लिश चैनल के रूप में नाम दिया है, जिसके लिए कथित रूप से दर्शकों की संख्या हासिल करने के लिए पैसे दिए गए थे। इंडिया टुडे के खिलाफ शिकायत 6 अक्टूबर को की गई थी। परम बीर सिंह ने 16 घंटे के भीतर इंडिया टुडे के खिलाफ जांच बंद कर दी और रिपब्लिक टीवी के खिलाफ प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। अब चूंकि FIR सामने आ गई है और महत्वपूर्ण गवाह रिकॉर्ड में है और मुंबई पुलिस कमिश्नर को रंगे हाथों पकड़ लिया गया है, उन्हें नैतिकता के हित में इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।”

एफआईआर में इंडिया टुडे का नाम
रिपब्लिक के अनुसार BARC के बार-ओ-मीटर को स्थापित करने और उसके संचालन की जिम्मेदार संभालने वाले हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन देवकर द्वारा दायर एफआईआर से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के रिलेशनशिप मैनेजर विशाल भंडारी ने खुलासा किया है कि इंडिया टुडे और अन्य चैनलों ने उन्हें घरों में पैनल लगाने के लिए पैसे की पेशकश की। इसके अलावा विनय नामक व्यक्ति ने भंडारी से नवंबर 2019 में 5 घरों का रुख करने के लिए कहा और उन्हें 2 घंटे रोजाना इंडिया टुडे देखने को कहा। भंडारी के खुद के कबूलनामे के अनुसार, विनय ने उन्हें 5 पैनल घरों के बीच 1000 रुपये बांटने के लिए कमीशन के रूप में 5000 रुपये दिए थे। BARC द्वारा एक ऑडिट जांच में पुष्टि हुई कि 5 घरों को वास्तव में नवंबर 2019 से मई 2020 तक कम से कम दो घंटे रोजाना इंडिया टुडे देखने के लिए रिश्वत दी गई थी।

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