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“AAP” ही निकले असली जासूस, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर जासूसी कराने का आरोप, एलजी ने केस दर्ज करने की दी मंजूरी

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दिल्ली की केजरीवाल सरकार एक के बाद एक नए आरोपों से घिरती जा रही है। अब मुख्यमंत्री केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर फीडबैक यूनिट के जरिए नेताओं की जासूसी कराने का आरोप लगा है। इससे केजरीवाल सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जासूसी कांड की आगे जांच करने और मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी दे दी है। इससे सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। बीजेपी केजरीवाल सरकार पर काफी हमलावर है और सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रही है। 

दरअसल सीबीआई ने दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ पर जासूसी का आरोप लगाते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल से डिप्टी सीएम सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। इसके बाद उपराज्यपाल सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति दे दी। सीबीआई को शुरुआती जांच में सबूत मिले हैं कि ‘फीडबैक यूनिट’ ने राजनीतिक खुफिया जानकारी इकट्ठा की थी।

यह जानकारी सामने आने के बाद बीजेपी ने दिल्ली सरकार के खिलाफ कई पोस्टर जारी किए हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस फीडबैक यूनिट को हेड कर रहे हैं और ये अपनी सुविधा के मुताबिक दिल्ली वासियों की जासूसी करा रहे हैं। बीजेपी ने दोनों नेताओं को जासूस करार देते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल के सरकारी आवास के सामने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया।

बीजेपी ने तस्वीर शेयर कर सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम सिसोदिया पर निशाना साधा है। दिल्ली बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर शेयर किया गया है। इस तस्वीर में दिल्ली के सीएम केजरीवाल और डिप्टी सीएम सिसोदिया को जासूस के रूप में पेश किया गया है। इस तस्वीर को शेयर करते हुए बीजेपी ने लिखा है – “AAP” ही निकले असली जासूस !


गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने 2015 में विजिलेंस विभाग को मजबूती देने के लिए फीड बैक यूनिट का गठन किया था। तब यूनिट ने 20 अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया था। आरोप है कि फीड बैक यूनिट ने फरवरी 2016 से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की। यूनिट ने न सिर्फ बीजेपी के बल्कि AAP से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी। इतना ही नहीं यूनिट के लिए एलजी से भी कोई अनुमति नहीं ली गई थी। यूनिट ने तय कामों अलावा राजनीतिक खुफिया जानकारी भी इकट्ठा की थी। 

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