देश में एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिंदू सनातन संस्कृति के गौरव-गान में लगे हैं। देश-विदेश में न सिर्फ सदियों पुराने धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार करा रहे हैं, साथ ही विभिन्न देवी-देवताओं की हजारों साल पुरानी मूर्तियों को भी विदेश से वापस ला रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस और आप के पाखंडी नेता हैं, जो हिंदुस्तान में रहकर भी हिंदू देवी-देवताओं का उपहास उड़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। इसी कड़ी में एक नये नाम केरल प्रदेश कॉन्ग्रेस समिति के अध्यक्ष के सुधाकरन, पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल और आप के पूर्व मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम के जुड़े हैं। पाटिल ने जहां भगवान श्रीकृष्ण को जिहादी ही बता दिया है, वहीं सुधाकरन ने न सिर्फ भगवान राम, मां जानकी और लक्ष्मण का अपमान किया है, बल्कि रामायण में वर्णित तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। हिंदू विरोधी मानसिकता को फिल्मों के जरिए दिखाने में बॉलीवुड भी पीछे नहीं है। फिल्म शमशेरा, डाक्युमेंट्री काली के बाद अब आदिपुरूष में भी रामायण के पात्रों को विद्रूप तरीके से दिखाए जाने के कारण अभी से फिल्म को बैन करने की मांग उठने लगी है।
केरल कांग्रेस अध्यक्ष सुधाकरन का राम-सीता और लक्ष्मण पर शर्मनाक बयान
बेहद हैरानी की बात है कि कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए जिस केरल में अधिकतम समय (18 दिन) बिताया है, वहां के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुधारकरन भारत को तोड़ने जैसी बातें खुलेआम कर रहे हैं। जन-जन की आस्था के केंद्रबिंदु मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, मां सीता और शेषनाग के अवतार लक्ष्मण का अपमान कर रहे हैं। सुधाकरन का बेहद शर्मनाक बयान भी देश के सबसे बड़े त्योहार दिवाली के मौके पर आया है, जबकि पूरा देश भगवान राम के अयोध्या वापस आने के उत्सव की तैयारियों में तल्लीन है। सुधारकरन ने बगैर किसी तथ्य के बेहूदा बयान देते हुए कहा है कि राम को समुद्र में समुद्र में धकेल कर सीता को साथ जाना चाहते थे लक्ष्मण। कांग्रेस नेता के इस बयान की जितनी निंदा की जाए कम है। इस बयान की चौतरफा निंदा होने के बाद कांग्रेस की आदत के मुताबिक इसे वापस लेने की दुहाई दी जा रही है।
रामायण में वर्णित तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर सुधाकरन ने मनगढ़ंत कहानी सुनाई
कांग्रेस नेता सुधाकरन ने कहा कि भगवान राम, रावण का वध करने के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पुष्पक विमान से आ रहे थे। जब विमान केरल के दक्षिणी क्षेत्र से गुजर रहा था, लक्ष्मण के मन में राम को समुद्र में धकेलने और सीता के साथ जाने का विचार आया। लेकिन जैसे ही वह थिरुसुर पहुँचे, उनका विचार बदल गया। इस पर भगवान राम ने उनके कंधे पर थपथपाते हुए कहा था कि उन्होंने लक्ष्मण के मन को पढ़ लिया था और यह उनकी (लक्ष्मण) नहीं, बल्कि उस भूमि (दक्षिणी केरल) की गलती थी। उनके बयान की व्यापक रूप से बहुत आलोचना हुई और अंत में उन्हें अपना बयान वापस लेना पड़ा।
K Sudhakaran, President of Kerala Congress, a state Rahul Gandhi is MP from, and spent maximum days for BJY, insults Bhagwaan Ram, Maa Sita and also people of Southern Kerala. What kind of Hindu hating bigots are in places of prominence in the Congress? Or is it a qualification? pic.twitter.com/C5waQs2wez
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 18, 2022
सुधाकरन के बयान के कांग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता एक बार फिर उजागर-बीजेपी
यही वजह है कि केरल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर बीजेपी हमलावर है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कॉन्ग्रेस की हिंदू विरोधी मानसिकता पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, “एक राज्य (केरल) जहाँ से कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी तो सांसद भी है और अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए अधिकतम 18 दिन का समय दिया है, वहां पर ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुधाकरन ने भगवान राम, मां सीता और लक्ष्मण का अपमान किया है। मालवीय के मुताबिक ये हिन्दुओं से नफरत करने वाले किस तरह के लोग कॉन्ग्रेस के शीर्ष पदों पर बैठे हैं? या फिर कांग्रेस पार्टी में शीर्ष पदों के लिए यही योग्यता है।
कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल ने कहा कि भगवत गीता में है जिहाद की अवधारणा
केरल प्रदेश अध्यक्ष के बयान वापस लेने के बावजूद कांग्रेस की हिंदुओं के पूज्य देवी-देवताओं के प्रति कुत्सित मानसिकता तो उजागर हो ही गई। इसी मानसिकता में सुधारकर का साथ कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने दिया। पाटिल ने गुरुवार को दिल्ली में एक पुस्तक के विमोचन के दौरान जिहाद पर अपने बयानों से विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि गीता में जिहाद की अवधारणा का उल्लेख किया गया है। शिवराज पाटिल दिल्ली में मोहसिना किदवई की एक किताब का विमोचन करने आए थे। किताब का विमोचन करते-करते वो ये भी भूल गए कि कांग्रेस के नव-नियुक्त अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं। उन्होंने खरगे को खंडेलवाल कहकर संबोधित कर दिया। शिवराज के बगल में शशि थरूर और सुशील कुमार शिंदे भी बैठे थे, लेकिन वहां पर इन लोगों ने भी शिवराज को सही नहीं किया और ना ही टोका।
पाटिल ने की हदें पार, श्रीकृष्ण को बताया जिहादी, अर्जुन को पढ़ाया जिहाद का पाठ
अपनी ही पार्टी के नव-नियुक्त अध्यक्ष का नाम भूलने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शिवराज पाटिल को यह तो याद रहा कि महाभारत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था, लेकिन यह भूल गए कि क्या दिया था। बल्कि पाटिल ने तो उपदेश की गलत व्याख्या करके सारी हदें ही पार कर डाली। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा है कि भगवान कृष्ण ने महाभारत के दौरान अर्जुन को जिहाद का पाठ पढ़ाया था। उन्होंने कहा कि गीता में जिहाद की अवधारणा का उल्लेख किया गया है, यह कहते हुए कि भगवान कृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन को जिहाद का पाठ पढ़ाया था। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की जीवनी के विमोचन के मौके पर पाटिल ने कहा, “कहा जाता है कि इस्लाम में जिहाद पर बहुत चर्चा होती है। इस कार्यक्रम में शशि थरूर और दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेता, फारूक अब्दुल्ला और सुशील कुमार शिंदे भी शामिल हुए।
पहले भी हिंदुओं की आस्था पर वाममंथी बुद्धिजीवी और बॉलीवुड निर्देशक करते रहें हैं हमले
भारत का बहुसंख्यक समाज आज मोदी युग में अपने धर्म और संस्कृति को लेकर जिस तरह की भूमिका में वैसी पहले कभी नहीं रही। आज बहुसंख्यक वर्ग अपने मूल्यों को लेकर संवेदनशील है, तो उस पर अंगुली उठाने वालों के लिए आक्रामक भी। हिंदू समाज अपनी ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर गौरवान्वित है, तो जानबूझकर इसका विद्रूप चेहरा दिखाने, धर्म और आराध्यों का अपमान करने वालों के खिलाफ बेहद सजग और सक्रिय भी है। अब हिंदू समुदाय मौन न रहकर सनातन धर्म का अपमान करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। वामपंथियों के साथ ही तथाकथित बुद्धिजीवी कहे जाने वाले बॉलीवुड ने ही हमारी धार्मिक मान्यताओं का सबसे ज्यादा निरादर किया है। डाक्युमेंट्री फिल्म काली और शमशेरा से लेकर अब लाल सिंह चढ्डा तक हिंदू समुदाय सनातन प्रतीकों को जबरदस्ती गलत अर्थों में दिखाने को पुरजोर आवाज में गलत साबित कर रहा है। जागा हिंदू जनमानस…आस्था के प्रतीकों का अपमान अब सहन नहीं किया जाएगा
दरअसल, फिल्म शमशेरा के फ्लॉप होने की बात करें तो फिल्म का ट्रेलर आने के बाद ही यह लगने लगा था कि यशराज का यह नया प्रोजेक्ट शायद ही टिकट खिड़की पर खड़ा हो पाए। हिंदू विरोधी किरदार और अन्य कारणों से आशंकाएं सही साबित हुई। फिल्म शमशेरा का विरोध संजय दत्त के किरदार को लेकर हुआ। इस फिक्शनल पीरियड ड्रामा में संजय दत्त ने मुख्य विलेन शुद्ध सिंह की भूमिका निभाई थी। संजय दत्त के किरदार को जिन प्रतीकों के सहारे गढ़ा गया, उसने हिंदू जनमानस में फिल्म के प्रति नाराजगी पैदा कर दी।माथे पर त्रिपुंड और गले में मालाओं के बावजूद आचरण से मानवताविरोधी दिखाया
फिल्म शमशेरा के विलेन शुद्ध सिंह को देखकर लगता है कि वह बहुत धार्मिक किस्म का व्यक्ति है। वह वर्दी में माथे पर त्रिपुंड, गले में मालाएं और उसके सिर पर शिखा है- जो कि सनातन परंपरा में साधु-संन्यासियों या ऋषि मुनियों का बाना है। उन्हें मानवता में विश्वास रखने वाला माना जाता है, जबकि फिल्म में शुद्ध सिंह का कर्म और आचरण मानवताविरोधी पशु समान नजर आता है। लोगों का आरोप है कि शुद्ध सिंह के किरदार के जरिए हिंदुओं की भावनाओं का मजाक उड़ाया गया और यह जानबूझकर किया गया। लोगों ने कहा भी कि क्या असल जिंदगी में, हिंदू जनमानस में ऐसे किरदार कभी दिखाई देते हैं?
शुद्ध सिंह में हिंदुओं को उत्पीड़क और पीर बाबा को मुस्लिम सेकुलर दिखाया
कई लोगों ने ट्विटर पर फिल्म के कुछ विजुअल भी साझा किए थे। इसमें से एक विजुअल में दिख रहा है कि रणबीर और संजय दत्त के किरदारों में खूब फाइट हुई। इस दौरान एक हथियार रणबीर की पीठ में धंसा नजर आता है। रणबीर की हालत बहुत खराब है. मगर वे किसी मुस्लिम संत या “पीर बाबा” का नाम लेते हैं और अपनी पीठ में धंसा हथियार निकाल देते हैं। फिल्म दिखाती है कि पीर बाबा का नाम लेते ही रणबीर जोश से भर जाता है, जबकि त्रिपुंड-चोटीधारी शुद्ध सिंह, पीर बाबा की पुकार के साथ रणबीर के रौद्र रूप को देखकर खुद को बचाने के लिए डरकर पीछे हटता नजर आता है।
आमिर खान ने पहले फिल्मों और अब विज्ञापन में उड़ाया हिंदू आस्था का मजाक
रणबीर कपूर के डबल रोल वाली शमशेरा के इस बुरे हश्र को देखकर मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर मियां का भरोसा भी अपनी एक्टिंग से उठ गया है। चार साल बाद फिल्म लाल सिंह चढ्डा से बड़े पर्दे पर आने वाले आमिर खान अब हर प्लेटफार्म पर लोगों से फिल्म का बॉयकाट न करने की विनती करते नजर आ रहे हैं। यह वही आमिर खान ने जिन्होंने गुजरात के दंगों के लिए तत्कालीन सीएम को भी दोषी ठहराया था। यह वही आमिर खान हैं, जिनकी पत्नी को भारत में रहने से डर लगता था और यह “चुपचाप-चार्ली” भारत में रहने को असुरक्षित मानते था। और यह वही आमिर खान है जिसने अपनी फिल्म पीके में हिंदू आस्था के प्रतीकों को जमकर मजाक बनाया था। यही वजह रही की जनमानस ने उसकी फिल्म लाल सिंह चड्डा को फ्लॉप बना दिया, लेकिन वो अपने हरकतों को बाज नहीं आया और अब एक विज्ञापन फिल्म में हिंदू परंपरा और आस्था के विपरीत काम किया है।
#BoycottLaalSinghChadha https://t.co/IT41Lax4AX
— Ankur vishwkarma (@Ankur58955303) August 1, 2022
#urduwood#BoycottLaalSinghChadha #AamirKhan #kareenakapoor #KareenaKapoorKhan
Also you can feed milk to 20 poor people….. pic.twitter.com/WhLPhPapRh
— I AM HINDU (@iamhindu108) August 2, 2022
शिवलिंग पर दूध चढ़ाने में पैसा बर्बाद करने के बजाए इसे बच्चे को पिलाओ-खान
आमिर की बेहूदा गलतियों की सजा देने का मौका अब जनता के पास आया है। यही वजह है कि लोगों का गुस्सा अब #Boycottlaalsinghchaddha के रूप में ट्वीटर पर ट्रेंडिंग कर रहा है। विभिन्न सोशल प्लेटफार्म पर आमिर की फिल्म न देखने की अपील की जा रही है। आमिर खान के मीम्स बन रहे हैं। इसमें लोग आमिर के दोगलेपन को खुलकर सामने ला रहे हैं। इसमें लोग कह रहे हैं कि आमिर खान ने ही कहा था कि शिवलिंग पर दूध चढ़ाने में पैसा बर्बाद करने के बजाए इसे बच्चे को पिलाना चाहिए। अब लोग भी फिल्म की टिकट पर पैसा बर्बाद करने के बजाए इसे किसी और काम में लगाएंगे।
@SrBachchan Sir Heard that now you have taken responsibility to counter #BoycottLaalSinghChadha campaign. Is it true? if yes, then how will you counter videos like this? pic.twitter.com/20HLRnwtRK
— Tarun (@warriorpande) August 2, 2022
शमशेरा की तरह दर्शकों के लिए तरसी आमिर की फिल्म लाल सिंह चड्डा
फिल्म लाल सिंह चड्ढा जो कि हॉलीवुड फिल्म फोरेस्ट गम्प की हूबहू नकल है, उससे आमिर खान करीब चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की। लाल सिंह चड्ढा में आमिर खान के साथ करीना कपूर। करीना का यह बयान कि जिसे फिल्म देखनी है वो देखे…को सुनकर लोग और भड़क गए हैं। पहले ही आमिर के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चला, करीना ने इसमें तड़का लगाया। आमिर के फैंस तक ने इस फिल्म को बॉयकॉट किया। हैशटेग लाल सिंह चड्डा इनता ट्रेंड हुआ कि फिल्म फ्लाप ही हो गई।
लीना ने शिव-पार्वती का किरदार निभाने वालों का धूम्रपान करते फोटो डाला
डॉक्युमेंट्री फिल्म ‘काली’ के विवाद को और भड़काने के लिए इसकी निर्माता लीना मणिमेकलई ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक और विवादित तस्वीर शेयर कर दी। लीना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भगवान शिव और मां पार्वती का रोल निभाने वाले कलाकारों की एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में भगवान शिव और मां पार्वती का किरदार निभाने वाले दोनों अभिनेता धूम्रपान करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं, निर्माता लीना ने फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘कहीं और’। देश के कई राज्यों में लोग लीना मणिमेकलई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
This is not about creative expression but deliberate provocations
Abusing Hindus = secularism?
Insulting Hindu Astha = liberalism?Leena is emboldened because she knows she has backing of an ecosystem which includes Left,Cong,TMC
So far TMC has not ACTED on Mahua Moitra pic.twitter.com/t4usGw1UTZ
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) July 7, 2022
हिंदुओं को गाली देना = धर्मनिरपेक्षता? और हिंदू आस्था का अपमान = उदारवाद?
लीना मणिमेकलई के इस ट्वीट पर राजनेताओं के बयान आने भी शुरू हो गए हैं। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने लीना की इस पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, ‘यह रचनात्मक अभिव्यक्ति की बात नहीं है, यह तो जानबूझकर उकसावे का मामला है। हिंदुओं को गाली देना = धर्मनिरपेक्षता? हिंदू आस्था का अपमान = उदारवाद?’ इतना ही नहीं शहजाद ने आगे लिखा, ‘लीना की हिम्मत इसलिए इतनी बढ़ती जा रही है क्योंकि उसको पता है कि लेफ्ट पार्टियां, कांग्रेस, टीएमसी उनके सपोर्ट में खड़ी है। अभी तक टीएमसी ने महुआ मोइत्रा पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
‘मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती’ महुआ का ट्वीट- दर्ज कर लो FIR, कोर्ट में मिलूंगी
काली फिल्म को लेकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के बयान के खिलाफ कानपुर समेत यूपी, मध्य प्रदेश व बंगाल के कई शहरों में एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। बिगड़े बोल पर सियासी घमासान के बीच भाजपा ने मोइत्रा की गिरफ्तारी की मांग की है। काली फिल्म को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। एक तरफ टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अपने बयान से पीछे हटने का नाम नहीं ले रही हैं तो भाजपा व अन्य हिंदू संगठन उनका लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच महुआ मोइत्रा ने एक और ट्वीट करके इस आग को और हवा दे दी है। महुआ ने कहा- ‘तुम अपनी एफआईआर दर्ज कर लो, कोर्ट में मिलूंगी।’ महुआ ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं ऐसे भारत में नहीं रहना चाहती, जहां भाजपा की पितृसत्तात्मक ब्राह्मणवादी सोच हावी हो और सभी धर्म के आस-पास घूमते रहें। मैं मरते दम तक अपने बयान पर कायम रहूंगी।
मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी- मोइत्रा
मोइत्रा ने मंगलवार को कहा था कि काली के कई रूप हैं। मेरे लिए काली का मतलब मांस और शराब स्वीकार करने वाली देवी है। उन्होंने, ‘यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपने भगवान को कैसे देखते हैं। अगर आप भूटान और सिक्किम जाएं तो वहां पूजा में भगवान को व्हिस्की चढ़ाई जाती है। वहीं, आप उत्तर प्रदेश में किसी को प्रसाद में व्हिस्की दे दो तो उसकी भावना आहत हो सकती है। मेरे लिए देवी काली एक मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी के रूप में है। देवी काली के कई रूप हैं।’
टीएमसी सांसद महुआ के आपत्तिजनक बयान का कांग्रेसी शशि थरूर किया समर्थन
महुआ के बयान का कांग्रेस नेता शशि थरूर ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा है, महुआ मोइत्रा पर हो रहे हमलों ने मुझे हैरान कर दिया है। ये हमले उस वजह से हो रहे हैं, जो हर हिंदू जानता है। हिंदू जानते हैं कि देश में हर जगह पूजा करने का तरीका अलग-अलग है। देवी पर कोई क्या चढ़ाता है, यह वह भक्त ही जानता है। उन्होंने आगे कहा, हम ऐसी स्थिति में पहुंच चुके हैं, अगर हम सार्वजनिक मंच पर किसी के बारे में कुछ कहेंगे तो किसी न किसी की भावना आहत ही होगी। हालांकि, यह तय है कि महुआ ने किसी को अपमानित करने की भावना से ऐसा नहीं कहा था। उन्होंने आगे कहा, मैं सबसे अपील करता हूं कि माहौल को ठंडा रखें। धर्म को कोई किस प्रकार मानता है, यह भक्त पर ही छोड़ दें।
शिमला में एक बहुत ही प्रसिद्ध माँ काली का मंदिर है। #कालीबाड़ी।बचपन में कई बार जाता था।बूंदी के प्रसाद और मीठे चरणामृत के लिये।मंदिर के बाहर एक साधु/फ़क़ीर टाइप बार बार दोहराता था..
“जय माँ कलकत्ते वाली…
तेरा श्राप ना जाये ख़ाली..” आजकल उस साधु और मंदिर की बहुत याद आ रही है!? pic.twitter.com/fwes5vNQMc— Anupam Kher (@AnupamPKher) July 7, 2022
जय माँ कलकत्ते वाली… तेरा श्राप ना जाये ख़ाली- अनुपम खेर
दूसरी ओर अभिव्यक्ति की आजादी की दुहाई देने वाली लीना की खबर दिग्गज कलाकार अनुपम खेर ने ली है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा है कि शिमला में एक बहुत ही प्रसिद्ध माँ काली का मंदिर है। #कालीबाड़ी। बचपन में कई बार जाता था। बूंदी के प्रसाद और मीठे चरणामृत के लिये। मंदिर के बाहर एक साधु/फ़क़ीर टाइप बार बार दोहराता था.. “जय माँ कलकत्ते वाली… तेरा श्राप ना जाये ख़ाली..” आजकल उस साधु और मंदिर की बहुत याद आ रही है!
कन्याकुमारी में भगवान शिव को सिगरेट जलाते हुए बैनर लगाया, हिंदू संगठनों में आक्रोश
दूसरी ओर काली कंट्रोवर्सी के बीच कन्याकुमारी जिले के थिंगल नगर के पास आरोग्यपुरम में आस्था का अपमान हुआ है। एक बैनर में कपल की फोटो के साथ बधाई देते दोस्तों की फोटो है, जबकि दूसरे बैनर में भगवान शिव को सिगरेट जलाते हुए दिखाया गया है। पहले बैनर में दूल्हे का भी मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है। बैनर में दूल्हे के लिए लिखा है, ‘अपने बालों को छोटा रखो, कितना छोटा? इतना छोटा कि आपकी पत्नी उन्हें पकड़ न पाए। बैनर सामने आते ही पुलिस ने आरोपियों को पुलिस थाने बुलाया और चेतावनी दी। विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने बैनर हटा दिया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर बैनर की तस्वीरें वायरल होने के बाद हिंदू संगठनों ने आक्रोश जताया है।