प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता अभियान का सकारात्मक प्रभाव परिवारों के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। लोकसभा में पेश किए गये ताजा आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार खुले में शौच से मुक्त गांव में हर परिवार सालाना 50,000 रुपये की बचत कर रहा है।
2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा शुरु किए गये स्वच्छ भारत मिशन का परिणाम यह हुआ है कि आज पूरे देश में 296 जिले और 3,07, 349 गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। देश के गांवों में स्वच्छता का दायरा 2014 में जहां 39 प्रतिशत था, वह जनवरी 2018 में बढ़कर 76 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
ताजा आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहती है कि देश में अक्टूबर 2014 में खुले में शौच जाने वाले लोगों की आबादी 55 करोड़ थी, जो जनवरी, 2018 में घटकर 25 करोड़ हो गई है। अब तक पूरे देश में 296 जिलों तथा 3,07,349 गांवों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया जा चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ राज्यों और दो केन्द्रशासित प्रदेशों – सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, केरल, हरियाणा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, दमन और दीव तथा चंडीगढ़ को खुले में शौच से पूर्ण रूप से मुक्त घोषित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छता मिशन ने देश के ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति को पहले से कहीं अधिक मजबूत कर दिया है, जो न्यू इंडिया मिशन के लिए मील का पत्थर है।