चीन को चुभ रही भारत की विकास यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास यात्रा चीन की आंखों को चुभ रही है। वो इस बात से परेशान है कि कैसे नोटबंदी जैसे कदम उठाकर भी भारत की अर्थव्यस्था हिली नहीं। भारत से एक बार उसकी ईर्ष्या सामने आई है जहां उसने नोटबंदी के कदम पर सवाल उठाकर भारत को सलाह देने की कोशिश की है।
चीन का निष्कर्ष भारत पर उल्टी सोच का नतीजा
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि 2016-17 की आखिरी तिमाही में भारत की विकास दर घटने की वजह नोटबंदी है। लेकिन चीन की ये बात कहीं से सच्चाई नहीं बल्कि एक बार फिर उसकी उस बौखलाहट को बताती है जो विश्व मंच पर भारत की लगातार बढ़ती साख देखकर उसे होती रही है। चीन ने बिना मांगे ये सुझाव दिया कि भारत सरकार को नोटबंदी से इसलिए बचना चाहिए था क्योंकि ज्यादातर भारतीय अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए नकदी पर ही निर्भर रहते हैं। लेकिन उसे नोटबंदी के बाद भारत में डिजिटल लेनदेन में कई गुना हुई बढ़ोतरी या तो सूझ नहीं रही या फिर वो इसे देखना नहीं चाहता।
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत की विश्वसनीयता बहाल
नोटबंदी सुधार का बड़ा कदम: OPEC
गौर करने वाली बात है कि क्रूड उत्पादन और एक्सपोर्ट करने वाले देशों के संगठन OPEC हाल ही में नोटबंदी को सुधार का एक बड़ा कदम बताया है। OPEC के सेक्रटरी जनरल मोहम्मद सानुजी बारकिंडो ने भारत को बड़ा और अहम बाजार बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सहित दुनिया की अर्थव्यवस्था को मंदी के माहौल से निकालने की बड़ी कोशिश की है। सानुजी बारकिंडो ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए आर्थिक सुधारों ने दुनिया को एक नई राह दिखाई है।
नोटबंदी की आलोचना चीन की कूटनीतिक चाल
भूपेन हजारिका पुल से भयग्रस्त हुआ चीन
दलाई लामा पर भारत के रुख से तनाव
अग्नि-5 मिसाइल के परीक्षण से भी बौखलाया
पिछले साल दिसंबर में भारत की इंटरकौंटिनेंटल मिसाइल अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद उसने ये माहौल बनाने की कोशिश की कि ये परीक्षण अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के नियमों के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता, लेकिन भारत ने ये कहते हुए चीन के इस रुख को दरकिनार कर दिया कि भारत अपनी रणनीतिक क्षमताएं किसी खास देश को निशाने पर रखकर नहीं बना रहा। दरअसल मीडिया रिपोर्ट में आई ऐसी खबरों से चीन और पाकिस्तान दोनों घबराए हुए थे कि अग्नि-5 की मारक क्षमता के दायरे में पूरा एशिया और आधा यूरोप तक आ सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी की बढ़ती साख से भी चीन को डर
चीन की समस्या ये है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहे भारत के सामने उसकी एक नहीं चल रही। पहले वो भारतीय बाजार में अपने कारोबार की व्यापकता के बूते वो भारत पर दबाव बनाये रखने की कोशिश करता था, लेकिन अब वो देख रहा है कि नये नेतृत्व में भारत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उस पर भारी पड़ता है। चीन की तकलीफ दरअसल इस बात से है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ रहा है।