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कश्मीरी बच्चों को पत्थरबाज बनाने वाले अलगाववादियों के बच्चे विदेशों में बना रहे करिअर

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कश्मीर को अलगाववादी नेताओं ने अपने सुख और ऐश-ओ-आराम का जरिया बना रखा है। ये अलगाववादी नेता सेना पर पत्थर बरसाने के लिए कश्मीरी बच्चों के हाथ में पत्थर थमा देते हैं लेकिन अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाते हैं, जहां वे शांति और ऐश-ओ-आराम का जीवन जीते हैं। अलगाववादी नेताओं के चरित्र के इस रहस्य से पर्दा देश के नए गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में उठाया। उन्होंने कहा कि-

अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेशों बना रहे कैरियर

सभी को सकते में डाल देने वाला रहस्य यह है कि कश्मीर के 112 अलगाववादी नेताओं के 210 बच्चे विदेश में हैं। जहां वे या तो पढ़ाई कर रहे हैं या पढ़ाई करके अच्छा पैसा कमा रहे हैं और जीवन में नए-नए अनुभव लेने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन कश्मीर के गरीब मां-बाप के बच्चों को इन अलगाववादी नेताओं ने अपने हाथ की कठपुतली बना रखा है। जब चाहा तब पैसे देकर इन गरीब बच्चों के हाथों में पत्थर थमा दिया, और भारतीय सेना पर बरसाने का हुक्म दे दिया।

ये पाकिस्तान के साथ मिलकर अलगवादी राजनीति करते हैं और आजादी के लिए कश्मीर में आग लगाते हैं, लेकिन अपने बच्चों को कश्मीर के आतंक और दहशतगर्दी से दूर विदेश में पढ़ाते है क्योंकि इन्हें केवल अपने बच्चों से प्यार है। कश्मीर के आम गरीब बच्चे तो सिर्फ और सिर्फ इन अलगाववादियों के लिए पैसा कमाने का जरिया है। जिसकी कमाई के बल पर इनके बच्चे विदेश में पढ़ते हैं।  आइए आपको कुछ अलगाववादी नेताओं के बच्चों के बारे में बताते हैं-

  • आसिया अंद्राबी –दुख़्तरन-ए-मिल्लत की नेता आसिया अंद्राबी के बेटे ने मलेशिया में पढ़ाई की है जिसकी पढ़ाई का खर्च टेरर फंडिंग से आया है। टेरर फंडिंग मामले में गिरफ़्तार ज़हूर वटाली यह पूरा ख़र्च वहन किया है। एनआईए की पूछताछ के दौरान अंद्राबी ने स्वीकार किया कि वह और उनका संगठन विदेश से रुपए जुटाता है और फिर कश्मीर में महिलाओं द्वारा प्रदर्शन कराने के लिए इन रुपयों का इस्तेमाल किया जाता है।
  • सैयद अली शाह गिलानी-हुर्रियत के पुराने नेता सैयद अली शाह गिलानी के बेटे ने पाकिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई की है।
  • मीरवाइज उमर फ़ारूक़-कश्मीर की मस्जिदों में धमक रखने वाले अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फ़ारूक़ की बहन राबिया फ़ारूक़ डॉक्टर है और अमेरिका में रहती है।
  • बिलाल लोन-अन्य कश्मीरी नेता बिलाल लोन का तो पूरा खानदान ही विदेश में रहता है। जहाँ उनकी बेटी-दामाद लंदन में रहते हैं, उनकी छोटी बेटी ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रही है।
  • मोहम्मद यूसुफ मीर और फारूक गतपुरी-मुस्लिम लीग के मोहम्मद यूसुफ मीर और फारूक गतपुरी की बेटियाँ पाकिस्तान में हैं और वहीं पर मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। इन अलगावादियों को पाकिस्तान से फंडिंग भी मिलती रही है, जिस सिलसिले में एनआईए जाँच कर रही है।
  • ख्वाजा फिरदौस वानी-डीपीएम नेता ख्वाजा फिरदौस वानी का बेटा भी पाकिस्तान में ही रहता है और वह भी मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है।
  • अशरफ लाया-तहरीक ए हुर्रियत के अशरफ लाया की बेटी भी पाकिस्तान से ही मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।
  • निसार हुसैन राथर-वाहिदत ए इस्लानी के निसार हुसैन राथर ने अपने बेटे-बेटी को ईरान भेजा हुआ है।
  • अशरफ सेहराई-तहरीक ए हुर्रियत के अध्यक्ष अशरफ सेहराई के दोनों बेटे सऊदी अरब में रह रहे हैं ।
  • जीएम भट्ट-अमीर-ए-जमात के जीएम भट्ट का बेटा सऊदी में रहता है और वह डॉक्टर है।
  • मोहम्मद शफी रेशी-डीपीएम के मोहम्मद शफी रेशी का बेटा अमेरिका में पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है।
  • जहूर गिलानी का बेटा सऊदी अरब में रहता है और सऊदी एयरलाइंस में काम कर रहा है।

दशकों से इनकी करतूतों से पर्दा क्यों नहीं उठा

प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने देश को कश्मीर के रुप में एक विकट समस्या विरासत में दी है। इस समस्या की जड़ वह सोच है जिसके शिकार प्रधानमंत्री नेहरु के साथ साथ कांग्रेस रही है। आज तक, कांग्रेस यह तय नहीं कर पायी कि कश्मीर पर वास्तविक हक किसका है। इसी उलझन में प्रधानमंत्री नेहरु संयुक्त राष्ट्र संघ चले गये और कांग्रेस अलगाववादियों से लेकर पाकिस्तान सभी से बातचीत कर हल निकालना चाहती थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की स्पष्ट सोच है कि कश्मीर सिर्फ और सिर्फ भारत और कश्मीर की जनता का है। अलगाववादी और पाकिस्तान का इससे दूर दूर तक कोई सबंध नहीं है। इसी स्पष्ट नीति का परिणाम है कि आज अलगाववादी नेताओं और पाकिस्तान की करतूतें एक एक कर सामने आ रही हैं।

वह दिन दूर नहीं जब कश्मीर को समस्या बनाने वाले अलगाववादी और पाकिस्तान के आका कश्मीर की जनता और देश की जनता के सामने बेनकाब हो जाएगें।

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