कनाडा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को G7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए न्योता दिया है। कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने खुद प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इसकी जानकारी प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में देते हुए लिखा कि ‘कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से फोन पर बात करके प्रसन्नता हुई। हाल ही में हुए चुनाव में उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी और इस महीने के अंत में कनानसकीस में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे संबंधों से बंधे जीवंत लोकतंत्रों के रूप में, भारत और कनाडा आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे। शिखर सम्मेलन में हमारी मुलाकात का आतुरता से इंतजार है।’
Glad to receive a call from Prime Minister @MarkJCarney of Canada. Congratulated him on his recent election victory and thanked him for the invitation to the G7 Summit in Kananaskis later this month. As vibrant democracies bound by deep people-to-people ties, India and Canada…
— Narendra Modi (@narendramodi) June 6, 2025
शुरुआत में कनाडा ने जी7 सम्मेलन के लिए भारत को आमंत्रित नहीं किया था। यह पिछले छह वर्षों की परंपरा से हटकर था। इसका मुख्य कारण भारत-कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव थे, विशेषकर खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर। 2023 में तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत पर खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के लिप्त होने के आरोप लगाए गए थे, जिन्हें भारत ने पूरी तरह से खारिज किया था। इस विवाद ने दोनों देशों के रिश्तों को काफी प्रभावित किया और कनाडा की ओर से भारत को G7 में आमंत्रित न करने की स्थिति बनी।
हालांकि, कनाडा में नई सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश की। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पीएम मोदी को फोन कर जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया, जिससे यह संकेत मिला कि कनाडा को भारत के महत्व को नजरअंदाज करना संभव नहीं रहा। यह कदम कनाडा की कूटनीतिक मजबूरी और वैश्विक रणनीति में भारत की अपरिहार्यता को दर्शाता है।
भारत का वैश्विक मंच पर दबदबा कायम है
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने स्वीकार किया
विकासशील दुनिया के लिए G7 की बड़ी योजनाएं
भारत के बिना नहीं हो सकती हैंखालिस्तानी बेचारे रो पड़ेंगे अब तो कनाडा की
लिबरल पार्टी भी मोदी जी ने हैक कर दी 😭 pic.twitter.com/YV4Q4wv710— Amrendra Bahubali 🇮🇳 (@TheBahubali_IND) June 7, 2025
कनाडा के प्रधानमंत्री के न्योता देने से पहले विपक्ष काफी आक्रामक तेवर अपनाए हुए था। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साथ रही थी और इसे केंद्र सरकार की कूटनीतिक विफलता बता रही थी। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आखिर क्यों भारत को G7 से बाहर रखा गया। विपक्ष इसे भारत की वैश्विक छवि और विदेश नीति के लिए नुकसानदेह बता रहा था।
हमारे देश के सम्मान को ठेस पहुंचे या हमारी संप्रभुता पर सवाल उठे, ये कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
आज मोदी सरकार की विफल विदेश नीति के कारण भारत का पूरी दुनिया में अपमान हो रहा है।
• कनाडा हमें G-7 के लिए नहीं बुलाता
• ट्रंप लगातार सीजफायर का श्रेय ले रहे हैं
• हम… pic.twitter.com/ZS3Ky8UKxO— Congress (@INCIndia) June 6, 2025
लेकिन जब कनाडा ने प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया, तो विपक्ष की बोलती बंद हो गई। हर तरफ पीएम मोदी की विदेश नीति और कूटनीतिक कौशल की प्रशंसा हुई, क्योंकि उन्होंने इस आमंत्रण को स्वीकार करते हुए दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा देने का आश्वासन दिया है। यह न्योता विपक्ष के निशाने पर रहे प्रधानमंत्री मोदी की साख और भारत की वैश्विक छवि को और बढ़ाने वाला है।
प्रधानमंत्री मोदी को कनाडा द्वारा G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जाना न केवल भारत की बढ़ती वैश्विक ताकत का प्रतीक है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत के बढ़ते प्रभाव और उसकी रणनीतिक महत्ता को भी दर्शाता है। यह कदम भारत की आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक प्रगति को विश्व समुदाय द्वारा स्वीकार करने का एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह साफ दिखाता है कि आज के दौर में भारत को किसी भी वैश्विक मंच पर नजरअंदाज करना संभव नहीं है- चाहे वह आर्थिक, सैन्य या रणनीतिक कोई भी क्षेत्र हो।
#BREAKING “भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और वह कनाडा का एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण भेजा और उन्होंने उसे स्वीकार किया है।”
– कनाडा के प्रधानमंत्री कार्नी#G7Summit #Canada #Carney pic.twitter.com/Eb0YsFT6f8
— Mukesh Mathur (@mukesh1275) June 6, 2025
G7 दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों का समूह है। भारत इसका स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन पिछले कई वर्षों से उसे विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में बुलाया जाता रहा है। इस बार कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया। यह भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, सैन्य क्षमता और वैश्विक कूटनीति में उसकी मजबूत भूमिका का प्रमाण है।
आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। जीडीपी ग्रोथ रेट लगातार ज्यादा स्तर पर बनी हुई है। वैश्विक मंचों पर भारत की भागीदारी और नेतृत्व क्षमता लगातार बढ़ रही है, जिससे उसकी रणनीतिक अहमियत और भी मजबूत हुई है। भारत की सैन्य शक्ति भी एशिया ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऑपरेशन सिंदूर ने इसे साबित कर दिखाया है।
हाल के वर्षों में भारत-कनाडा संबंधों में काफी तनाव रहा, खासकर 2023-24 में जब कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में खालिस्तानी मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक टकराव हुआ था। इससे व्यापार, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों पर भी असर पड़ा था। लेकिन 2025 में मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में नया मोड़ आया है। कार्नी ने भारत के साथ संबंधों को फिर से मजबूत करने को अपनी विदेश नीति की प्राथमिकता बताया है।
हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद के बीच सकारात्मक बातचीत हुई, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सहयोग की नई शुरुआत की उम्मीद जगी है। कनाडा का यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। जी7 में पीएम मोदी की उपस्थिति से यह संदेश भी जाएगा कि भारत और कनाडा दोनों ही वैश्विक स्तर पर स्थिरता, सुरक्षा और आर्थिक विकास में साझेदारी को महत्व देते हैं।