Home समाचार मोदी सरकार ने किसानों और छोटे कारोबारियों को दी बड़ी राहत, 400...

मोदी सरकार ने किसानों और छोटे कारोबारियों को दी बड़ी राहत, 400 जिलों में लगेंगे लोन मेले

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मोदी सरकार लगातार नए-नए कदम उठा रही है। इसी क्रम में सरकार ने ग्रामीण और जिला स्तर पर किसानों, छोटे कारोबारियों और आम लोगों की क्रय क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत त्योहारों के दौरान ज्यादा से ज्यादा कर्ज देने के लिए अगले एक माह में 400 जिलों में लोन मेले लगेंगे। इसका मकसद मकान खरीदारों और किसानों समेत कर्ज चाहने वालों को ऋण सुलभ कराना है।

बैंकों में पर्याप्त नकदी मौजूद

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 19 सितंबर, 2019 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ करीब तीन घंटे चली बैठक में बैंकों और गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी की स्थिति की समीक्षा की। इसके बाद वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों के पास पर्याप्त नकदी मौजूद है। अगले कुछ दिनों में देशभर के 400 जिलों में बैंक, एनबीएफसी और एचएफसी खुली बैठकें कर मकान, वाहन और दूसरे कार्यों के लिये कर्ज लेने वाले किसानों, खुदरा कर्ज लेनदारों और छोटे उद्यमियों को कर्ज उपलब्ध करायेंगे।

त्योहारों पर बैंक और एनबीएफसी बाटेंगे लोन

कारोबारी गतिविधियां बढ़ाने के लिए आगामी त्योहारी मौसम में बैंकों और गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) से कर्ज वितरण बढ़ाने पर जोर दिया गया। वित्त मंत्री ने कहा कि सबके सामने पारदर्शी तरीके से बैंकों से एनबीएफसी, एचएफसी को नकदी उपलब्ध कराई जायेगी, जिसे ये संस्थान आगे जरूरतमंदों को उपलब्ध करायेंगे। 

दो चरणों में होगा लोन मेला का आयोजन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि खुले रूप से बैंकों की दो चरणों में बैठकें होगी। पहली बैठक मंगलवार 24 सितंबर से 29 सितंबर को 200 जिलों में होगी। उसके बाद 10 अक्तूबर से 15 अक्तूबर के बीच 200 अन्य जिलों में ऐसी बैठकें होंगी। हालांकि बाद में अधिकारियों ने संशोधन करते हुए कहा कि इस तरह की खुली बैठकों का पहले चरण का आयोजन 3 से 7 अक्टूबर 2019 तक और दूसरे चरण का आयोजन 11 अक्टूबर 2019 से अगले कुछ दिन तक चलेगा। वितमंत्री ने कहा कि इसके पीछे सोच है कि त्योहारों के दौरान ज्यादा से ज्यादा कर्ज देना सुनिश्चित हो सके। दिवाली अक्तूबर में है। इसे देश में खरीदारी का सबसे अच्छा समय माना जाता है। 

लोन मेले में सांसद भी होंगे आमंत्रित

वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर बैठकों के लिए समन्वय का काम करेंगे। इन बैठकों में मंत्रियों, क्षेत्र के सांसदों, दूसरे जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जा सकता है। यह पूरा काम वित्त राज्य मंत्री देखेंगे। सीतारमण ने कहा कि इन बैठकों में पुराने कर्जदारों के साथ नये कर्जदारों को भी आकर्षित किया जायेगा। प्रत्येक एक पुराने कर्जदार के साथ पांच नये लोगों को कर्ज उपलब्ध कराने पर जोर रहेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की घोषणा के खिलाफ बैंक कर्मियों की प्रस्तावित हड़ताल के बारे में एक सवाल पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हम उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे।

छोटे व्यापारी छह माह में चुका सकेंगे बकाया कर्ज

सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने बैंकों से कहा कि वे 31 मार्च, 2020 तक सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के दबाव वाले कर्ज को गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घोषित नहीं करें। सरकार ने एमएसएमई यानी छोटे कारोबारियों की तरफ से वन टाइम सेटलमेंट की पेशकश करने वालों का ब्योरा भी मांगा है। ये ब्योरा 1 जुलाई से 30 सितंबर तक इकट्ठा किया जाएगा। साथ ही सरकार ने बैंकों से एमएसएमई के कर्ज के पुनर्गठन पर काम करने को कहा है।

मोदी सरकार ने किसानों और छोटे व्यापारियों के हित में कई अन्य कदम उठाए हैं। आइए एक नजर डालते हैं उन कदमों पर…

‘प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना’ से 5 करोड़ लघु और सीमांत किसानों का जीवन होगा सुरक्षित
देश के अन्नदाताओं की आमदनी को दोगुना करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार कृतसंकल्प है। इस दिशा में पिछले 5 वर्षों के दौरान ‘पीएम किसान योजना’ समेत कई योजनाओं की शुरूआत की जा चुकी है और इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सितंबर, 2019 को झारखंड की राजधानी रांची से ‘प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना’ का शुभारंभ किया। ‘प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना’ से 5 करोड़ लघु और सीमांत किसानों का जीवन सुरक्षित होगा। ऐसे किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। इस योजना से 12 सितंबर तक करीब 8.36 लाख किसान खुद को रजिस्ट्रर करवा चुके हैं।

जल्द खातों में ट्रांसफर होगी ‘PM-किसान सम्मान निधि’ की दूसरी और तीसरी किश्त

मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने में लगी है। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने किसान सम्मान निधि के तौर पर तीन किश्तों में 6000 रुपये किसानों के खातों डालने का फैसला किया था, ताकि किसानों की आर्थिक मदद हो सके। पहली किश्त तो चुनाव से पहले ही किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि दूसरी और तीसरी किश्त 30 सितंबर से पहले यानी नवरात्र शुरू होने से पहले किसानों के एकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

मोदी सरकार ने गैर-यूरिया खादों की बढ़ाई सब्सिडी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की बेहतरी के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। अब मोदी सरकार ने किसानों को एक और तोहफा दिया है। सरकार ने किसानों को किफायती दर पर खाद मुहैया कराने के लिए गैर-यूरिया खादों पर सब्सिडी बढ़ाने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति में बुधवार को यह फैसला किया। समिति ने वर्ष 2019-20 के लिए फॉस्‍फोरस और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए पोषण आधारित सब्सिडी दरों के निर्धारण के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्‍ताव को अपनी मंजूरी दी। सल्फर खाद पर 3.56 रुपये, नाइट्रोजन वाली खाद पर 18.90 रुपये, फॉस्फोरस वाली खाद पर 15.21 रुपये, जबकि पोटाश खाद पर 11.12 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी दी गई है। इस फैसले से चालू वित्त वर्ष में खजाने पर कुल 22,875 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। सरकार के इस कदम से किसानों को संतुलित खाद का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

अब सीधे खाते में जमा होगी खाद सब्सिडी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए तेजी से काम कर रही है। मोदी सरकार ने अब 70,000 करोड़ रुपये से अधिक की खाद सब्सिडी को सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर को लेकर बड़ा कदम उठया है। सरकार अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सीधे किसानों के बैंक खातों में खाद सब्सिडी ट्रांसफर करेगी। इसके तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के दूसरे चरण की सरकार ने 10 जुलाई को शुरुआत की। डीबीटी 2.0 की शुरुआत करते हुए केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि इससे योजना में पारदर्शिता आएगी और उर्वरक की आपूर्ति में सहूलियत हो जाएगी। डीबीटी डैशबोर्ड का प्रावधान किया गया है, जिससे हर तरह की जानकारी कभी भी हासिल की जा सकती है और खाद की मांग, आपूर्ति व उपलब्धता को जांचा जा सकता है। नई व्यवस्था के तहत खाद के उत्पादन, आयात और उसका भंडारण कहां और कितना किया गया है, उसकी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त की जा सकेगी। 

मुद्रा योजना के तहत अब बिना गारंटी मिलेगा 20 लाख तक का कर्ज

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। मुद्रा योजना से न सिर्फ स्वरोजगार के मौके मिले हैं बल्कि इसने जॉब मल्टिप्लायर का काम काम किया है, औरों को भी रोजगार का अवसर दिया है। इसी को देखते हुए मोदी सरकार अब मुद्रा योजना के तहत बिजनेस शुरू करने के लिए बिना गारंटी 20 लाख रुपए तक लोन देगी। पहले मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के 10 लाख रुपए तक का लोन मिलता था। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में यह जानकारी दी कि रिजर्व बैंक द्वारा बनाई गई कमिटी ने मुद्रा के तहत लोन की सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की सिफारिश की है। मुद्रा योजना के तहत 18 करोड़ 87 लाख से ज्यादा लोगों ने ऋण लेकर कारोबार शुरू किया है।

छोटे कारोबारियों को साहूकारों से मिली मुक्ति
मुद्रा योजना शुरू होने से पहले ऊंची पहुंच वालों को तो लोन आसानी से मिल जाया करते थे, लेकिन छोटे कारोबारियों को साहूकारों के चक्कर लगाने पड़ते थे। साहूकारों का ब्याज देने के चक्कर में उनकी पूरी जिंदगी ब्याज के कर्ज में डूब जाती थी। मुद्रा योजना ने उद्यमियों को ब्याजखोर लोगों से बचाया है।

 

Leave a Reply Cancel reply