कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया के कई देशों के लिए संकटमोचक बनकर सामने आया है। भारत ने कोरोना संकट काल में तमाम देशों को वैक्सीन देने का काम किया है। इसकी दुनिया भर में जमकर तारीफ हो रही है। हाल ही में कनाडा में भी कोरोना वैक्सीन की 5 लाख से ज्यादा खुराक की खेप पहुंची है। भारत की ओर से कनाडा को वैक्सीन की कुल 20 लाख डोज दी जा रही हैं। इसको लेकर कनाडा के ग्रेटर टोरंटो में सड़कों के किनारे बड़े-बड़े पोस्टर और होर्डिंग लगाए गए हैं। इन होर्डिंग में भारत और प्रधानमंत्री मोदी का आभार प्रकट किया गया है। ग्रेटर टोरंटो में जो बिलबोर्ड लगाए गए हैं, उनपर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर है। इनपर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ लिखा है, ‘कनाडा को कोविड वैक्सीन देने के लिए धन्यवाद भारत और पीएम नरेन्द्र मोदी। भारत-कनाडा मित्रता अमर रहे।’ हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन करके वैक्सीन देने के लिए आग्रह किया था। प्रधानमंत्री मोदी उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया था।
Billboards come up in Greater Toronto area thanking PM Narendra Modi for providing COVID-19 vaccines to Canada pic.twitter.com/0AaQysm6O1
— ANI (@ANI) March 11, 2021
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत सबसे आगे- आईएमएफ
संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भी भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी का कायल हो गया है। आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथन ने कोरोना से निपटने की नीतियों और वैक्सीन डिप्लोमेसी को लेकर भारत की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में भारत सबसे आगे है। गीता गोपीनाथ ने सोमवार को एक कार्यक्रम में भारत के वैक्सीन के तेज उत्पादन और इसे कई देशों को मुहैया कराए जाने के अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि अगर आप पूछें कि दुनिया में वैक्सीन का एक हब कहां है तो निश्चित तौर पर यह भारत होगा। भारत अनुदान के तौर पर कई पड़ोसी देशों को वैक्सीन की आपूर्ति कर रहा है और कोरोना संकट से निपटने में टीकाकरण के माध्यम से अहम भूमिका निभा रहा है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने की प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ, कहा- आपकी वजह से 60 देशों में टीकाकरण
हाल ही में कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में भारत की भूमिका को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम गेब्रेयसस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की है। गेब्रेयसस ने प्रधानमंत्री मोदी को वैक्सीन इक्विटी को सपोर्ट करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि COVAX के प्रति आपकी प्रतिबद्धता और कोरोना वैक्सीन की खुराक को साझा करने से 60 से अधिक देशों को अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य प्राथमिकता समूह का टीकाकरण शुरू करने में मदद मिल रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बाकी देश भी आपके इस उदाहरण को फॉलो करेंगे।
Thanks ?? & Prime Minister @narendramodi for supporting #VaccinEquity. Your commitment to #COVAX and sharing #COVID19 vaccine doses is helping 60+ countries start vaccinating their #healthworkers and other priority groups. I hope other countries will follow your example.
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) February 25, 2021
यूएन ने भारत को बताया ग्लोबल लीडर
कोरोना संकट काल में दुनिया भर को वैक्सीन उपलब्ध कराने में अग्रणी भूमिका निभाने पर संयुक्त राष्ट्र ने भी भारत की जमकर तारीफ की है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि कोरोना संकटकाल में भारत एक ग्लोबल लीडर के तौर पर सामने आया है। भारतीय नेतृत्व के मानवीय दृष्टिकोण और वैक्सीन की सहायता पर आभार जताते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि कोरोना की जंग में भारत ने ग्लोबल लीडर की भूमिका निभाई है।
महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा है कि भारत ने कोरोना महामारी के दौरान बेहतरीन काम किया है। भारत ने महामारी के मुश्किल दौर में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए जरूरी दवाइयां, जांच किट, पीपीई और वेंटीलेटर 150 देशों में जिस तरह से उपलब्ध कराए, वह तारीफ योग्य है। ऐसा कोई सक्षम देश ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भारत ने वैक्सीन को तेजी के साथ विकसित किया और उसका व्यापक स्तर पर निर्माण किया। साथ ही विश्वभर में वैक्सीन लगाने के अभियान को जिस तरह से आगे बढ़ाया, उसमें भारत ने अपनी अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन किया है।
कोरोना वैक्सीन संजीवनी बूटी पाकर धन्य हुए ब्राजील के राष्ट्रपति
भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की 20 लाख खुराक पाकर खुश ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने कोरोना वैक्सीन की तुलना संजीवनी बूटी से की। उन्होंने भगवान हनुमान की संजीवनी बूटी ले जाते हुए तस्वीर को ट्वीट कर इस मुश्किल वक्त की घड़ी में साथ देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। कोरोना वैक्सीन पाकर खुद को धन्य महसूस करते हुए बोलसोनारो ने कहा कि कोरोना की जंग को लड़ने में मदद करने के लिए ब्राजील भारत का आभार व्यक्त करता है। हम भारत का धन्यवाद करते हैं। भारत के प्रति अपना स्नेह जाहिर करते हुए उन्होंने अपने ट्वीट के आखिर में हिंदी में धन्यवाद लिखा।
Namaskar, Prime Minister @narendramodi
Brazil feels honoured to have a great partner to overcome a global obstacle by joining efforts.
Thank you for assisting us with the vaccines exports from India to Brazil.
Dhanyavaad! धनयवाद
— Jair M. Bolsonaro (@jairbolsonaro) January 22, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति बोलसोनारो के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि यह सम्मान हमारा है, कोविड -19 महामारी से एक साथ लड़ने में ब्राजील एक विश्वसनीय भागीदार है। हम हेल्थकेयर पर अपने सहयोग को मजबूत करना जारी रखेंगे।
The honour is ours, President @jairbolsonaro to be a trusted partner of Brazil in fighting the Covid-19 pandemic together. We will continue to strengthen our cooperation on healthcare. https://t.co/0iHTO05PoM
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2021
ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा प्रभु हनुमान की तरह पहुंचाई संजीवनी बूटी
ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने इसके पहले भी प्रधानमंत्री मोदी की तुलना भगवान हनुमान से की करते हुए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को संजीवनी बूटी बताया था। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से दी गई इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से लोगों के प्राण बचेंगे और इस संकट की घड़ी में भारत और ब्राजील मिलकर कामयाब होंगे। प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने लिखा कि जिस तरह हनुमान जी ने हिमालय से पवित्र दवा (संजीवनी बूटी) लाकर भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण की जान बचाई थी, उसी तरह भारत और ब्राजील एक साथ मिलकर इस वैश्विक संकट का सामना कर लोगों के प्राण को बचा सकते हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में उन्हें हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए धन्यवाद दिया। दरअसल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने भी प्रधानमंत्री मोदी से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर लगे बैन को हटाने का अनुरोध किया था। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा से बैन हटाने के भारत के फैसले के बाद बोलसोनारो ने प्रधानमंत्री मोदी का तुलना भगवान हनुमान से कर डाली। भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सबसे बड़ा उत्पादक है।
प्रधानमंत्री मोदी कोरोना संकट काल में भी पूरी दुनिया के लिए संकटमोचक बने हैं। आइए डालते हैं एक नजर-
कोरोना संकट काल में भारत लगातार अपने मित्र देशों की मदद में जुटा है। भारत ने 22 जनवरी को कोविशील्ड की 1.417 करोड़ खुराख भूटान, मालदीव, मॉरीसस, बांग्लादेश, नेपाल, म्यामांर ओर सेशेल्स में पहुंचाई है। विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत सरकार को प्रमुख भागीदार देशों से वैक्सीन की आपूर्ति के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं। कोरोना काल में भारत ने पहले भी कई देशों को बड़ी संख्या में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर और पेरासिटामोल गोलियों के साथ-साथ डायग्नोस्टिक किट, वेंटिलेटर, मास्क, दस्ताने और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की थी।
कोरोना से जंग में दुनिया की मदद कर रहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार न सिर्फ देश में कोरोना महामारी से कुशलतापूर्वक लड़ रही है, बल्कि पूरी दुनिया को इस बीमारी से लड़ने में मदद भी कर रही है। भारत ने दुनिया भर में कोरोना से लड़ने के लिए हाइड्रोकिसीक्लोरोक्वीन दवा समेत जीवन रक्षक दवाएं भेजी हैं। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व मौजूदा कठिन स्थिति को देखते हुए भारत से इसके निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहने के बावजूद इस दवा की यह खेप मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए पहुंचाई गई।
55 से अधिक देशों में की गई दवा की आपूर्ति
कोरोना को मात देने में सक्षम समझी जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की आपूर्ति को लेकर भारत दुनिया का सबसे अग्रणी देश बन गया। 55 से अधिक देशों में इस दवा की आपूर्ति की गई। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश भारत से इस दवा को खरीद रहे हैं, लेकिन गुआना, डोमिनिक रिपब्लिक, बुर्कीनो फासो जैसे गरीब देश भी हैं, जिन्हें अनुदान के तौर पर इन दवाओं की आपूर्ति की गई। भारत डोमिनिकन रिपब्लिक, जांबिया, युगांडा, बुर्कीना फासो, मेडागास्कर, नाइजर, मिस्र, माली कॉन्गो, अर्मेनिया, कजाखिस्तान, जमैका, इक्वाडोर, यूक्रेन, सीरिया, चाड, फ्रांस, जिंबाब्वे, जॉर्डन, केन्या, नाइजीरिया, नीदरलैंड्स, पेरू और ओमान को दवाएं भेज रहा है। साथ ही, फिलिपींस, रूस, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, स्लोवानिया, उज्बेकिस्तान, कोलंबिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), उरुग्वे, बहामास, अल्जीरिया और यूनाइटेड किंगडम (यूके) को भी मलेरिया रोधी गोलियां भेजा जा चुकी हैं।
भारतीय ही नहीं विदेशियों को भी सुरक्षित निकाला
भारत ने कोरोना काल में राहत और बचाव अभियान के मामले में सबसे अधिक उड़ानें भरी हैं। चीन, ईरान, इटली और जापान जैसे देशों से हजारों भारतीयों को निकाल कर देश वापस लाया गया। कोरोना प्रभावित इलाकों से भारत ने सिर्फ अपने नागरिकों को ही नहीं 10 से भी ज्यादा देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला। इनमें मालदीव, म्यामांर, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मैडागास्कर, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं।
सार्क देशों के प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने की चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 मार्च, 2020 को सार्क देशों के नेताओं के साथ कोरोना वायरस पर रोकथाम संबंधी चर्चा की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सार्क देशों के नेताओं के साथ क्षेत्र में कोविड-19 से मुकाबले के लिए साझा रणनीति बनाने के लिए बातचीत की। सहयोग की भावना के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशों के स्वैच्छिक योगदान के आधार पर कोविड-19 इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव रखा। साथ ही भारत ने फंड के लिए शुरू में 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर भी दिए। प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों के आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कैप्सूलों की व्यवस्था करने और संभावित वायरस वाहकों और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने में मदद करने के लिए भारत के एकीकृत रोग निगरानी पोर्टल के सॉफ्टवेयर को साझा करने की भी पेशकश की। उन्होंने सुझाव रखा कि सार्क आपदा प्रबंधन केंद्र जैसे मौजूदा तंत्र का इस्तेमाल सबसे अच्छे तरीके से पूल के लिए हो सकता है।