चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के बारे में जो जानकारी सामने आई है इससे उनकी ईमानदारी का चोला उतर गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त समेत दो आयुक्तों के फैसलों पर सवाल उठाकर उन्होंने चुनाव आयोग को सवालों के घेरे में ला दिया है। माना जाता है कि लवासा ने कांग्रेस और लेफ्ट-लिवरल गैंग के कहने पर ऐसा किया है। लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने की कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। कांग्रेस और लेफ्ट-लिबरल गैंग ने इस बार अशोक लवासा को अपना नया हथियार के रूप में उपयोग किया है। असंतुष्ट चुनाव आयुक्त लवासा का कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम के साथ और उनकी पत्नी नोवेल सिंघल लवासा के लिंक के बारे में कई दिलचस्प विवरण सामने आए हैं। कांग्रेस के साथ पुराना लिंक होने के कारण ही लवासा ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। गौरतलब है कि यूपीए-2 सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने 2009 में ही लवासा को गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाया था।
नौकरी छुड़ा कर चीनी मिल की डायरेक्टर बना दिया
वित्त सचिव बनते ही 12 कंपनियों की डायरेक्ट बनवा दिया
लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करती रही है कांग्रेस