प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया था। इस कानून को बनाने के पीछे यही मकसद था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आए पीड़ित और शोषित हिन्दू, सिख, ईसाई सहित कुल छह अल्पसंख्यकों को नया जीवन दिया जा सके। तमाम विरोध के बावजूद मोदी सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही। सरकार ने अपने फैसले के पक्ष में जो दलीलें दीं, उसका प्रमाण हाल ही में पाकिस्तान, अफगानिस्तान में घटित घटनाओं ने दिया है। यही कारण है कि अमेरिका में रहने वाले अफगान-अमेरिकी सिख संगठन ने मोदी सरकार से अफगानिस्तान के हिंदू और सिखों को भारत में शरण देने की मांग की है।
हिंसा से पीड़ित सिख परिवार
अफगानिस्तान के तीन जिलों काबुल, जलालाबाद और गाजी में रहने वाले सिख अल्पसंख्यक अपनी जान बचाने के लिए भारत में शरण चाहते हैं। ऐसे करीब 650 परिवार हैं। इनके खिलाफ आए दिन हिंसा होती है। पिछले दिनों काबुल के एक गुरुद्वारे पर हमले में 25 सिखों की मौत भी हो गई थी। नागरिकता संशोधन कानून पास होने से सिख उत्साहित हैं। अमेरिका में रहने वालों सिखों ने इसी आधार पर भारत सरकार से अफगानिस्तान के हिंदुओं और सिखों को शरण देने की अपील की है।
भारत को बताया सुरक्षित
अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय के नेताओं ने कहा है कि अफगानिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक गंभीर स्थिति में हैं। वे भारत को इस क्षेत्र में एकमात्र सुरक्षित देश के रूप में देख रहे हैं। ग्लोबल सिख कम्युनिटी के अफगानिस्तान कमेटी के चेयरमैन परमजीत सिंह बेदी ने न्यूज एजेंसी से कहा, “अभी पूरी दुनिया कोरोनावायरस से लड़ रही है। भारत में भी लॉकडाउन है। हम भारत की चिंता समझते हैं। लेकिन, फिर भी मोदी सरकार से अपील करते हैं कि वो हमारी मांगों पर जल्द एक्शन ले। हमें अफगानिस्तान में रहने वाले सिखों की सुरक्षा का डर है। हम मोदी सरकार से काबुल के लिए एक विशेष उड़ान की भी मांग करते हैं। हम चाहते हैं कि भारत जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करे, क्योंकि पहले ही काफी देर हो चुकी है।”
गुरुद्वारे में प्रार्थना कर रहे लोगों पर हमला
परमजीत सिंह बेदी ने 25 मार्च को काबुल के हर राय साहिब गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले पर भी चिंता जताई। इस हमले में 25 सिखों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि मरने वालों में महिलाएं, बुजुर्ग और चार साल की बच्ची भी शामिल थी। सभी लोग कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा हुए थे। लेकिन, वो लोग आतंकवाद का शिकार हो गए।
अमेरिका में भारतीय राजदूत ने दिलाया भरोसा
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधु ने अफगानिस्तान के सिख समुदाय के साथ एकजुटता दिखाई है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया। कहा, ‘‘भारत हमेशा से अफगानिस्तान में सिख और हिंदू समुदाय के साथ एकजुटता दिखाता रहा है और कठिन परिस्थितियों में मदद भी की है।’’
India has always stood in solidarity with the Sikh and Hindu community in Afghanistan and extended help and refuge in difficult circumstances. https://t.co/VWDAOJItU7
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) April 18, 2020