प्रधानमंत्री मोदी को सरकार के अगुआ के रूप में संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभालते हुए आज 23 साल पूरे हो गए। उन्होंने आज गुजरात के सीएम और देश के पीएम रहते हुए ‘जनता के सेवक’ के रूप में 23 साल पूरे किए हैं। वे पहले करीब 13 साल गुजरात के सीएम रहे और अब 2014 से लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद को सुशोभित कर रहे हैं। बतौर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी के नाम कई उपलब्धियां है। लेकिन यहां कुछ उपलब्धियां के बारे में बताएंगे, जिन्होंने इतिहास ही रच डाला। इनमें से कुछ फैसले और उपलब्धियां तो सदियों के संघर्ष के बाद मोदी राज में ही हासिल हो पाईं। गुजरात ने उनके कार्यकाल में रिकॉर्ड ग्रोथ रेट हासिल की। इतना ही नहीं बेहतरीन कृषि नीति से फूड डेफसिट राज्य से गुजरात फूड सरप्लस स्टेट बना उस समय की ग्लोबल इंवेस्ट समिट की परिकल्पना पर तो तो आज भी कई राज्य राज्य चल रहे हैं। पीएम नरेन्द्र मोदी ने उपलब्धियों के इतने रिकॉर्ड बनाए हैं कि दुनियाभर में भारत का परचम लहरा रहा है। मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत न सिर्फ दुनिया की सबसे तेज बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है, बल्कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। उन्हें जनता-जनार्दन का इतना असीम स्नेह मिला है कि वे स्वतंत्र भारत में पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं, जो लगातार तीन कार्यकाल में पीएम बने हैं। आज इस खास मौके पर सीएम से लेकर पीएम तक, गुजरात मॉडल से लेकर नया भारत बनाने तक के उनके ऐतिहासिक कदमों पर नजर डालते हैं।
गुजरात मॉडल से लेकर न्यू भारत बनाने तक उठाए कई ऐतिहासिक कदम
देश और राज्य की 23 साल की सत्ता के इस कार्यकाल में वे सफलता के शिखर पर हैं और नित-नए रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। आज पूरी दुनियाभर में उनकी लोकप्रियता वैश्विक राजनेताओं में सबसे ज्यादा है। उनके नेतृत्व में ऐतिहासिक और अतुलनीय फैसले भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर गुंजायमान हो रहे हैं। विश्वपटल पर भारत की विजय-पताका पूरे वेग के साथ फहर रही है। वो चाहे चुनावी वादों को समयसीमा के अंदर प्रभावी तरीके से पूरा करने की बात हो या फिर कोविड-19 महामारी जैसी अप्रत्याशित आपदा से निपटने की। वो चाहे देश की इकोनॉमी की मजबूती की हो या देश के दुश्मनों को करारा जवाब देने की। पीएम मोदी के फैसलों ने देश और देशवासियों के प्रति उनकी निष्ठा की भावना और मजबूत कर दी। इससे दुनिया के सामने मजबूत, शक्तिशाली और दृढ़प्रतिज्ञ नए भारत की शानदार छवि बन रही है। इससे विकसित भारत के सपने के साथ ही राष्ट्र, समाज और सबके विकास और उम्मीदों को लगातार नई ऊर्जा मिल रही है। पीएम मोदी की विदेश यात्राओं से भारत के डिप्लोमेटिक रिश्ते कई देशों से मजबूत हुए हैं। स्पेस से लेकर डिफेंस तक के सेक्टर में भारत नित-नए रिकॉर्ड बना रहा है और एक्सपोर्ट कर रहा है। पीएम मोदी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म, सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी हाईवे टनल, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट, दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट, देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाला ब्रिज, सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग आज भारत के नाम दर्ज हो चुका है।
1- सर्जिकल और एयर स्ट्राइक: पहली बार भारत ने दुश्मन को घर में घुसकर मारा
पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले एक वो समय था, जब सीमापार से गोलियां और गोले बरसते थे, और भारत सिर्फ सफेद झंडे दिखाता था या श्वेत कपोत उड़ाता था। उनके पीएम बनने के बाद भारत विदेश नीति से लेकर आतंकवाद से निपटने का नजरिया एकदम बदल गया। आजादी के बाद पहले 28 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक और फिर 26 फरवरी 2019 को एयर-स्ट्राइक के वक्त भारत ने दुश्मन की सीमा में घुसकर उसे सबक सिखाया। आजादी के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघी थी। सर्जिकल स्ट्राइक और फिर एयरस्ट्राइक के वक्त पहली बार ऐसा हुआ जब युद्ध की स्थिति नहीं होते हुए भी आतंकी घटनाओं का जवाब देने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार जाकर आतंकियों को सबक सिखाया। इससे भारत की आंतकवाद के खिलाफ लड़ने को लेकर छवि मजबूत हुई। पूरी दुनिया ने महसूस किया गया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अब अपने दुश्मनों को कहीं भी जाकर खत्म कर सकता है।
2- भव्य-दिव्य राम मंदिर: सदियों के संघर्ष के बाद जन्मस्थली में विराजे राम लला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन और इस साल 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा कर भव्य-दिव्य मंदिर में राम लला को विराजमान कराया। उन्होंने राम भक्तों का सदियों का इंतजार खत्म कराया। पीएम ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है और करोड़ों देशवासी अपने जीते-जी इस पावन दिन को देख कर असीम भक्ति से भावविभोर हैं। राम मंदिर के निर्माण तक पहुंचने में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। दरअसल, 1528 में अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर मस्जिद का निर्माण हुआ, जहां भगवान राम का जन्मस्थान है। मुगल शासक बाबर की शह पर ही उसके सेनापति मीर बाकी ने राम मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। सदियों के संघर्ष के बाद बीजेपी नेताओं की अगुवाई में 6 दिसंबर 1992 अयोध्या पहुंचे हजारों कारसेवकों ने बाबरी ढांचा गिरा दिया। केंद्र की तत्कालीन नरसिंह राव सरकार ने कल्याण सिंह सहित अन्य राज्यों की भाजपा सरकारों को भी बरखास्त कर दिया। कोर्ट में लंबी चली पैरवी के बाद 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने संबंधित स्थल को श्रीराम जन्मभूमि माना और 2.77 एकड़ भूमि रामलला के स्वामित्व की मानी। 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की। इसके बाद भव्य मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन किया। इस साल 22 जनवरी को राम लला के भव्य-दिव्य मंदिर का पीएम मोदी ने ही विधिवत शुभारंभ किया।3- आर्टिकल-370 का खात्मा: मुख्यधारा में आए जम्मू-कश्मीर में एक नए युग का आगाज
पीएम मोदी सरकार के कार्यकाल में एक और ऐतिहासिक फैसला हुआ, जिसने कांग्रेस सरकार द्वारा की गई गलतियों का खात्मा किया। मोदी सरकार ने प्रशासनिक संकल्प से जम्मू-कश्मीर से संविधान की धारा 370 हटा दी। इससे राज्य को मिले विशेषाधिकार खत्म हो गए। जम्मू-कश्मीर दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट गया। दरअसल, 1948 में जम्मू-कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत में विलय से पहले विशेषाधिकार की शर्त रखी थी और तत्कालीन सरकार ने इसे मान भी लिया। इससे जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा होने के बाद भी अलग ही रहा। राज्य का अपना अलग संविधान बना। वहां भारत में लागू कुछ ही कानून लागू होते थे। बच्चों को शिक्षा का अधिकार (RTE) तक नहीं मिला था। कश्मीर में सिर्फ कश्मीरी ही जमीन खरीद सकते थे। भाजपा भी लंबे समय से धारा 370 खत्म करने की मांग कर रही थी। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद बड़ा बदलाव यह हुआ कि अब वहां केंद्र के सभी कानून लागू होते हैं। इससे जम्मू-कश्मीर औपचारिक तौर पर भारत का हिस्सा बना। भारत के सभी कानून जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लागू हुए। मनरेगा, शिक्षा के अधिकार को भी लागू किया गया। सबसे खास बात यह कि धारा 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा के चुनाव भी होने जा रहे हैं।
4- ऐतिहासिक नोटबंदी: काले धन और टैरर फंडिंग पर नकेल कसने के लिए बड़ा कदम
मोदी सरकार ने कालाधन, आतंकवाद, जाली नोट और टैरर फंडिंग के खिलाफ बड़े हथियार के रूप में नोटबंदी लागू की। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद टीवी पर आकर बताया कि आज रात से 500 और 1000 रुपए के नोट बेकार हो जाएंगे। जनता को इन नोटों को बैंकों में जमा करने की पूरी छूट मिली। सरकार ने पूरा जोर डिजिटल करेंसी बढ़ाने और डिजिटल इकोनॉमी बनाने पर दिया। नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले से डिजिटल ट्रांजेक्शन में इजाफा हुआ। 2016-17 में 1013 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ था। 2017-18 में ये बढ़कर 2,070.39 करोड़ और 2018-19 में 3133.58 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ। अब 2021-22 में 7422 करोड़ रुपये का डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ है, जो पिछले साल से 33 प्रतिशत अधिक है। इससे आतंकवाद, नक्सलवाद और जाली नोट के खिलाफ भी बड़ी सफलता मिली है।5- चंद्रयान-3 की सफलता: भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना
चंद्रयान-314 जुलाई 2023 को 41 दिन की चंद्रमा की यात्रा पर रवाना हुआ था और 23 अगस्त 2023 को इसने सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारत से पहले चांद पर पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ही सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया है, और अब भारत के नाम इस उपलब्धि को हासिल करने का रिकॉर्ड हो गया है। 4 साल में भारत के दूसरे प्रयास में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ ने 26 किलोग्राम के रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ योजना के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इस तरह इस टेक्नोलॉजी में भारत ने महारत हासिल कर ली और इसको लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है।
6- ‘एक देश एक टैक्स’ लागू: जीएसटी कलेक्शन लगातार बना रहा है नए रिकार्ड
मोदी सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने से पहले हर राज्य अपने अलग-अलग टैक्स वसूलता था। आधा टैक्स केंद्र सरकार को जाता है और आधा राज्यों को। वसूली केंद्र सरकार करती है। बाद में राज्यों को पैसा लौटाती है। वर्ष 2000 में वाजपेयी सरकार ने पूरे देश में एक टैक्स लागू करने के बारे में सोचा। विधेयक बनाने के लिए कमेटी भी बनाई। पर राज्यों को डर था कि उन्हें जितना रेवेन्यू मिल रहा है, उतना नहीं मिलेगा। इस वजह से मामला अटका रहा। मार्च 2011 में मनमोहन सिंह की सरकार ने इसको लागू करने की कोशिश की, लेकिन वह तो फेल ही हो गई। 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार नई सोच के साथ कुछ जरूरी बदलावों के बाद संविधान संशोधन विधेयक लेकर आई। अगस्त 2016 में यह विधेयक संसद ने पास किया। 12 अप्रैल 2017 को जीएसटी से जुड़े चार विधेयकों को संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति मिली। यह 4 कानून हैं- सेंट्रल GST बिल, इंटिग्रेटेड GST बिल, GST (राज्यों को कम्पेंसेशन) बिल और यूनियन टेरेटरी GST बिल। तब जाकर 1 जुलाई 2017 की आधी रात से नई व्यवस्था पूरे देश में लागू हुई। मोदी सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने से टैक्स की विसंगति दूर हुई। अब पूरे देश में हर सामान पर एक-सा टैक्स लगता है। जीएसटी कलेक्शन में लगातार वृद्धि हो रही है।
7- वैश्विक महामारी कोरोना पर कंट्रोल : भारत ने 98 देशों में भी वैक्सीन बनाकर भेजी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति, विजन और अनथक प्रयासों के चलते भारत ने इस दिन 200 करोड़ वैक्सीनेशन के जादुई आंकड़े को रिकार्ड समय में पार कर लिया। इसके साथ ही सरकार ने करोड़ों देशवासियों को वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सुरक्षा कवच मुहैया कराया। कोरोना के शुरुआत में जब हमारे पास वैक्सीन ही नहीं थी, तब यह लक्ष्य बेहद दुरूह नजर आता था। लेकिन महामारी के बीच में ही पीएम मोदी की देशभक्ति, दूरदृष्टि और अटल इरादों ने 135 करोड़ भारतीयों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई का विश्वास भर दिया। भारत ने न सिर्फ अपने देशवासियों को बचाया, बल्कि विश्व के 98 देशों में 200 मिलियन डोज की आपूर्ति भी की। इसके लिए भारत को विश्वभर से बधाइयां मिलीं। तेजी से चले वैक्सीनेशन अभियान का फायदा यह रहा कि तीसरी लहर ने भारत में कहर नहीं बरपाया, जबकि दूसके कई देश इसकी चपेट में आए।
8- आयुष्मान भारत: अब 70 साल से ज्यादा के बुजुर्ग भी शामिल
आयुष्मान भारत योजना के तहत 30 जून 2024 तक 34.7 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड दिए जा चुके हैं। सात करोड़ से अधिक लोग उपचार की सुविधा ले चुके हैं। इस योजना से करीब 27300 निजी एवं सरकारी अस्पताल जुड़े हुए हैं। मोदी सरकार के तीसरे टर्म में यह योजना 70 वर्ष से अधिक के सभी वरिष्ठजनों के लिए भी लागू कर दी है। इस योजना के तहत 141 ऐसे मेडिकल प्रोसीजर्स शामिल किए गए हैं, जो सिर्फ महिलाओं के लिए हैं। अक्टूबर 2019 से सितंबर 2021 तक इस योजना का लाभ पाने वालों में 46.7 प्रतिशत महिलाएं हैं। पीएम जय-आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 23 सितंबर 2018 से हुई। इसके तहत 10 करोड़ 74 लाख परिवारों के 50 करोड़ के अधिक लोगों को पांच लाख रुपये-सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। मुफ्त इलाज में गंभीर बीमारियां भी शामिल हैं।
9: तीन तलाक का खात्मा: मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए कालजयी कानून
पीएम मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हक में ऐतिहासिक फैसला लिया। सरकार ने कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं से तीन बार तलाक कहकर संबंध खत्म करने की प्रथा को गैरकानूनी बना दिया। ऐसा करने वालों के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान किया गया। मुस्लिम महिलाओं के लिए गुजारा भत्ते/मुआवजे की व्यवस्था भी की। मोदी सरकार ने फरवरी 2018 में अध्यादेश जारी किया। यह बिल की शक्ल में संसद में पेश हुआ और तमाम विरोधों के बाद दोनों सदनों से दिसंबर 2018 में यह पारित हो गया। राष्ट्रपति के साइन होने के बाद मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक कानून बना और इसे 19 सितंबर 2018 से लागू माना गया। इस कानून के लागू होने के बाद तीन तलाक के केस घटकर बमुश्किल 5% ही रह गए हैं। इसके अलावा मोदी सरकार ने हज के लिए दी जाने वाली वाली सब्सिडी भी इसी साल से खत्म कर दी। यानी 2018 के बाद से हज पर जाने वालों को पूरा खर्च खुद ही वहन शुरू हो गया। कई मुस्लिम संगठन हज सब्सिडी को खत्म कराना चाहते थे।12- गुलामी की निशानियां मिटीं: राजपथ बना कर्तव्य पथ, IPC की जगह न्याय संहिता
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘पंच प्राणों का विजन रखा है। इन पंच प्राणों में विकास के बड़े लक्ष्यों का संकल्प है, कर्तव्यों की प्रेरणा है। इसमें गुलामी की मानसिकता के त्याग का आवाहन है, अपनी विरासत पर गर्व का बोध है। गुलामी के प्रतीक राजपथ का अस्तित्व समाप्त करके कर्तव्य पथ की पीएम मोदी ने शुरुआत की। इसके साथ ही जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता के परित्याग का पहला उदाहरण नहीं है। ये मन और मानस की आजादी का लक्ष्य हासिल करने तक, निरंतर चलने वाली संकल्प यात्रा है। इसी दिशा में गुलामी की निशानियों को मिटाकर अंडमान के द्वीपों को नेताजी बोस से जोड़कर भारतीय नाम दिए गए। इसी दिशा में बड़ा बदलाव करते हुए मोदी सरकार ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) लागू की है।
13-‘एक देश एक चुनाव’: विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मिलेगी मजबूती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वन नेशनल वन इलेक्शन का विजन देश के सामने रखा था। उन्होंने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दी गई स्पीच में भी वन नेशन-वन इलेक्शन की वकालत की थी। अब पीएम मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। पीएम मोदी खुद कई बार एक देश-एक चुनाव की वकालत की है। संविधान दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने दोहराया था कि आज एक देश-एक चुनाव बहस का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि ये विकसित भारत की बड़ी जरूरत है। पीएम मोदी का इतिहास रहा है कि वह असंभव दिखने वालों कार्यों को संभव बनाने में लगे रहते हैं। इसी दिशा में पीएम मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बुधवार (18 सितंबर) भारत में एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे न सिर्फ विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूती मिलेगी, बल्कि बार-बार चुनावों में लगने वाले देश के लाखों करोड़ रूपयों की भी बचत होगी। संभवत: संसद के शीतकालीन सत्र में इसके लिए कानून बनाया जाएगा।
14- विकास के बड़े कदम: दुनिया की नजर में भारत मंडपम और यशोभूमि
दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत का ITPO कॉम्प्लेक्स भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल हो गया है। यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। यह कॉम्प्लेक्स ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक सिडनी ओपेरा हाउस से अधिक बड़ा है। भारत मंडपम में लगाई गई नटराज की यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई 27 फीट और चौड़ाई 21 फीट है। वहीं इस मूर्ति का वजन लगभग 18 टन है। इस मूर्ति को लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से अष्टधातु से बनाया गया है। शिव नटराज की यह मूर्ति अनंत शक्ति का प्रतीक है। ईश्वर का यह स्वरूप धर्म, दर्शन, कला, शिल्प और विज्ञान का समन्वय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया। यह दुनिया के सबसे बड़े कन्वेशन सेंटर में से एक है। इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ रुपये है और यह 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर बना है।
15- सनातन संस्कृति का परचम: काशी से केदारनाथ, सोमनाथ से महाकाल लोक तक भव्यता
भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने की फिलॉसफी से चलती है। राम मंदिर ही नहीं, मोदी सरकार ने काशी से लेकर केदारनाथ तक, सोमनाथ से लेकर महाकाल लोक तक मंदिरों को भव्यता और दिव्यता प्रदान की है। अयोध्या तो दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक हब बनने की ओर है। पीएम मोदी के विजन पर ही जनता के लिए तीर्थाटन योजना भी सबसे पहले भाजपा की ही राज्य सरकारों ने शुरू की। बीजेपी ने गाय और गोवंश का मुद्दा भी प्राथमिकता से लिया। केंद्र से लेकर अलग-अलग राज्यों में बीजेपी की सरकार बनने पर गोहत्या रोकने की कोशिश की गई है। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने गोहत्या पर पूरी तरह से रोक लगा दी। 26 मई 2017 को मोदी सरकार ने पशु बाजारों में हत्या के लिए मवेशियों की बिक्री और खरीद पर रोक लगा दी थी।
16- दुनियाभर में परचम: चिनाब रेल आर्क पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल, मुंबई में अटल सेतु
चिनाब रेल पुल आर्क पुल की कैटेगरी में यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज 3 किलोमीटर लंबा और 1,178 मीटर ऊंचा है। जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों को जोड़ते इस पुल का एक हिस्सा रेयासी (Reasi) और दूसरा हिस्सा बक्कल, उधमपुर में है। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। चेनाब रेल पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाले हवा का भी मुकाबला कर सकता है। इस पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। दूसरी ओर देश का सबसे लंबा समुद्र से गुजरने वाले अटस ब्रिज की कुल लंबाई 21.8 किमी है। यह ब्रिज मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक यानि अटल सेतु राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। इस ब्रिज का 16.5 किमी का हिस्सा समुद्र में से होकर गुजरता है और 5.5 किमी का हिस्सा जमीन पर से गुजरता है। यह ब्रिज 6 लेन का है, जिसमें से 3 लेन आने और 3 लेन जाने के लिए होगी। इस ब्रिज पर 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से रोजाना 70 हजार से ज्यादा वाहन गुजर सकेंगे। इस ब्रिज की कुल लागत 17,843 करोड़ रुपये है। पीएम मोदी ने मार्च 2018 में इसकी आधारशिला रखी थी।
17- इकोनॉमी को मजबूती: स्पेस से स्टार्टअप और फार्मा से लेकर मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
पीएम मोदी के कार्यकाल में भारत इकोनॉमी के क्षेत्र में नित नई उड़ान भर रहा है। उन्हीं के कार्यकाल में भारत विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्था बना है और अब तीसरे कार्यकाल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर भारत तेजी से बढ़ रहा है। इस दिशा में स्पेस से लेकर स्टार्टअप तक और फार्मा, मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर नित नई मजबूती दे रहे हैं। साल 2022 में भारत की 23 कंपनियों को यूनिकॅार्न का दर्जा मिला है, जो चीन की तुलना में कहीं अधिक है। Startup के मामले में भारत ने चीन को पछाड़ दिया है। तब चीन में एक अरब डॉलर के मूल्यांकन वाले ऐसे स्टार्टअप की संख्या महज 11 रही। यह लगातार दूसरी बार है जब इस मामले में भारत ने चीन को पीछे छोड़ा है। अब भारत में उच्च मूल्य वाले स्टार्ट की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। फार्मा सेक्टर ने दमदार निर्यात से भारत को दुनिया का सबसे सस्ता दवाखाना बना दिया है। पीएम मोदी ने 2014 में देश सत्ता संभालने के बाद हर सेक्टर के विकास पर जोर दिया है और यही वजह है कि फार्मा सेक्टर ने पिछले एक दशक में निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। अधिक मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में तो भारत दुनिया का दूसरा देश बन गया है।
18- मोदी विजन…नारीशक्ति की राज्य और राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी भूमिका
एक शासक और व्यक्तित्व के तौर पर नरेन्द्र मोदी का हमेशा से विजन रहा है कि नारीशक्ति राज्य और राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा सकती है। सीएम से लेकर पीएम बनने तक उन्होंने न सिर्फ महिलाओं के उत्थान पर जोर दिया, बल्कि उनके लिए कई बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, इज्जतघर निर्माण समेत कई बेहद सफल योजनाएं भी लेकर आए। साल 2004-2005 में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर मोदी सरकार ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कन्या केलवणी योजना सहित शाला प्रवेशोत्सव अभियान चलाया, जिसमें अधिकारियों और मंत्रियों को गांवों तक भेजकर ज़मीन पर उतारने का सफल प्रयास किया। मोदी सरकार ने बेटी बचाओ अभियान के लिए लिंग अनुपात पर विशेष जोर दिया। विकास के तमाम आयाम को छूने और उसे सफल बनाकर राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने में कामयाब मोदी गुजरात को विकास का पर्याय बनाने में पूरी तरह कामयाब रहे। इसलिए पिछले दो दशकों से गुजरात देश के लिए नजीर बना और वहां की कई योजनाएं अब केंद्र में भी बड़े आकार और विजन के साथ चल रही हैं।
19- वाइब्रेंट गुजरात : ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मेलन कराकर मोदी ने दुनिया का ध्यान खींचा
नरेन्द्र मोदी ने साल 2003 में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मेलन करा पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। वाइब्रेंट गुजरात के जरिए नरेन्द्र मोदी ‘ब्रांड गुजरात’ बनाने में सफल साबित हुए। साल 2003 में 76 एमओयू के जरिए 66 हजार से बढ़कर साल 2011 में 8,380 एमओयू में परिवर्तित हुआ। ज़ाहिर है साल 2011 में इन्वेस्टर्स के बीच भरोसा बढ़ाने में कामयाब रहे मोदी 21 लाख करोड़ के विनिवेश के लिए उद्योगपतियों को राजी कर चुके थे। इन्वेस्टर्स गुजरात में बिजेनस फ्रेंडली एनवायर्नमेंट की वजह से आकर्षित हो रहे थे, जहां बेहतरीन इंफ्रस्ट्रक्चर की वजह से विनिनेश बढ़ाने में सहूलियत हो रही थी।
20- सूरत में डायमंड एक्सचेंज, कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा रीन्यूएबल एनर्जी प्लांट
सूरत में चार साल में तैयार हुए सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज के ऑफिस ने अमेरिका के पेंटागन की बिल्डिंग को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के पेंटागन को अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग माना जाता था। यानि कि इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी एक साथ काम करते थे, लेकिन अब सूरत के डायमंड एक्सचेंज को ये तमगा मिला है। पेंटागन को पीछे छोड़कर डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग बन गई है। इसके अलावा गुजरात के कच्छ जिले के रण में भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे खावड़ा गांव में दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी पार्क बनाया जा रहा है। जिससे 30 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। खास बात यह है कि 726 वर्ग किमी क्षेत्र में बना ये एनर्जी पार्क अंतरिक्ष से भी नजर आएगा। इस पार्क से लगभग 20 मिलियन यानी 2 करोड़ घरों को स्वच्छ बिजली मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में इस पार्क की नींव रखी थी। रण में बन रहा यह हाइब्रिड रिन्युएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) पार्क प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इससे जहां कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी तो वहीं भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी हो जाएगा।
21- ‘मोदीनॉमिक्स’ : बेहतर आर्थिक नीतियों के साथ ही गुजरात बना फूड सरप्लस स्टेट
साल 2005-06 में गुजरात में रिकॉर्ड ग्रोथ रेट दर्ज हुई थी जो 15 प्रतिशत के करीब थी। इस दौरान तीन बेहतरीन ग्रोथ रेट वाले राज्यों पर ध्यान दें तो महाराष्ट्र का ग्रोथ रेट 10.75 प्रतिशत, तमिलानडु का 10.27 प्रतिशत और बिहार का 11.42 प्रतिशत था। कहा जाता है कि बिहार का ग्रोथ बेहद निचले स्तर पर था, इसलिए 11.42 प्रतिशत का ग्रोथ स्वाभाविक था। जबकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्य लंबे समय से विकसित राज्यों में गिने जाते रहे हैं। लेकिन मोदी अपनी नीतियों से गुजरात की ग्रोथ 15 प्रतिशत तक ले गए। मोदी राज में अपनाए गए बेहतरीन आर्थिक नीति को दुनिया ‘मोदीनॉमिक्स’ के नाम से पुकारने लगी। इकोनॉमी के साथ ही उनका जोर कृषि को भी बढ़ावा देने पर था। कृषि को उन्नत बनाने में बीटी कॉटन (जेनेटिकली मॉडिफाइड) को अपनाने पर जोर सहित, लघु सिंचाई,चेक डैम्स और 10 हजार छोटे कृषि मशीन कृषि की पैदावार बढ़ाने में बेहद कारगर साबित हुए। बेहतरीन कृषि नीति की वजह से साल 2000 से 2010 तक गुजरात फूड डेफसिट से फूड सरप्लस राज्य बन पाने में कामयाब हुआ। अब अन्नदाताओं की आय बढ़ाने और उनके कल्याण के लिए पीएम-किसान सम्मान निधि योजना, प्राकृतिक खेती और सॉयल कार्ड आदि जैसी कई योजनाएं केंद्र सरकार चला रही है।
22- मोदी राज में पावर जनरेशन में शानदार बढ़त, गांव से शहर तक बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर
बिजली की खपत और पैदावार किसी राज्य की समृद्धि का सूचकांक होती है। मोदी के विजन के चलते दस सालों में पावर जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन में गुजरात में शानदार बढ़त देखी गई। राज्य में साल 2003-04 में 9 हजार मेगावाट से बढ़कर 2013 में 23 हजार 887 मेगावाट तक पहुंच जाना बिजली की पैदावार और खपत विकास की कहानी बखूबी बयां करती है। इस दौरान मोदी सरकार ने ट्रांसमिशन लॉस पर ध्यान देकर उसको 35 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया और गुजरात को पावर सरप्लस राज्य बनाने में कामयाबी हासिल की। गुजरात में सीएम मोदी का ध्यान आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर भी था। इसलिए शहर से लेकर गांव तक की सड़कों को मजबूत करना मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में था। सड़कों के तीन हजार रूरल प्रोजेक्ट्स इस कड़ी में पूरे किए गए जो सरकार की प्राथमिकताओं का बेहतरीन उदाहरण बने। गुजरात पावर सरप्लस स्टेट बन चुका था और बेहतरीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से एक पोर्ट से दूसरे पोर्ट पर जाना एक दिन के भीतर आसानी से संभव था। इतना ही नहीं लोकल बॉडी के मजबूत फाइनेंशियल स्टेटस की वजह से शहरी आधारभूत संरचना बेहतर होती गई और गुजरात लगातार विकास के रास्ते पर आगे बढ़ता रहा।
23- दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ और सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में तैयार 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ है। इसका 31 अक्टूबर 2018 को पीएम मोदी ने अनावरण किया। खास बात ये है कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए देशभर की 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया था, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र आदि शामिल हैं। पीएम मोदी ने इन्हीं 30 नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। मूर्ति के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 18,500 टन मजबूत लोहा, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसे का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम भी गुजरात में है। अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित नरेन्द्र मोदी स्टेडियम का उद्घाटन 2020 में हुआ। इसमें 1,32,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जो दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में सबसे अधिक है। इसको 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है जो कि 63 एकड़ पर फैला एक विशाल मैदान है।