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दबाव कितना भी हो, हम झेलने की ताकत बढ़ाते जाएंगे: गुजरात से प्रधानमंत्री मोदी का साफ संदेश

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दबाव कितना भी हो, हम झेलने की ताकत बढ़ाते जाएंगे- ये संकल्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अगस्त को अहमदाबाद में करोड़ों देशवासियों के सामने दोहराया। गुजरात में हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के अवसर पर आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत, स्वदेशी उत्पादों के उपयोग, औद्योगिक प्रगति, और सामाजिक सुधारों पर खुलकर बात की।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार गरीबों, किसानों, लघु व्यापारियों और पशुपालकों के हितों को सर्वोपरि रखती है। उन्होंने दो टूक कहा कि मोदी के लिए आपके हित सर्वोपरि हैं। दबाव कितना भी आए, हम झेलने की ताकत बढ़ाते जाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘आप सभी आज दुनिया में आर्थिक स्वार्थ वाली राजनीति, सब कोई अपना करने में लगा है, उसे हम भली भांति देख रहे हैं और मैं गांधी की धरती पर से बोल रहा हूं। मोदी के लिए आपके हित सर्वोपरि हैं। मेरी सरकार, लघु उद्यमियों का, किसानों का, पशुपालकों का कभी भी अहित नहीं होने देगी। दबाव कितना ही क्यों न आए, हम झेलने की अपनी ताकत बढ़ाते जाएंगे।’

जनसभा में उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत न सिर्फ चुनौतियों से लड़ रहा है, बल्कि उन्हें मात भी दे रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे सुदर्शन चक्रधारी द्वारकाधीश श्रीकृष्ण हों या चरखा धारी महात्मा गांधी दोनों के रास्ते पर चलते हुए भारत तेजी से प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर अहमदाबाद और गुजरात के लिए ढेरों नई योजनाओं की सौगात दी। इनमें ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्री, रेलवे, कनेक्टिविटी, हरित ऊर्जा, डेयरी, और आवास योजनाएं शामिल रहीं। उन्होंने बताया कि कैसे गुजरात न सिर्फ देश बल्कि दुनिया के लिए मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन का हब बन रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज गुजरात में बनने वाले मेट्रो कोच दूसरे देशों को एक्सपोर्ट हो रहे हैं, वडोदरा में ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बन रहा है, और सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी गुजरात का नाम चमकने वाला है।

 

उन्होंने पीएम स्वनिधि, पीएम सूर्य घर योजना, और झुग्गीवासियों को पक्के घर देने की योजनाओं की उपलब्धियों को जिक्र किया और कहा कि इन योजनाओं के जरिए देश का गरीब वर्ग आज गरिमा से जी रहा है।

प्रधानमंत्री ने आगामी त्योहारों नवरात्रि, दीपावली, विजयदशमी का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि वे इन त्योहारों को ‘स्वदेशी के त्योहार’ के रूप में मनाएं। उन्होंने कहा कि दुकानदार भाइयों से आग्रह है, गर्व से बोर्ड लगाइए कि मेरे यहां सिर्फ स्वदेशी बिकता है। उपहार भी वही जो भारत में बना हो।

पीएम मोदी ने कहा कि कभी जिसे ‘गर्दाबाद’ कहा जाता था, आज वही अहमदाबाद, स्वच्छता और शांति का प्रतीक बन चुका है। कांकरिया झील, साबरमती रिवरफ्रंट और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा इसकी मिसाल हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, रन उत्सव, गिफ्ट सिटी जैसे प्रोजेक्ट्स को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जब इनकी कल्पना की गई थी, तब लोगों ने मजाक उड़ाया था, लेकिन आज वही प्रोजेक्ट्स दुनिया की प्रेरणा बन चुके हैं।

अपने पूरे भाषण में पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद पर खड़े ‘विकसित भारत’ के सपने को बार-बार दोहराया। उन्होंने कहा कि 2047 में जब भारत आजादी के 100 साल मनाएगा, तब यह देश विकसित बन चुका होगा। भारत अब सिर्फ सपने नहीं देखता, उन्हें साकार करने का सामर्थ्य भी रखता है।

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