केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर राज्य सभा में 30 जुलाई को हुई विशेष चर्चा में भाग लिया। चर्चा में भाग लेते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। विपक्षी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 26/11 के बाद ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसी शर्मनाक थ्योरी किसने फैलाई? मैं पूरी दुनिया को साफ शब्दों में कहना चाहता हूं, हिंदू का संस्कार हिंसा नहीं, सेवा है। मैं गर्व से कह सकता हूं कि कोई भी हिंदू आतंकवादी नहीं हो सकता।
हिंदू कभी आतंकी नहीं हो सकता है, ये बात मैं गर्व से कहता हूं- अमित शाह
कांग्रेस और भाजपा में यही फर्क है
कांग्रेस ने हिंदुओं और भगवा को आतंकी बताया था
भाजपा संसद में सीना ठोंक के कहती है कि हिंदू आतंकी नहीं हो सकते pic.twitter.com/blRXxPo313
— Abhay Pratap Singh (बहुत सरल हूं) (@IAbhay_Pratap) July 30, 2025
अमित शाह ने कहा कि विपक्षी सरकार के तत्कालीन गृह मंत्री “आतंकी पाकिस्तान से आये थे” इसका सबूत मांग कर पाकिस्तान और लश्कर को बचाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी अपने वोट बैंक के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने और लश्कर को बचाने से भी नहीं डरेगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी कहती है कि ऑपरेशन का नाम धर्म के आधार पर रखने के अलावा हमें कुछ नहीं आता है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को नहीं मालूम कि हर हर महादेव सिर्फ धर्म का नारा नहीं है बल्कि शिवाजी महाराज ने मुगलों के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी तब ये उनकी सेना का युद्धघोष था। श्री शाह ने कहा कि ये प्रतीक है भारत, भारत की संप्रभुता पर हमले और भारत की सीमाओं के अतिक्रमण पर दिये जाने वाली जवाबी कार्रवाई का। उन्होंने कहा कि ये हमारी सेनाओं के जवानों के मन से निकलने वाला युद्धघोष है औऱ इसे हिंदू – मुस्लिम की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन आतंकियों को मारना इतना सरल नहीं था। उन्होंने कहा कि 22 दिनों तक सीआरपीएफ, सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने ड्रोन द्वारा भेजे गये भोजन पर रहकर बेहद कठिन परिस्थितियों में इन आतंकियों का पीछाकर इन्हें मारा है। उन्होंने कहा कि पूरे देश की जनता विपक्षी पार्टी को देख रही है कि इनकी प्रायोरिटी देश की सुरक्षा नहीं है, राजनीति है, इनकी प्रायोरिटी आतंकवाद को समाप्त करना नहीं बल्कि अपना वोटबैंक है, इनकी प्रायोरिटी हमारी सीमाओं की सुरक्षा नहीं बल्कि सेक्युलरिज़्म और अपीज़मेंट की पॉलिटिक्स है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला 22 अप्रैल, 2025 को दोपहर 1 बजे हुआ और वे स्वयं शाम होने से पहले ही श्रीनगर पहुंच गए थे। उन्होंने कहा कि अगले दिन वे मृत लोगों को श्रद्धांजलि देने गए और वो उनके जीवन का एक ऐसा दिन है जो वे कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर चुन-चुनकर परिजनों के सामने लोगों को मारने का जघन्य अपराध आज तक कभी नहीं हुआ था। गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवादी ये संदेश देना चाहते थे कि वे कश्मीर को आतंकवाद से कभी मुक्त नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि आज इस सदन से आतंकियों को ये संदेश देना चाहता हूं कि कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होकर रहेगा और ये नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने बिहार में कहा था कि आतंकवादियों की बची खुची ज़मीन मिट्टी में मिला देंगे और आज आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप, हेडक्वार्टर और लॉंच पैड्स ज़मींदोज़ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि आतंकवादियों के आकाओं को नहीं छोड़ेंगे और आज आतंकियों को भेजने वालों को भी हमारी सेनाओं ने मिट्टी में मिला दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि आतंकवादियों को भी नहीं छोड़ेंगे और ऑपरेशन महादेव के तहत उन तीनों आतंकवादियों को खत्म कर दिया गया। श्री शाह ने कहा कि एक प्रकार से मोदी जी द्वारा कहे गए हर वाक्य को हमारी सेना, वायुसेना, नौसेना और सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और जम्मू कश्मीर पुलिस ने अपना लक्ष्य बना लिया और आतंकवादियों को कठोर दंड दिया।
पीएम मोदी ने 24 अप्रैल को बिहार में कहा था कि 22 अप्रैल को पहलगाम का ये हमला केवल निहत्थे पर्यटकों पर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हुआ एक दुस्साहस-पूर्ण प्रहार है। आतंकवादियों और इस हमले की साजिश रचने वालों की कल्पना से भी बढ़कर उनको बड़ी सजा दी जाएगी।
आतंकियों के बीच बची-खुची… pic.twitter.com/T6VutEXX1U
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उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव में देश के सुरक्षा बलों ने भारत का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की 140 करोड़ जनता की इच्छा के अनुरूप पाकिस्तान को सटीक जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाई, इसके लिए उनका भी अभिनंदन है।
श्री शाह ने कहा कि ऑपरेशन महादेव के तहत दिनांक 28 जुलाई को कश्मीर में लश्कर के तीन आतंकवादियों – सुलेमान, अफगान और जिब्रान – को हमारे सुरक्षाबलों ने मौत के घाट उतार दिया और इससे ष्ट हो गया है कि पहलगाम के हमले में लश्कर का ही हाथ था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से आतंकियों के आकाओं को मारा और ‘ऑपरेशन महादेव’ में पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को मिट्टी में मिलाया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव के द्वारा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत के सुरक्षा बलों ने दुनिया के सभी आतंकी हमलों में अब तक का सबसे सटीक और त्वरित जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि लश्कर के एक आउटफिट TRF ने पहलगाम हमले की ज़िम्मेदारी ली थी और वे स्वयं उसी दिन वहां पहुंच गए थे और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा हुई और इसकी व्यवस्था की गई कि ये लोग देश छोड़कर भागने न पाएं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने सदन को बताया कि ऑपरेशन महादेव में मारे गए 3 आतंकियों के पास से तीन राइफल मिलीं- एक 19 एम-4 कार्बाइन और दो एके 47। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद वहां से एनआईए ने खाली कारतूसों को बरामद किया था और इनकी जांच फ़ॉरेंसिक साइंस लैब में की गई। जब ये आतंकी मारे गए तो इनके पास से मिली राइफल की टेस्टिंग की गई और फॉरेंसिक मिलान करने पर शत प्रतिशत सिद्ध हो गया कि इन्हीं तीन राइफल्स का उपयोग पहलगाम हमले में किया गया। इसके बाद ये मालूम हुआ कि इनमें से 44 कारतूस 19 एम-4 कार्बइन के और 25 कारतूस एके 47 राइफल्स के थे। श्री शाह ने कहा कि एनआईए ने गहन जांच की और 1055 लोगों के बयान लिए और संदिग्धों के स्केच बनाए और जिन 3 लोगों ने इन्हें आसरा दिया था उन्हें भी गिरफ्तार किया गया।
श्री अमित शाह ने कहा कि हमारी ऐजेंसियों ने आतंकियों के मौजूद होने की सूचना को पुख्ता करने के लिए 22 मई से 22 जुलाई तक लगातार प्रयास किए। उन्होंने कहा कि 22 जुलाई को हमें सफलता मिली और आतंकवादियों की उपस्थिति की पुष्टि हो गई। उन्होंने कहा कि सेना के 4 पैरा के नेतृत्व में CRPF और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने एक साथ आतंकियों को घेरा और दिनांक 28 जुलाई को हुए ऑपरेशन में हमारे निर्दोष नागरिकों को मारने वाले तीनों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया।
उन्होंने कहा कि 23 अप्रैल को Cabinet Committee on Security (CCS) की बैठक बुलाई गई और इसमें न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को कठोर संदेश देने का काम किया गया कि भारत की सीमा, सेना नागरिक और संप्रभुता के साथ खिलवाड़ करने के परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि CCS की बैठक में 1960 की जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई एकतरफा पाकिस्तान के फायदे वाली सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। उन्होनें कहा कि सिंधु जल संधि एकतरफा है और इस पानी पर भारत के किसानों का अधिकार है और अब कुछ ही समय में कश्मीर, पंजाब, हरियाणा राजस्थान और दिल्ली के लिए पीने का पानी सिंधु के रास्ते पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद अटारी के माध्यम से चल रही एकीकृत जांच चौकी को बंद किया गया, पाकिस्तानी नागरिकों के सार्क वीज़ा को सस्पेंड कर सभी को पाकिस्तान वापिस भेजने का काम किया गया। नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा, सैन्य, नौसेना के सलाहकारों को अवांछनीय व्यक्ति घोषित किया गया और उनकी संख्या को 55 से घटाकर 30 किया। उन्होंने कहा कि CCS बैठक में यह संकल्प लिया गया कि आतंकवादियों को भेजने वालों और कृत्य करने वालों को दंडित किया जाएगा और इसके लिए सेना को खुली छूट देने का काम CCS बैठक में किया गया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने 30 अप्रैल को सशस्त्र सेनाओं को ऑपरेशनल फ्रीडम देने का काम किया कि रक्षा मंत्रालय और सेना दोनों मिलकर तय करेंगे कि टारगेट, तरीका, स्थान और समय क्या होगा। उन्होंने कहा कि 7 मई को रात 1 बजकर 4 मिनट पर पाकिस्तान के 9 आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर दिया जिसमें कम से कम 100 आतंकी मारे गए औऱ लश्कर, जैश और हिज़्बुल के हेडक्वार्टर को ध्वस्त करने का काम मोदी सरकार और हमारी सेनाओं ने किया। उन्होंने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर विपक्षी पार्टी ने दिया था लेकिन इसे वापिस लेने का काम हमारी सरकार ही करेगी। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया जिसे पाकिस्तान ने अपने ऊपर हमला मान लिया और 8 मई को पाकिस्तान ने हमारे रिहायशी इलाकों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस ध्वस्त किए और आतंकवाद को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद पाकिस्तान ने घुटनों पर आकर हमले रोकने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के दिल पर भारत का पहला प्रहार है।
9 मई को भारतीय सेना ने इनके (पाकिस्तान) 11 एयरबेस और रक्षा प्रतिष्ठानों को ध्वस्त कर दिया। इस हमले के बाद पाकिस्तान लड़ने की स्थिति में ही नहीं था।
ये लोग (विपक्ष) पूछ रहे हैं कि किसके कहने पर समाधान हुआ। तो सुन लो… किसी के कहने पर समाधान नहीं हुआ, बल्कि पाकिस्तान ने घुटनों के… pic.twitter.com/9vXesQRMAw
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श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियों से कश्मीर में आतंकवाद 70% कम, शांति की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि पहले आतंकी बाहर से नहीं आते थे, कश्मीरी युवा ही बंदूकें उठाते थे, अब आतंकी संगठनों में एक भी कश्मीरी युवा शामिल नहीं होता। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटाने से कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद पर लगाम लगी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के डिफेन्स इंस्टॉलेशन तबाह हो गए और ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना का पराक्रम दिखा।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत: सैन्य साजो-सामान का निर्यात बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की तुष्टिकरण नीतियों ने आतंकवाद बढ़ाया था और अब पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकियों के इकोसिस्टम को ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में पत्थरबाजी और हड़तालें शून्य हो गई हैं और शांति की नई शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आतंकियों के जनाज़े पर रोक लगा दी है और कठोर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अब ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों से लैस हो जबकि पहले नमक-चीनी तक की की कमी थी। उन्होंने कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र की जीत के रूप में 98.03% मतदान के साथ पंचायत चुनाव सफल हुए हैं। श्री शाह ने कहा कि आतंकवादियों के वित्तपोषण पर लगाम लगी है और 347 संपत्तियाँ ज़ब्त की गई हैं।
मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं समाप्ति की कगार पर हैं।
जम्मू-कश्मीर में 2010 से 2015 के बीच 2,564 ऑर्गनाइज्ड पथराव की घटनाएं हुई थीं। 2024 के बाद एक भी घटना नहीं हुई।
ऑर्गेनाइज्ड हड़ताल- जो पाकिस्तान में बैठे हुर्रियत के आका ऐलान करते थे और सालाना 132 दिन घाटी… pic.twitter.com/zZeKlRoXiI
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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकी अड्डों और ट्रेनिंग कैंपों को भारतीय सेना ने नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में 53 परियोजनाओं के साथ 59 हजार करोड़ का निवेश हुआ है जिससे विकास की नई राह खुली है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी तो आतंकवाद का पोषण करने वाली पार्टी है। श्री शाह ने कहा कि जब उरी में हमला हुआ तो हमने सर्जिकल स्ट्राइक की, पुलवामा हमले के जवाब में एयर स्ट्राइक की औऱ पहलगाम के बाद घर में घुसकर परखच्चे उड़ाने का काम हमने किया है।
कांग्रेस terrorism का पोषण करने वाली पार्टी है! pic.twitter.com/125r8Z8NH7
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श्री शाह ने कहा कि हमने 2019 में UAPA में संशोधन किया जिसके तहत 57 लोगों को आतंकवादी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि एनआईए (NIA) में संशोधन किया औऱ देश के बाहर जांच करने के अधिकार दिए हैं। एनएसए का सख्त उपयोग किया, 370 को निरस्त किया, पीएफआई को बैन किया, MAC को मज़बूत किया, आईसीजेएस (ICJS), नफीस (NAFIS) की स्थापना की, पीएमएलए (PMLA) से टेरर फायनेंसिंग को रोका और नेटग्रिड (NATGRID) के माध्यम से पूरे देश के आतंकी संगठनों को कम्प्यूटर के क्लिक पर रख दिया है। श्री शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार घुसपैठ और आतंकवादी घटनाओं को समाप्त करने के लिए कृत संकल्पित है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद शर्म अल शेख सम्मेलन हुआ जिसे पूरी दुनिया में बलूचिस्तान ब्लंडर के नाम से जानते हैं जिसमें प्रस्ताव रखा गया कि दोनों देश आतंकवाद के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई पाकिस्तान को आतंकवाद का शिकार कह सकता है क्या? विपक्षी पार्टी ने पाकिस्तान को सर्टिफिकेट दे दिया। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान से आतंकवाद नहीं रुकता है तब तक वार्ता नहीं हो सकती।