प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों को धन उपलब्ध कराने वालों, उन्हें बढ़ावा देने या सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने वालों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने ब्रिक्स देशों से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि इस खतरे से निपटने में ‘जीरो टॉलरेंस’ अपनाना जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले को सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला बताया। उन्होंने ब्रिक्स नेताओं का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है और इसमें किसी भी तरह का भेदभाव या दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और विश्व व्यापार संगठन जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए इन संस्थाओं को वर्तमान वास्तविकताओं के अनुरूप बनाना जरूरी है। पीएम मोदी ने ब्रिक्स की बहुध्रुवीयता और विविधता को इसकी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज को बुलंद करने के लिए प्रतिबद्ध है और विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए वित्तीय सहायता और तकनीक की जरूरत है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के ‘मल्टीलेटरलिज्म, आर्थिक-वित्तीय मामलों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर केंद्रित सत्र में कहा कि ब्रिक्स की विविधता और बहुध्रुवीयता इसकी सबसे बड़ी ताकत है और मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के दौर में ब्रिक्स की भूमिका और भी अहम हो गई है।
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) के ज़रिए ग्लोबल साउथ के देशों के विकास को मजबूती देने की बात कही। उन्होंने सुझाव दिया कि NDB को प्रोजेक्ट्स की मंजूरी में मांग आधारित सिद्धांत, दीर्घकालिक स्थिरता और मजबूत क्रेडिट रेटिंग पर ध्यान देना चाहिए। इससे ब्रिक्स के बहुपक्षीय सुधारों को विश्वसनीयता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने क्रिटिकल मिनरल्स और टेक्नोलॉजी की सप्लाई चेन को सुरक्षित और लचीला बनाने का आह्वान किया, ताकि कोई भी देश इनका दुरुपयोग न कर सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘AI for All’ के मंत्र पर काम कर रहा है और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा व गवर्नेंस में एआई का व्यापक उपयोग हो रहा है। उन्होंने Responsible AI के लिए वैश्विक मानक बनाने और डिजिटल कंटेंट की ऑथेंटिसिटी सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई। इसी दिशा में, भारत अगले साल ‘AI Impact Summit’ आयोजित करेगा, जिसमें सभी देशों से सहयोग की उम्मीद जताई गई है।