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क्या ये सच में किसान हैं या विदेशी फंडिंग मिली हुई है? मॉक ड्रिल के दिन किसानों के रेल रोको पर लोगों में गुस्सा…

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फोटो सोशल मीडिया

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। पाकिस्तान के साथ कभी भी लड़ाई शुरू हो सकती है। ऐसे में केंद्र सरकार बुधवार, 7 मई को मॉक ड्रिल करने जा रही है। इसका उद्देश्य युद्ध जैसी स्थिति में आम लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए तैयार करने का है। इस मॉक ड्रिल में युद्ध जैसे सीन क्रिएट किए जाएंगे। हवाई हमले के सायरन बजेंगे, शहरों की बिजली बंद की जाएंगी, बचाव के अभ्यास किए जाएंगे और आपातकालीन सेवाएं तत्काल लोगों तक पहुंचाएं जाएंगे। लेकिन इस युद्ध जैसे माहौल में कुछ किसान नेता आंदोलन के नाम पर रेल रोककर सेना की आवाजाही रोकने जा रहे है। कुछ किसान नेता इस जरूरी मॉक ड्रिल में बाधा पैदा करना चाहते हैं। आंदोलन के नाम पर कुछ किसान नेता सीमावर्ती इलाकों में सेना की तैयारी में रुकावट डालना चाहते हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने मॉक ड्रिल के दिन ही 7 मई को पंजाब के अमृतसर जिले में रेल रोको आंदोलन करने का ऐलान किया है। केएमएससी नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर 7 मई को रेल रोको आंदोलन करेंगे। अगर मांगे नहीं मानी जाती तो 8 मई को फिर से नाकाबंदी की जाएगी। इस आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि देश बाहरी खतरों के लिए तैयार है, लेकिन कुछ दलाल आंतरिक नौटंकी करने में व्यस्त हैं। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि पहले किसान नेता टिकैत पाकिस्तान के पक्ष में बोलता है। फिर युद्ध जैसे हालात में ये रेल रोको आंदोलन। ये सिर्फ इत्तेफाक है या कोई गहरी साजिश? क्या सच में इसमें किसान हैं? या इन्हें विदेशी फंडिंग मिली हुई है? आप भी देखिए किसानों के रेल रोको आंदोलन को लेकर लोग क्या कह रहे हैं…

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